बिहार: वैशाली में लोक अदालत का ऐतिहासिक फैसला, जज के फैसले से ढाई साल की बच्ची बन गई करोड़पति

बिहार के वैशाली में लोक अदालत में शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है।जज के फैसले से ढाई साल की बच्ची बन गई करोड़पति बन गयी है। उसकी मां को भी न्याय मिल गया है।

बिहार: वैशाली में लोक अदालत का ऐतिहासिक फैसला, जज के फैसले से ढाई साल की बच्ची बन गई करोड़पति

हाजीपुर। बिहार के वैशाली में लोक अदालत में शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है।जज के फैसले से ढाई साल की बच्ची बन गई करोड़पति बन गयी है। उसकी मां को भी न्याय मिल गया है।

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राजस्थान में रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले आइटी इंजीनियर शशिकांत सिंह के मामले में संभवत: देश में पहली बार वैशाली के जिला जज सत्येंद्र पांडेय की कोर्ट में 1.85 करोड़ रुपये के दावे पर मुहर लगी। नेशनल लोक अदालत में दावे के सेटलमेंट पर सभी पक्षों के बीच सहमति बन गई। देश में किसी लोक अदालत में निष्पादित किए जाने वाला भी संभवत: यह अब तक का सबसे बड़ा दावा वाद है।

राजस्थान के भिवाड़ी में रोड एक्सीडेंट में हो गई थी मौत

राजस्थान के भिवाड़ी स्थित आर-टेक ग्रुप में सिविल प्रोजेक्ट मैनेजर रहे हाजीपुर के शशिकांत सिंह की कंटेनर की ठोकर से 17 अगस्त 2018 को मौत हो गयी थी। मामलें में भिवाड़ी के अलवर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई थी। शशिकांत की मौत के बाद उनकी वाइफ इंदिरा इंदू सिंह ने वैशाली के जिला जज के कोर्ट में 146/2019 के तहत दावा वाद दायर किया था।

 दो करोड़ 16 लाख 61 हजार 300 का किया था दावा

हसबैंड की मौत पर वाइफ ने दो करोड़ 16 लाख 61 हजार 300 रुपये का दावा किया था। वैशाली के जिला जज एवं पक्ष-विपक्ष के वकील के साथ ही इंश्योरेंस कंपनी की आपसी सहमति के आधार पर 1.85 करोड़ रुपये विधवा महिला को देने की सहमति बन गई। जिला व्यवहार न्यायालय में संपन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को इस पर मुहर लग गई।

पिता की मौत के छह माह बाद हुई थी बच्ची

रोड एक्सीडेंट में शशिकांत के जान गंवाने के छह माह के बाद इंदू को बेटी हुई थी। पिता के नाम पर ही बेटी का नाम शशिका रखा है। घर में शशिकांत के पिता अक्षय कुमार सिंह एवं मां माया देवी भी हैं। दावे में मिलने वाली राशि से परिवार की परवरिश होगी।

जिला जज की पहल से परिवार को मिला न्याय

हाजीपुर कोर्ट में दायर दावा वाद में परिवार को न्याय दिलाने में सबसे अहम भूमिका वैशाली के जिला जज सत्येंद्र पांडेय ने निभाई। यूनिवर्सल सोंपो जेनरल इंश्योरेंस कंपनी के एडवोकेट राजेश कुमार शुक्ला, पीड़ित पक्ष के एडवोकेट अजय कुमार के साथ ही हादसे में मृत इंजीनियर की पत्नी एवं माता-पिता को बैठाकर कई दौर की बात की। इस दौरान आधा दर्जन बार उन्हें कंपनी के अधिकृत अफसर से बात भी करनी पड़ी। अंतत: सभी पक्षें की सहमति के आधार पर 1.85 करोड़ रुपये पर दावा वाद को निष्पादित कर दिया गया।

कोर्ट ने सभी सदस्यों का हिस्सा किया तय

जिला जज सत्येंद्र पांडेय ने इस मामले में रोड एक्सीडेंट में मारे गये परिवार के सभी सदस्यों का हिस्सा तय कर दिया है। परिवार के सदस्यों की आपसी सहमति के आधार पर मिली 1.85 करोड़ रुपये में सर्वाधिक 60 परसेंट राशि यानी एक करोड़ 11 लाख रुपये ढाई वर्ष की बच्ची शशिका को मिलेगी। वहीं वाइफ को 18 परसेंट राशि यानी 33 लाख 30 हजार रुपये और बूढ़े माता-पिता को 22 परसेंट यानी 40 लाख 70 हजार रुपये मिलेंगे। मासूम बच्ची की राशि उसके नाम से बैंक में फिक्स की जायेगी, जो उसके बालिग होने के बाद उसे मिलेगी।

राजस्थान के भिवाड़ी में कंटेनर के नीचे आ गये थे इंजीनियर

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित चौहान ट्रांसपोर्ट कंपनी के कंटेनर (एचआर 38टी 2183) के ड्राइवर ने 17 अगस्त 2018 को रात्रि के करीब 9.45 बजे हाजीपुर निवासी इंजीनियर शशिकांत सिंह को राजस्थान के भिवाड़ी के अलवर पुलिस स्टेशन एरिया में कुचल दिया था। इस मामले में ट्रांसपोर्ट कंपनी के साथ ही कंटेनर ड्राइवर को भी पार्टी बनाया गया था। ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से भी दावा वाद में जिला जज के कोर्ट पक्ष रखा गया था।

पहले एडवोकेट की भी रोड एक्सीडेंट में हो गयी मौत

पीड़ित पक्ष की ओर से वैशाली के जिला जज के कोर्ट में मामला दायर करने वाले एडवोकेट की भी रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। जिला जज के कोर्ट में 2019 में एडवोकेट महुआ के सलखन्नी के रहने वाले शशिभूषण प्रसाद ने दायर की थी। मामला दायर करने के बाद सुनवाई के दौरान ही महाराष्ट्र के मुंबई में अगले वर्ष ही एडवोकेट की मौत हो गई थी। बाद में इस मामले में अजय कुमार पीड़ित पक्ष के एडवोकेट बने।