Dhanbad : जेल में रहकर अमन सिंह ने की करोड़ों की कमाई! बिजनसैन से प्रतिमाह एक करोड़ की रंगदारी
उत्तर प्रदेश का कुख्यात शूटर व गैंगस्टर अमन सिंह धनबाद जेल में रहते हुए कोल समेत अन्य बिजनसमैन व डाक्टरों से प्रति माह करीब एक करोड़ रुपये तक रंगदारी वसूल रहा था। जेल के अंदर रहकर मोबाइल से ही क्राइम का नेटवर्क चला रहा था। जेल प्रशासन ने अमन को मोबाइल यूज करने की खुली छूट दी थी। रंगदारी में वसूली गयी रकम के बंटवारे में विवाद होने पर अमन को तीन दिसंबर को उसके लोगों द्वारा धनबाद जेल के अंदर गोलियों से भून दिया गया था।
- जेल प्रशासन से मिली थी मोबाइल इस्तेमाल की खुली छूट
- रंगदारी के लिए करता था मोबाइल का उपयोग
धनबाद। उत्तर प्रदेश का कुख्यात शूटर व गैंगस्टर अमन सिंह धनबाद जेल में रहते हुए कोल समेत अन्य बिजनसमैन व डाक्टरों से प्रति माह करीब एक करोड़ रुपये तक रंगदारी वसूल रहा था। जेल के अंदर रहकर मोबाइल से ही क्राइम का नेटवर्क चला रहा था। जेल प्रशासन ने अमन को मोबाइल यूज करने की खुली छूट दी थी। रंगदारी में वसूली गयी रकम के बंटवारे में विवाद होने पर अमन को तीन दिसंबर को उसके लोगों द्वारा धनबाद जेल के अंदर गोलियों से भून दिया गया था।
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जेल से फोन कर डॉक्टर व बिजनसमैन को धमकाता था अमन
अमन को जेल में मौत के घाट उतारने वाले उसके साथ मिलकर क्राइम करते रहे हैं। अमन का सहयोगी धनबाद के आशीष रंजन उर्फ छोटू ने उसकी मर्डर की जिम्मेदारी ली है। अमन सिंह किस तरह जेल में रहकर मोबाइल से रंगदारी के लिए डाक्टरों व बिजनसमैन को धमकी देता था, इसका एवीडेंस जेल के सीसीटीवी फुटेज हैं। हाइलेवल जांच व पुलिस इन्विस्टीगेशन में भी यह बात सामने आई है।
अमन सिंह के जेल से रंगदारी के चल रहे रैकेट की जानकारी शूटर सुंदर महतो उर्फ रितेश यादव, सतीश साव उर्फ गांधी एवं विकास रवानी उर्फ बजरंगी ने भी पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान दी है। इससे पहले अमन सिंह के भाई अजय सिंह ने भी धनबाद पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि अमन सिंह प्रत्येक महीने 30 से 35 लाख रुपये रंगदारी वसूलता है। पुलिस ने रंगदारी व वसूली के मामले में अमन के भाई समेत अन्य सहयोगियों को अरेस्ट कर जेल भेजा था। अमन का भाई धनबाद में रहकर उसकी क्राइम नेटवर्क को बढ़ा रहा था। कोल बिजनस में भी पैसा लगाता था।
रंगदारी वसूली के लिए जेल में करता था मोबाइल उपयोग
जेल में रहकर अमन सिंह धड़ल्ले से मोबाइल का उपयोग रंगदारी मांगने के लिए करता था। डा. समीर से रंगदारी मांगने के प्रकरण में जेल हॉस्पिटल से कॉल कर धमकाने का सीसीटीवी फुटेज मिला तो जेल मैनेजमेंट पर मिलीभगत का खुलासा हुआ। इस आरोप के बाद तत्कालीन जेल आइजी मनोज कुमार ने जेल सुपरिटेडेंट और जेलर को शोकाज किया था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जेलर अश्विनी तिवारी को सस्पेंड किया था। सुपरिटेडेंटअजय कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्टेट गवर्नमेंटसे अनुशंसा की थी। जेल में अमन सिंह की मर्डर के बाद पुराने दिनों की सीसीटीवी फुटेज की जांच में आया है। इससे पता चलता है कि जेल में लोग धड़ल्ले से मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि अभी इस मामले में तत्कालीन जेल सुपरिटेडेंट से कोई पूछताछ नहीं हुई है।
अमन के खिलाफ रंगदारी, मर्डर के दर्जन भर मामले दर्ज
जेल में रहते हुए रंगदारी मांगने और इसके लिए गोली चलवाने तथा मर्डर करने के दर्जन भर मामले अमन सिंह के खिलाफ हुए थे। इसमें हिलटाप आउटसोर्सिंग के मैनेजर कौशल पांडेय से 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने, गोविंदपुर में पेट्रोल पंप संचालक से रंगदारी मांगने और उसके पेट्रोल पंप में फायरिंग प्रमुख है।हालांकि पुलिस की लापरवाही से कई मामलों में अमन बरी भी हो गया था। अमन को कथित रुप से कानूनी मदद पहुंचाने में एक सब इंस्पेक्टर व दो पुलिसकर्मी पर भी आरोप लगा है। दोनों पुलिसकर्मी की गवाही नहीं होने से अमन को लाभ मिला और वह केस में बरी हो गया।
नीरज सिंह मर्डर केस शूटरों ने कोयलांचल को बनाया रंगदारी का सेफ जोन
धनबाद केएक्स डिप्टी मेयर व कांग्रेस लीडर नीरज सिंह एवं उनके तीन सहयोगियों को क्रिमिनलों ने सरायढेलास्टील गेट में 21 मार्च 2017 को गोलियों से छलनी कर दिया था। आरोप है कि उत्तर प्रदेश के डान मुन्ना बजरंगी के दायें हाथ माने जाने वाले धर्मेंद्र सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने ही अमन सिंह समेत सभी शूटरों को नीरज सिंह की मर्डर लिए उपलब्ध कराया था। नीरज सिंह के बाद धनबाद जेल पहुंचते ही अमन सिंह एवं रिंकू सिंह ने जेल से रंगदारी का खेल शुरू कर दिया। रिंकू सिंह अभी बेल पर जेल से बाहर है।
रिंकू सिंह का विश्वास जीतकर आशीष ने बढ़ाया अपना कद
अमन सिंह के लिए काम करने वाले धनबाद के आशीष रंजन उर्फ छोटू का पैसे के लेनदेन को लेकर अमन सिंह से विवाद हो गया था। इसके बाद आशीष ने रिंकू सिंह का विश्वास जीतकर क्राइम वर्ल्ड में अपना कद बढ़ाया। आशीष रंजन कई मर्डर केस में फरार है। वह बाहर रहकर अमन सिंह के लिए रंगदारी वसूली व मर्डर का काम कर रहा था।
धनबाद में खौफ का दूसरा नाम था गैंगस्टर अमन सिंह, जेल में बैठकर करवाता है सुपारी किलिंग
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस में यूपी एसटीएफ ने मिर्जापुर जेल के बाहर से मई, 2021 में अमन सिंह को अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंप दिया था। लेकिन पुलिस शायद यह नहीं जानती थी कि यही अमन सिंह आने वाले समय में धनबाद में आतंक का पर्याय बन जायेगा। कुछ माह पहले धनबाद पुलिस ने अमन की प्रेमिका सहित गैंग के 10 कुख्यात क्रिमिनलों को अरेस्ट कर को जेल भेजा है। अमन गैंग धनबाद व बोकारो के बिजनसमैन से रंगदारी वसूल रहा था। सुपारी लेकर लोगों की मर्डर भी कर रहा था।
शैलेश पटेल व राजू झा की मर्डर में अमन का हाथ
अमन सिंह गैंग ने गुजरात वालसाड के बीजेपी लीडर शैलेश पटेल का मर्डर कराया था। सुपारी लेकर उसके गैंग के आजमगढ़ निवासी वैभव यादव व अयोध्या निवासी आशीष उर्फ सत्यम ने दो और शूटरों के साथ मिल कर शैलेश पटेल को छलनी कर दिया था। वहीं, आसनसोल के बीजेपी नेता राजू झा की मर्डर भी अमन गैंग ने ही करवाई थी। दोनों मामले में अमन गैंग ने सुपारी किलिंग की। इसके अलावा, बरवाअड्डा कुर्मीडीह निवासी राजकुमार साव की हत्या भी एक सुपारी किलिंग थी।
नये युवकों को शामिल करने के लिए यूपी में रखा है गुर्गा
अमन का गुर्गा आशीष उर्फ सत्यम ने पुलिस को बताया था कि अमन सिंह यूपी में कम उम्र के लड़कों को गैंग में जोड़ने के लिए गुर्गे रखे हैं। इसमें सबसे खास संदीप तिवारी और संदीप मिश्रा है। ये लोग जेल जाने वाले कम उम्र के लड़कों पर ध्यान रखते हैंं। जेल में ही उन्हें अमन सिंह के बारे में बताया जाता है। बाहर आने के बाद उन्हें पैसे व दूसरे चीजों का लालच देकर गैंग में शामिल किया जाता है।
गैंग के दो कुख्यात हैं फरार
अमन सिंह गैंग के वैभव यादव सहित पुलिस ने 10 क्रिमिनलों को अरेस्ट कर जेल भेजा है। मगर जेसी मल्लिक निवासी आशीष रंजन उर्फ छोटू अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। छोटू को पकड़ने की पुलिस ने लाख कोशिश की मगर वह पकड़ा नहीं जा सका। आशीष रंजन पिछले दो वर्षों से लगातार फरार चल रहा है। उसके साथी अमर रवानी ने सरेंडर कर दिया था मगर आशीष का पता नहीं बताया। पुलिस के लिए आशीष की गिरफ्तारी चुनौती बन गई है।