किताबें जल सकता है ज्ञान नहीं: PM नरेंद्र मोदी नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का उद्घाटन
पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का उद्घाटन किया। लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए पीएम कहा कि किताबें जल सकती हैं, लेकिन ज्ञान नहीं नष्ट हो सकता है।
- PM ने प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के खंडहर भी देखे।
बिहारशरीफ। पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का उद्घाटन किया। लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए पीएम कहा कि किताबें जल सकती हैं, लेकिन ज्ञान नहीं नष्ट हो सकता है।
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पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे शपथ के 10 दिनों के अंदर ही नालंदा आने का मौका मिला है। यह मेरे लिए भाग्य की बात है। मैं इसे देश के विकास के लिए भी शुभ संकेत के तौर पर देखता हूं।' उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि हमारा देश मानव मूल्यों को संरक्षित करता है। जानता है कि इतिहास को कैसे पुनर्वजीवित किया जाता है।
25 साल भारत के युवाओं के लिए अहम
उन्होंने कहा कि अमृत काल के 25 साल भारत के युवाओं के लिए बहुत अहम हैं। नालंदा यूनिवर्सिटी के हर छात्र के लिए भी यह काल महत्वपूर्ण है। यहां से निकलकर छात्र जिस भी क्षेत्र में जाएं, आपमेंमानवीय मूल्य की झलक दिखनी चाहिए। नालंदा की धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है। पीएम ने युवाओं से जिज्ञासु होनेकी अपील की। कहा कि अपने ज्ञान को समाज के हित में लगाएं। इससे नालंदा और पूरे भारत का गौरव बढ़ेगा।
उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में सहयोग के लिए सहयोगी देशों का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि बिहार जिस तरह से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है, नालंदा यूनिवर्सिटी का यह कैंपस उसी की प्रेरणा है। पीएम ने कहा कि नालंदा का अर्थ 'न अलं ददाति इति नालंदा', यानी जहां शिक्षा और ज्ञान का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षासीमाओं सेपरेहै। इसे नफा नुकसान के नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है।
पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और राष्ट्रीयता देखकर नहीं होता था। हरदेश और हर वर्ग के युवा यहां आते थे। हमें उसी तरह नये कैंपस को भी गति देनी है। कई देशों से यहां स्टूडेंट्स आने लगे हैं। 20 से ज्यादा देशों के स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। आनेवाले समय में नालंदा यूनिवर्सिटी विभिन्न देशों की संस्कृति के आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र बनेगी। यहां भारत और दक्षिण एशियाई देशों के आर्टवर्क पर काफी काम हो रहा है। इसके अलावा कई अन्य काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में कई बड़े वैश्विक संस्थान नालंदा यूनिवर्सिटी में एक साथ आए। इस साझा प्रयास से साझी प्रगति को नई ऊर्जा मिलेगी। भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है। हम सीखते हैं,ताकि हमारे ज्ञान से मानवता का भला कर सकें।
पीएम मोदी ने कहा कि दो दिन बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएं मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने बहुत गहन शोध किया, लेकिन किसी ने इस पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। भारत ने आयुर्वेद को भी पूरे विश्व के साथ साझा किया। स्वस्थ जीवन के स्रोत के रूप में इसे देखा जा रहा है। यह सस्टेनेबल लाइफ का उदाहरण है। नालंदा यूनिवर्सिटी का यह कैंपस भी इसी भावना को आगे बढ़ा रहा है। यह देश का पहला ऐसा कैंपस है जो नेट जीरो एनर्जी, एमिशन और नेट जीरो वॉटर पर काम करेगा।
पीएम ने कहा कि जब शिक्षा का विकास होता है तो अर्थव्यवस्था और संस्कृति भी मजबूत होती है। विकसित देश इसलिए आर्थिक रूप से सक्षम बने क्योंकि उन्होंने खुद को पहले शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत किया। प्राचीन काल में जब भारत शिक्षा के क्षेत्र में आगे था तब उसका आर्थिक विकास भी ऊंचाई पर था। पीएम मोदी प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के 1600 साल पुराने खंडहर भी गये। इस दौरान उनकी गाइड पटना सर्किल हेड गौतमी भट्टाचार्या बनीं। पीएम मोदी के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे।
17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए
नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस के लोकार्पण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के गवर्नर राजेंद्र आर्लेकर, सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा अन्य प्रतिनिधि शामिव हुए। 17 देशों के राजदूत भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।