धनबाद: पत्थर में विस्फोट के कारण पहाड़ों से टूटकर रेल पटरी पर गिरे थे चट्टान, दुर्घटनाग्रस्त होने से बची थी राजधानी एक्सप्रेस
पत्थर में विस्फोट के कारण पहाड़ों से टूटकर ईसीआर धनबाद रेल डिवीजन के पिपराडीह-बरही रेल मार्ग पर रेलवे ट्रैक पर पहाड़ों के चट्टान गिरे थे। यह बड़ा खुलासा जांच में हुआ है।
रेलवे ने एनएचएआइ को किया सचेत
धनबाद। पत्थर में विस्फोट के कारण पहाड़ों से टूटकर ईसीआर धनबाद रेल डिवीजन के पिपराडीह-बरही रेल मार्ग पर रेलवे ट्रैक पर पहाड़ों के चट्टान गिरे थे। यह बड़ा खुलासा जांच में हुआ है।
नई दिल्ली से रांची जा रही राजधानी एक्सप्रेस के सामने 19 जून की सुबह पटरी पर पहाड़ों से टूटकर चट्टान गिरे थे। इससे राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार होते-होते बची। पहले माना जा रहा था कि बारिश की वजह से पटरी पर चट्टान गिरे हैं। लेकिन जांच में चट्टान गिरने के कारण विस्फोट बताया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद धनबाद रेल डिवीजन ने NHAI को सचेत किया है। भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।धनबाद के एडीआरएम इंफ्रा आशीष झा की अगुवाई में रेलवे अफसरों ने टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान एनएचएआइ के अफसरों के साथ बातचीत भी हुई।जांच के दौरान पता चला कि एनएचएआइ की तरफ से फोर लेन रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस दौरान पहाड़ को तोड़ने के लिए विस्फोट किया गया था। इसके बाद एक बड़ा चट्टान पटरी पर गिरा।
सुरक्षा के के उपाय
भविष्य में रेलवे ट्रैक पर चट्टान न आ जाएं इसके लिए ट्रैक के दोनों किनारे पर रेलवे ने गड्ढे भी खुदवा दिये गये हैं। रेलवे की ओर से एनएचएआइ से कहा गया कि भविष्य में विस्फोट न कराया जाए बल्कि पोकलेन से पत्थरों को तोड़कर हटाया जाए। पिछले 19 जून की सुबह इस रेल रुट पर पहाड़ों से खिसक कर चट्टान गिर गए थे जिससे रेल परिचालन ठप हो गया था। सुबह में ट्रैक पर पत्थर गिर जाने से ट्रेन को नुकसान पहुंचा। इस दौरान लगभग चार घंटे तक इस ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा।
ड्राइवर की सावधानी से टला था हादसा
राजधानी एक्सप्रेस के घाट सेक्शन से गुजरने के दौरान पोल संख्या 415 के पास रांची राजधानी एक्सप्रेस के इंजन पर लैंडस्लाइड के कारण चट्टान का बड़ा टुकड़ा गिर गया। ट्रेन की स्पीड तेज होने के कारण इंजन चट्टान से टकराते हुए आगे निकल गई। हालांकि आगे बढ़ने के साथ ही ड्राइवर ने ट्रेन को सेकंड टनल के पास रोक दिया। आनन-फानन में उस ट्रैक पर पीछे से आ रही ट्रेनों को रोकना पड़ा।