धनबाद: चार कंप्यूटर व्यवसायियों से रंगदारी मांगने में PLFI के लोकल लिंक का खुलासा,एक युवक को अरेस्ट
उग्रवादी संगठन PLFI के नाम पर बैंक मोड़ के चार कंप्यूटर व्यवसायियों से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने लोकल लिंक का खुलासा कर लेने का दावा किया है। बैंक मोड़ पुलिस ने मामले में राजेश वधावन नामक युवक को बारामुड़ी ब्लैक डायमंडल कॉलोनी से दबोचा है।
- बैंक मोड़ पुलिस ने कतरास के राजेश वधावन को बारामुड़ी से पकड़ा
- तीन लेवल पर काम कर रहा है गैंग
- लोकल लिंक को सूचनाएं भेजने की जिम्मेवारी
- पीएलएफआइ के साथ सुजीत सिन्हा गैंग का टाइअप
धनबाद।उग्रवादी संगठन PLFI के नाम पर बैंक मोड़ के चार कंप्यूटर व्यवसायियों से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने लोकल लिंक का खुलासा कर लेने का दावा किया है। बैंक मोड़ पुलिस ने मामले में राजेश वधावन नामक युवक को बारामुड़ी ब्लैक डायमंडल कॉलोनी से दबोचा है। राजेश कतरास भगत मुहल्ला निवासी सुरेश चंद्र वधावन का पुत्र है। पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली है कि गैंग तीन लेवल पर काम कर रहा है। लोकल लिंक धनबाद के कारोबारियों के बारे में जानकारी हासिल कर घाघीडीह (जमशेदपुर) जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को भेजता है। जेल से संबंधित जानकारी पीएलएफआइ को भेजी जाती है। इसी आधार पर पीएलएफआइ का चूहा व्यवसासियों को वाट्सएप्प कॉल कर रंगदारी की मांग कर धमकी देता था।
ऐसे काम करता है गैंग
इंस्पेक्टर सह बैंक बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन ओसी रणधीर कुमार का कहना है कि कंप्युटर कारोबारियों से पीएलएफआइ के नाम रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस लोकल लिंक की तलाश कर रही थी। पुलिस को मामले में राजेश वाधवान का पता चला। वह पहले सूरज सिंह (अब मृत) गैंग के लिए काम करता था। सूरज सिंह के समय सुजीत सिन्हा गैंग का गुर्गा विक्की धनबाद आता-जाता था। राजेश की उसी दौरान विक्की से जान पहचान हुई थी। राजेश सराब का धंधा करता है। वह एक पार्टी से मोटी रकम रंगदारी वसूलकर दिल्ली भागने की फिराक में था।
ओसी का कहना है कि ढाई माह पहले विक्की ने वाट्सएप कॉल कर राजेश से बात कर कहा कि धनबाद में रंगदारी वसूलनी है। राजेश ने हामी भरी तो 30 नवंबर को विक्की धनबाद आकर उससे मिला। राजेश और विक्की बाइक से बरटांड़ बस स्टैंड से र पूजा टॉकिज-बैंक मोड़-टेलीफोन एक्सेंज रोड होते हुए धनसार से फिर बैंक मोड़ पहुंचे। विक्की के पास आर्म्स भी था। बैंक मोड़ में पुलिस पेट्रोलिंग टीम देखने के बाद दोनों बाइक से वापस बस स्टैंड लौट गये।इसके बाद विक्की वापस चला गया। पुलिस को पता चला कि दोनों कई लोगों को रेकी कर रहे हैं और रंगदारी वसूलने की फिराक में हैं। विक्की 13 दिसंबर को फिर धनबाद आकर राजेश से मिला और लौट गया। विक्की पहले भी धनबाद में बहुत दिनों तक रह चुका है, उसे इलाके के बारे में पूरी जानकारी है। ओसी के अनुसार रंगदारी मांगने मामले में PLFI मेंबर चूहा के साथ ही गैंगस्टर सुजीत सिन्हा, राजेश वधावन व विक्की नन एफआइआर एक्युज्ड बनेगा।
गैंगस्टर सुजीत का पीएलएफआइ से टाइअप
पुलिस का कहना है कि घाघीडीह जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का पीएलएफआइ उग्रवादियों से टाइअप है। इस गैंग के मेंबर राजधानी रांची व धनबाद सहित अन्य जिलों में काराबोरियों का नंबर इंटरनेट व लोकल लिंक से पता कर रहे हैं। नंबर हासिल कर पीएलएफआइ के नाम पर रंगदारी के लिए कॉल की जाती है।
फ्लैश बैक
मनईटांड़ निवासी कंप्यूटर व्यवसायी विशाल कुमार ने 30 नवंबर को बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया था। विशाल के मोबाइल पर वाट्सएप मैसेज आया था। मैसेज में पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (माओवादी संगठन) के परचा पर लिखा था कि संगठन को सहयोग राशि के रूप में 50 लाख भेज दो।अन्यथा संगठन द्वारा फौजी कार्रवाई की जायेगी। विशाल के अलालवा विकास झांझरिया, गोविंद अग्रवाल, गिरिधारी अग्रवाल उर्फ टिंकू अग्रवाल के मोबाइल पर भी इसी तरह का मैसेज भेजी गयी। इन लोगों से भी 50-50 लाख रुपये मांगी गयी थी। चूहा लगातार इन चारों को वीडियो कॉल कर रंगदारी मांग रहा था।