Bihar : बिहार पुलिस की नयी ट्रांसफर पॉलिसी का प्रारूप तैयार, होम डिस्ट्रिक में नहीं मिलेगी पोस्टिंग

बिहार पुलिस में अब सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अफसरों की उनके होम डिस्ट्रिक या एरिया में पोस्टिंग नहीं की जायेगी। पुलिसकर्मियों का एक जिले या एरिया में दोबारा पोस्टिंग भी नहीं होगा, चाहे उस जिले में पहला कार्यकाल कितना भी छोटा क्यों न हो।

Bihar : बिहार पुलिस की नयी ट्रांसफर पॉलिसी का प्रारूप तैयार, होम डिस्ट्रिक में नहीं मिलेगी पोस्टिंग
बिहार पुलिस हेडक्वार्टर (फाइल फोटो)।
  • सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के ऑफिसर को होम डिस्ट्रिक में नहीं मिलेगी पोस्टिंग
  • एसपी पुलिस सभा बुलाकर पढ़ेंगे प्रारूप
  • चार सप्ताह में पुलिस हेडक्वार्टर को भेजा जायेगा सुझाव

पटना। बिहार पुलिस में अब सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अफसरों की उनके होम डिस्ट्रिक या एरिया में पोस्टिंग नहीं की जायेगी। पुलिसकर्मियों का एक जिले या एरिया में दोबारा पोस्टिंग भी नहीं होगा, चाहे उस जिले में पहला कार्यकाल कितना भी छोटा क्यों न हो।
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बिहार पुलिस हेडक्वार्टर ने नयी ट्रांसफर पॉलिसी का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस प्रारूप को सभी जिलों के आईजी-डीआईजी को भेजकर इसपर स्पष्ट मंतव्य की मांग की गयी है। इसके लिए सभी जिला एसपी को पुलिस सभा का आयोजन कर पुलिसकर्मियों व अफसरों से सुझाव एवं मंतव्य लेने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए प्रारूप की सभी कंडिकाओं को पढ़कर सुनाने को कहा गया है। सभी आइजी-डीआइजी को चार सप्ताह में इन सुझावों को पुलिस हेडक्वार्टर को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

ट्रांसफर व पोस्टिंग में विचारण के दौरान कर्मी की वरीयता को प्राथमिकता

सुझावों को शामिल करने के बाद ट्रांसफर पॉलिसी की नोटिफिकेशन जारी कर दी जायेगी। इसके बाद इसी नयी पॉलिसी के तहत सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के अफसरों का ट्रांफर पोस्टिंग किया जायेगा। प्रारूप के अनुसार, क्षेत्र अवधि पूरा होने पर ट्रांसफर कमेटी के द्वारा संबंधित पुलिसकर्मी या अफसरों का ट्रांसफर रैंडमाइज्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा।क्षेत्र से जिलों का आवंटन आइजी या डीआइजी की अध्यक्षता में गठित जिलावधि पूर्ण ट्रांसफर कमेटी के द्वारा योगदान के सात दिनों के अंदर किया जायेगा। इस प्रकार का ट्रांसफर वर्ष में एक बार ही किया जा सकेगा। किसी भी प्रकार के ट्रांसफर व पोस्टिंग में विचारण के दौरान कर्मी की वरीयता को प्राथमिकता दी जायेगी।
एक जिले में पांच साल, क्षेत्र में आठ साल का ही कार्यकाल
नई ट्रांसफर पॉलिसी के प्रारूप के अनुसार, सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों का एक जिले में अधिकतम कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। एक क्षेत्र या इकाई में भी कार्यकाल अधिकतम आठ वर्ष का होगा। क्षेत्रावधि की गणना समेकित रूप में होगी। यानी अगर किसी कर्मी या पदाधिकारी ने दो या उससे अधिक कार्यकालों में किसी क्षेत्र या इकाई में काम किया है, तो सभी कार्यकाल को मिलाकर अवधि की गणना की जायेगी। यदि किसी कर्मी ने सिपाही, ASI, SI, इंस्पेक्टर के रूप में काम किया है, तो सभी कोटियों में व्यतीत समय को मिलाकर अवधि पूर्ण होने की गणना की जायेगी।
ऐच्छिक पदस्थापन अधिकतम आठ सालों के लिए
बिहार पुलिस में वाइफ-हसबैंड के एक ही कार्यस्थल में पदस्थापन, बच्चों की पढ़ाई या परिवार की देखभाल के लिए किए जाने वाले ऐच्छिक पदस्थापन को लेकर भी प्रारूप में नीति तय की गई है। इसके तहत किसी भी पदाधिकारी या कर्मी का ऐच्छिक पदस्थापन पूरे सेवा काल में अधिकतम आठ सालों के लिए ही किया जा सकेगा। इसमें भी अपने गृह जिले से संबंधित क्षेत्र या ऐसा क्षेत्र जहां वह पूर्व में पदस्थापित रह चुके हैं, वहां पदस्थापन का अनुरोध नहीं किया जायेगा। ऐच्छिक पदस्थापन का अनुरोध सेवा के प्रारंभिक पांच सालों और अंतिम दो वर्षों में नहीं किया जा सकेगा। दो साल से कम की सेवा रहने पर रिटायरमेंट की निकटता के आधार पर भी होने वाले ट्रांसफर के मामलों में भी सुहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा। यह आवेदक का कोई अधिकार नहीं होगा।