Dhanbad Fire: डॉ हाजरा दंपत्ति के बेटे ने दर्ज कराई FIR, हॉस्पिटल में आग लगना किसी की साजिश
कोयला राजधानी धनबाद टाउन के फेमस डा. आरसी हाजरा हॉस्पिटल में आग लगने के बाद दम घुटने से डा. विकास हाजरा, उनकी वाइफ डा. प्रेमा हाजरा समेत पांच लोगों की मौत साजिश व संदेहास्पद है। मामले में डा. विकास हाजरा व डा. प्रेमा हाजरा के पुत्र आयुष हाजरा ने सोमवार की रात अननोन लोगों के खिलाफ बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। इसमें घर में साजिशपूर्वक आग लगाकर संपत्ति का नुकसान पहुंचाने व इससे उनके माता-पिता समेत पांच लोगों की गैर इरादतन मर्डर करने का आरोप है।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद टाउन के फेमस डा. आरसी हाजरा हॉस्पिटल में आग लगने के बाद दम घुटने से डा. विकास हाजरा, उनकी वाइफ डा. प्रेमा हाजरा समेत पांच लोगों की मौत साजिश व संदेहास्पद है। मामले में डा. विकास हाजरा व डा. प्रेमा हाजरा के पुत्र आयुष हाजरा ने सोमवार की रात अननोन लोगों के खिलाफ बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। इसमें घर में साजिशपूर्वक आग लगाकर संपत्ति का नुकसान पहुंचाने व इससे उनके माता-पिता समेत पांच लोगों की गैर इरादतन मर्डर करने का आरोप है।
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भाई-बहन ने कहा- पुलिस करे मामले की जांच
हॉस्पिटल में अगलगी से डॉक्टर हाजरा दंपत्ति समेत पांच लोगों की मौत घटना के तीन दिन बाद FIR दर्ज की गई है। बैंकमोड़ पुलिस स्टेशन की पुलिस ने आयुष हाजरा की कंपलेन पर गैर इराइतन मर्डर की IPC की सेक्शन 304, साजिशपूर्वक घर में आग लगाने की सेक्शन 436 व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की सेक्शन 438 के तहत FIR दर्ज किया है। FIR दर्ज होते ही पुलिस ने इन्विस्टीगेशन शुरू कर दिया है। आइपीसी की सेक्शन 304 के तहत अधिकतम सजा आजीवन कारावास का प्रावधान है।
डॉक्टर दंपत्ति के बेटे आयुष ने घटना को लेकर उठाए कई सवाल
हाजरा दंपत्ति के बेटे एमबीबीएस स्टूडेंट आयुष ने कहा है कि मुझे जानकारी मिली कि 28 जनवरी (27 की रात) को हॉस्पिटल कैंपस स्थित आवासीय भवन के पहले तल्ले में अचानक आग लग गयी। आग इतनी भयानक थी कि इसकी लपटें/धुआं इसी भवन के दूसरे तल्ले पर स्थित आवास में प्रवेश कर गये। इससे उनके माता-पिता तथा तीन अन्य लोग व एक पालतू कुत्ता की दम घुटने से मौत हो गयी तथा एक व्यक्ति सुनील मंडल अभी भी अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं।
आयुष ने आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि यह रहस्यमय आगजनी इरादतन साजिश का नतीजा है, क्योंकि इससे सिर्फ उनके निवास में रहनेवाले लोग ही प्रभावित हुए। यही नहीं, आवास का निकास छत पर खुले आसमान में जाता है, ताकि फंस गया आदमी का आसान बचाव हो सके। इसकी न तो सलाह दी गयी और न ही इसका इस्तेमाल किया गया। यही नहीं, जिस स्टोर आग लगने की शुरुआत बतायी जाती है, उसका उसके माता-पिता ने कभी इस्तेमाल नहीं किया था, लेकिन उस दिन किसी ने उसका इस्तेमाल किया था। संदिग्ध परिस्थितियों के कारण संपूर्ण मामले का इन्विस्टीगेशन ऐसा हो जिससे कांड के पीछे निहित रहस्य पर से पर्दा उठ सके।
आयुष हाजरा ने बैंकमोड़ पुलिस स्टेशन में कंपलेन में लिखा है कि आगजनी में उसके माता- पिता समेत पांच लोगों की मृत्यु हुई है। हॉस्पिटल में आग कैसे लगी यह पुलिस जांच का विषय है। पुलिस इस बात का पता लगाये कि आग कैसे लगी। जिस स्टोर रूम में आगजनी हुई है, वह अकसर बंद रहता था। वहां कोई भी नहीं जाता था। आखिर किसने उस दिन स्टोर खोला था। इतना ही नहीं जहां जिस कमरे में उसके माता-पिता फंसे थे, वहां से छत पर जाने के लिए रास्ता भी था। आखिर रेस्क्यू टीम को किसी ने यह जानकारी क्यों नहीं दी। उपरोक्त तीन बिंदुओं पर आयुष ने पुलिस गहन जांच पड़ताल की मांग की है। आवेदन पर आयुष हाजरा व प्रेरणा हाजरा (दोनों भाई-बहन) के साइन हैं।
अगलगी की घटना को बताया संदेहास्पद
पुलिसको दिये गये लिखित कंपलेन में आयुष ने बताया है कि 27 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि उनके घर में आगजनी हुई, जिसमें उसके माता-पिता समेत पांच लागों की मृत्यु हो गई है। घटना से वह और उसकी बहन सदमे में हैं। दोनों धनबाद में काफी दिनों से नहीं रह रहे थे। बाहर रहकर पढ़ाई करते थे। इसी बीच घर में घटना घटी। यह मामला पूरी तरह संदेहास्पद है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर पता लगाये कि आग कैसे लगी और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं।
आयुष हाजरा ने जिन बिंदुओं पर जांच की मांग की
आखिर घर में कैसे लगी आग
रेस्क्यू टीम को क्यों नहीं बताया गया कि उसके माता- पिता जहां थे, वहां से छत पर जाने का रास्ता था।
हॉस्पिटल के जिस स्टोर रूम में आगजनी हुई वह स्टोर अक्सर बंद रहता था। वहां उसके पिता भी नहीं जाते थे, फिर उस दिन स्टोर का इस्तेमाल कौन और क्यों किया।
उल्लेखनीय है कि डा. हाजरा फैमिली में संपत्ति का विवाद भी लंबे समय से चल रहा है। हादसे के बाद पहुंची आयुष की बहन बार-बार यह कह रही थी कि उसके माता-पिता की मर्डर हुई है।