बिहार: सीओ को अब मनचाही पोस्टिंग देगी सरकार, कामकाज का मूल्यांकन बनेगा अधार

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा है कि अब सीओ के ट्रांसफर जरूरत और काम के आधार पर होंगे। वह अपने वायदे पर कायम हैं कि बेहतर काम करने वाले अफसरों को मनचाही पोस्टिंग मिलेगी। खराब काम करने वाले किनारे किये जायेंगे।

बिहार: सीओ को अब मनचाही पोस्टिंग देगी सरकार, कामकाज का मूल्यांकन बनेगा अधार

पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा है कि अब सीओ के ट्रांसफर जरूरत और काम के आधार पर होंगे। वह अपने वायदे पर कायम हैं कि बेहतर काम करने वाले अफसरों को मनचाही पोस्टिंग मिलेगी। खराब काम करने वाले किनारे किये जायेंगे।
रामसूरत ने कहा कि उनकी प्राथमिकता काम है। इसके लिए हम अपने वेतन से ईनाम भी दे रहे हैं। लेकिन, कोई भी फैसला कोरोना संकट के समाप्त या कम होने के बाद ही लिया जायेगा।मिनिस्टर के आदेश के बाद विभाग ने सभी 534 सीओ के कामकाज का मूल्यांकन किया है। कोरोना के चलते विभाग लगभग बंद है। इसलिए सूची पर विचार करने का प्रोपोजल मिनिस्टर के पास नहीं भेजा गया है।
कई चीजों के आधार पर मूल्यांकन
काम का मूल्यांकन परिमार्जन, म्यूटेशन, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, मापी, लोक भूमि अतिक्रमण, जल निकाय अतिक्रमण मुक्ति अभियान एवं अभियान बसेरा में सीओ की सक्रियता के आधार पर किया गया है। पहले से ही इन कार्यों का मासिक आधार पर मूल्यांकन होता था। लेकिन, मिनिस्टर के कहने पर समग्रता में वार्षिक मूल्यांकन किया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 के मूल्यांकन में मधुबनी जिला के पंडौल के सीओ अव्वल आये हैं। उन्हें सौ में 99.20 अंक मिला है। उनके बाद थावे, इस्माइलपुर, बैकुंठपर, गोपालगंज सदर, मेजरगंज, बलरामपुर, चौसा,रामनगर, अलीनगर, राघोपुर, हुलासगंज मेसकौर आदि के सीओ का नम्बर है। सूची में आखिरी नम्बर पर रोहतास जिला के चेनारी के सीओ हैं। इन्हें सौ में सिर्फ 47.10 नम्बर मिला है।
सदर अंचलों में मिल सकती है तैनाती
राज्य के 534 में से 38 अंचल जिला मुख्यालयों में हैं। इन्हें सदर अंचल कहा जाता है। संभव है कि लिस्ट के टॉप 25 सीओ को सदर अंचलों में तैनाती मिले। खराब काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। लिस्ट की खास बात यह है कि बेहतर काम करने वाले सीओ लगातार अपनी रैंक में बने रहे। जबकि खराब काम करने वालों ने खुद में सुधार नहीं किया। 
यह हुआ था पिछले साल
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पिछले साल सीओ के ट्रांसफर को लेकर बड़ा विवाद हो गया था। तत्कालीन मंत्री राम नारायण मंडल की सहमति से ट्रांसफर की सूची जारी हो गई। सीएम नीतीश कुमार तक यह शिकायत पहुंची कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। यह देखने की जिम्मेवारी चीफ सेकरेटरी को दी गई। चीफ सेकरेटरी ने पूरे मामले की समीक्षा की। शिकायतों को हद तक सही पाया। संशोधन के बाद दूसरी लिस्ट जारी हुई।