बिहार: विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा-लखीसराय में पुलिस संरक्षण में बालू-दारू की तस्करी, SP लापरवाह
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय जिले के वीरुपुर थानाध्यक्ष की जमकर क्लास ली है। उन्होंने थानाध्यक्ष को कहा कि राजनीति ना करो, ठीक है। ये अच्छी बात नहीं है।
- थानाध्यक्ष थानाध्यक्ष की लगाई क्लास, बोले- राजनीति ना करो, ठीक है
लखीसराय। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय जिले के वीरुपुर थानाध्यक्ष की जमकर क्लास ली है। उन्होंने थानाध्यक्ष को कहा कि राजनीति ना करो, ठीक है। ये अच्छी बात नहीं है।
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बतौर क्षेत्रीय एमएलए विजय कुमार सिन्हा गुरुवार को बड़हिया में थे। वह डाकबंगला में लोगों की जनसमस्या सुन रहे थे। इसी दौरान पीड़ित पक्ष ने उन्हें पुलिसिया कार्रवाई के बारे में एक आवेदन दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिस स्टेशन इंचार्ज को बुलाया। विजय कुमार सिन्हा ने हर बार की तरह बालू और दारू के मुद्दे पर वीरुपुर थानाध्यक्ष को सार्वजनिक तौर पर फटकार लगायी। उन्होंने सरस्वती पूजा में प्रतिबंध के बावजूद आर्केस्ट्रा के आयोजन पर पुलिस की ओर से दर्ज FIR के मामले में चर्चा की। इस मामले में दो युवकों की अरेस्टिंग को राजनीति से प्रेरित बताया।
आर्केस्ट्रा के आयोजक और उद्घाटनकर्ता को छोड़ दर्शक को भेज दिया जेल
विधानसभा स्पीकर ने वीरुपुर थानाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि आर्केस्ट्रा के आयोजक और उद्घाटनकर्ता कौन थे।आखिर उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्दोष और मेरे लोगों को राजनीतिक चश्मे से न देखें। उन्होंने वीरुपुर थानाध्यक्ष से कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर दर्शक को जेल भेज देना कहां का औचित्य है।
स्पीकर ने कहा कि कार्यक्रम के वायरल वीडियो में स्टेज पर राइफल लेकर बैठे लोगों एवं नृत्य कराने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। गिरफ्तार गौतम महतो एवं अमित महतो बीजेपी कार्यकर्ता हैं, जो नृत्य देखने गयेथे। दोनों को घर से बुलाकर जेल भेज दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि जब आपके एरिया में उक्त आयोजन हो रहा था, तब आपलोग कहां थे। इस तरह के थानाध्यक्ष को फील्ड में नहीं रहना चाहिए। मैं इसपर सीएम एवं डीजीपी से बात कर कार्रवाई करने की मांग करूंगा। राजनीति ना करो, यही ठीक रहेगा।
पुलिस के संरक्षण में दारू और बालू की तस्करी व कालाबाजारी
विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि पुलिस के संरक्षण में दारू और बालू की तस्करी व कालाबाजारी हो रही है। इसमें व्यापक पैमाने पर बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। इसमें पुलिस भी संलिप्त है। जब सीएम एवं डीजीपी का दबाव आता है तो मामूली कार्रवाई करके पुलिस अपनी पीठ थपथपा लेती है। यह राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है। बेलगाम अपराध को रोकने के बदले पुलिस अवैध कमाई में लगी है। ऐसे भ्रष्ट एवं कमजोर पुलिस अफसरों को एरिया में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने लखीसराय के एसपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब-जब वे इलाके के लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाते हैं वे किसी न किसी बहाने कहीं निकल जाते हैं। जबकि वे विधानसभा अध्यक्ष के साथ लखीसराय के प्रतिनिधि भी हैं। यह क्षेत्र अपराध और नक्सल प्रभावित है। यदि इस क्षेत्र का माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया गया तो वे अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देकर आम जनता के पक्ष में सड़क पर आंदोलन शुरू कर सकते हैं। वे इसकी शिकायत राज्य के सीएम एवं डीजीपी से करेंगे।