ब्रिटेन ने Pfizer-BioNtech की कोरोना वैक्सीन को दी मंजूरी, टीके को मंजूरी देने वाला पहला देश बना , अगले वीक से देश में होगी टीकाकरण
ब्रिटेन ने जर्मनी की दवा कंपनी BioNTech और उसकी पार्टनर अमेरिकी दवा कंपनी Pfizer की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसे अगले वीक से देश भर में उपलब्ध कराया जायेगा।ऐसा करने वाला ब्रिटेन पहला देश बन गया है, जिसने घातक कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की शुरुआत कर दी है।
लंदन। ब्रिटेन ने जर्मनी की दवा कंपनी BioNTech और उसकी पार्टनर अमेरिकी दवा कंपनी Pfizer की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसे अगले वीक से देश भर में उपलब्ध कराया जायेगा।ऐसा करने वाला ब्रिटेन पहला देश बन गया है, जिसने घातक कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की शुरुआत कर दी है।
बताया जाता है कि ब्रिटेन में अगले वीक से देश भर में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण होगा। वैक्सीन 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में 94 परसेंट तक प्रभावी है।ब्रिटेन के चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी का कहना है कि फाइजर और बायोएनटेक की कोविड -19 वैक्सीन बीमारी के खिलाफ 95 परसेंट तक असरदार है।सामूहिक टीकाकरण के लिए सुरक्षित है। प्रसिद्ध और प्रमुख अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है। कंपनी ने हाल में दावा किया था कि टेस्टिंग के दौरान उसका टीका सभी उम्र, नस्ल के लोगों पर कारगर रहा।
ब्रिटेन गवर्नमेंट ने एमएचआरए को कंपनी द्वारा मुहैया कराये गये आंकड़ों पर गौर कर यह देखने को कहा था कि क्या यह गुणवत्ता, सुरक्षा और असर के मामले में सभी मानकों पर खरा उतरता है। ब्रिटेन को 2021 के अंत तक दवा की चार करोड़ खुराक मिलने की संभावना है। इतनी खुराक से देश की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण हो सकता है।
फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी के समक्ष भी कोरोना वायरस के उनके टीके को मंजूरी के लिए एक आवेदन सौंपा है। दोनों कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को सौंपे गये आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया को पूरा किया गया। उन्होंने इसे एजेंसी के समक्ष छह अक्तूबर को शुरू किया था। अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना ने अमेरिकी और यूरोपीय नियामकों से कोविड-19 के अपने टीके का आपातकालीन उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। प्रतिद्वद्वी कंपनी मॉडर्ना के इस अनुरोध के एक दिन बाद इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है। बायोएनटेक ने कहा है कि टीके को वर्तमान में बीएनटी162बी2 नाम दिया गया है और यदि यह मंजूर हो जाता है तो यूरोप में इसका इस्तेमाल 2020 के अंत से पहले शुरू हो सकता है।