Bihar: तीन लाख का इनामी ओंकार अरेस्ट, आशुतोष शाही और बॉडीगार्ड की मर्डर केस में है वांटेड
बिहार में मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड की मर्डर केस में फरार आरोपी रनंजय ओंकार पकड़ा गया है। बिहार एसटीफ की टीम ने मुशहरी के दरधा से बुधवार की देर रात में ओंकार को दबोचा गया।
मुजफ्फरपुर। बिहार में मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड की मर्डर केस में फरार आरोपी रनंजय ओंकार पकड़ा गया है। बिहार एसटीफ की टीम ने मुशहरी के दरधा से बुधवार की देर रात में ओंकार को दबोचा गया।
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चार लोगों के मर्डर के आरोपी ओंकार पर पुलिस ने तीन लाख रुपये का इनाम जारी किया गया था। ओंकार ने गोविन्द के साथ मिलकर आषुतोष शाही की मर्डर साजिश रची थी। मर्डर के बाद से फरार ओंकार मुशहरी में एक परिचित के यहां किराये पर रह रहा था। बिहार एसटीएफ को उसकी भनक लगी। जिसके बाद उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। ओंकार पर मुजफ्फरपुर के कई पुलिस स्टेशन में मर्डर और रंगदारी के कांड दर्ज हैं। आशुतोष शाही के गुरु रहे एक्स मेयर समीर मर्डर केस में भी रनंजय ओंकार को आरोपी बनाया गया था।
पटना एसटीएफ की टीम ने देर रात छापेमारी कर उसे दबोचा।अब आशुतोष शाही मर्डर केस में वकील समेत तीनआरोपी फरार चल रहे। वर्ष 2023 की 21 जुलाई की रात लकड़ीढाही मोहल्ला में आशुतोष शाही व उनके चार बॉडीगर्ड को गोलियों से भून दिया गया था। इस मर्डर केस का मुख्य आरोपी मंटू शर्मा और गोविन्द को तमिलनाडु के रामेश्वरम से गिरफ्तार किया गया था। जबकि पूर्व वार्ड पार्षद शेरू अहमद और विक्कु शुक्ला को शहर से गिरफ्तार किया गया था। मर्डर केस के लिए पटना के जानीपुर के शूटर उज्जवल पर सीआईडी ने चार्जशीट की तैयारी की है। 16 जून से पहले उसपर चार्जशीट दाखिल की जायेगी।
प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही अपने तीन प्राइवेट बॉडीगार्ड के साथ 21 जुलाई, 2023 को की रात मुजफ्फरपुर टाउन पुलिस स्टेशन एरिया में अपने वकील सैयद कासिम हुसैन से मिलने उनके घर गये थे। इस दौरान बाइक सवार बदमाश आए औरवकील के घर में घुसकर आशुतोष शाही को गोली मार दी थी। इस गोलीबारी में आशुतोष शाही के बॉडीगार्ड भी मारे गये थे। इस दौरान बदमाशों ने 25 से 30 राउंड फायरिंग की थी। कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर शहर के कल्याणी चौराहा स्थित बेशकीमती जमीन पर कब्जा के विवाद में इस मर्डर केस को अंजाम दिया गया था। उस जमीन को आशुतोष शाही ने मुंहमांगी कीमत पर खरीद लिया था जो अन्य सिंडिकेट को गवारा नहीं था। उस जमीन पर कई लोगों की नजर थी। इस कांड में तीन बॉडीगार्ड अपनी ड्यूटी निभाते मारे गये। उनका इस विवाद से कुछ लेना देना नहीं था।