बिहार: मुंगेर के श्रीकृष्ण सेतु का नीतीश व गडकरी ने किया लोकार्पण
मुंगेरवासियों का 20 साल का लंबा इंतजार आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया। सीएम नीतीश कुमार और सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी ने श्री कृष्ण सेतु का लोकार्पण किया।
20 साल बाद जनता को मिला तोहफा
पटना। मुंगेरवासियों का 20 साल का लंबा इंतजार आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया। सीएम नीतीश कुमार और सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी ने श्री कृष्ण सेतु का लोकार्पण किया।
मुंगेर जिले के लाल दरवाजा से मुंगेर खगड़िया रेल-सह-सड़क पुल के लोकार्पण के अवसर पर बिहार के दोनों डिप्टी सीएम और मुंगेर एमपी ललन सिंह, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और पंचायती राज्य मंत्र सम्राट चौधरी समेत कई मिनिस्टर व एमएलए उपस्थित रहे। वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े। रिमोट द्वारा लोकार्पण के शिलापट का पर्दा हटाया गया।
लाल दरवाजा टीका रामपुर के पास बने समारोह स्थल में 2000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी। समारोह एवं पुल को देखने के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग लाल दरवाजा पहुंचे थे। इस पुल के निर्माण के बाद अब लोगों को काफी सहूलियत हो गयी है। पहले जहां मुंगेर से खगड़िया एवं खगड़िया से मुंगेर आने में पहले नाव सेएक घंटे का समय लगता था। अब सड़क पुल चालू हो जाने से महज 12 से 15 मिनट में ही लोग दो जिले में अप डाउन कर सकेंगे।
रोड पर फर्राटे से बाइक व फोर व्हीलर भी दौड़ने लगे
रोड सह पुल पर आवागमन चालू हो जाने से फर्राटे से बााइक व फोर व्हीलर भी दौड़ने लगे हैं।अब बिजनस में भी चार चांद लग जायेगा। इस पुल के उद्घाटन से मुंगेर और खगड़िया के व्यापारी काफी खुश हैं। उल्लेखनीय है कि 20 साल पहले 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पुल का शिलान्यास दिल्ली से रिमोट से किया था। डबल डेकर इस पुल पर नीचे से ट्रेनें गुजरती हैं। ऊपर में वाहनों का परिचालन होगा। 12 मार्च, 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने ट्रेन परिचालन को हरी झंडी दिखाई थी। एप्रोच पथ नहीं बनने से वाहनों का परिचालन अबतक शुरू नहीं हो सका था। पुल की लंबाई 3.692 किमी है। मुंगेर और बेगूसराय तरफ से पुल के एप्रोच पथ की लंबाई कुल 14.5 किमी है।
पुल की विशेषता
696 करोड़ की लागत से बना है श्री कृष्ण सेतु।
बिहार के एक्स सीएम श्री कृष्ण बाबू के नाम पर रखा गया इसका नाम।
पुल की लंबाई 14.51 किलोमीटर है।
ऊपर मोटरगाड़ी तो नीचे रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ेंगी।
नीतीश कुमार के रेल मिनिस्टरी काल में लिया गया था निर्णय
श्री कृष्ण सेतु के निर्माण का निर्णय उस समय लिया गया था, जब बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारत सरकार में रेल मंत्री थे। यह पुल मुंगेर और बेगूसराय को जोड़ने वाला ब्रिज है। पुल निर्माण के दौरान टोपो लैंड के मुआवजा की राशि के पेमेंट के कारण यह प्रोजेक्ट धीमी हो गई थी। स्टेट गवर्नमेंट द्वारा अक्टूबर 2021 में विशेष पैकेज के द्वारा मुआवजे की कुल 57 करोड़ की राशि भुगतान की स्वीकृति प्राप्त होते ही इस पुल के निर्माण की जारी बाधायें दूर हो गई। अब ये पुल पूरी तरह जनता को समर्पित किया गया है।
14 वर्षों का इंतजार खत्म, सीएम ने किया घोरघट पुल का लोकार्पण
सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गंगा पर बने मुंगेर-खगड़िया श्रीकृष्ण सेतु के साथ-साथ साथ ही मुंगेर-भागलपुर सीमा पर नवनिर्मित घोरघट पुल का भी शुभारंभ किया। श्रीकृष्ण सेतु चालू होने के बाद मुंगेर से सीधा उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिले जुड़ गये हैं। घोरघट पुल शुरू होने से पटना को मु्ंगेर के रास्ते भागलपुर से जुड़ गया।घोरघट पुल 2007 में क्षतिग्रस्त हो गया था। 14 वर्षों के बाद यह पुल बनकर तैयार हुआ है। अब यात्री बसों व बड़े मालवाहक वाहनों का भी इस सड़क मार्ग से परिचालन शुरू हो जाएगा। घोरघट पुल की लंबाई दोनों तरफ के एप्रोच पथ को मिलाकर आठ सौ मीटर के आसपास है।
घोरघट पुल
2007 में घोरघट स्थित पुराने अंग्रेजों के बेली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के बाद बड़े वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया। 2009 में 11 करोड़ की लागत से पुल निर्माण का टेंडर निकाला गया, पुल निर्माण का कार्य 2011 में शुरू हुआ। भागलपुर की तरफ एक पाया टेढ़ा हो जाने, जमीन अधिग्रहण में कठिनाई तथा पुल निर्माण की लागत बढऩे के कारण कंपनी ने काम छोड़ दिया। 2020 में पुल निर्माण निगम को मिला काम। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को घोरघट पुल बनाने का काम दिया गया। निगम ने 2022 के जनवरी माह में पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया।