धनबाद: वीर बाल दिवस में सिख समुदाय ने निकाली विशेष रैली
वीर बाल दिवस के अवसर पर माता गुजर कौर और चार साहिबजादे के बलिदान दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली आयोजित की गयी। चार साहबजादों का तैल चित्र आकर्षक गाड़ियों में सुशोभित था। भुजंगी बच्चे और नगर कीर्तन करती महिला संगत ने सभी को भावविभोर कर दिया।
धनबाद। वीर बाल दिवस के अवसर पर माता गुजर कौर और चार साहिबजादे के बलिदान दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली आयोजित की गयी। चार साहबजादों का तैल चित्र आकर्षक गाड़ियों में सुशोभित था। भुजंगी बच्चे और नगर कीर्तन करती महिला संगत ने सभी को भावविभोर कर दिया।
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26 दिसंबर 1704 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों को मुगल शासक ने दीवारों में ईंटें लगाकर जिंदा चिनवा दिया था। इसी वर्ष से भारत सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया है। धनबाद में भी सिख समुदाय की ओर से यह विशेष दिवस अनूठे अंदाज में मनाया गया।
माता गुजरी और चारों साहिबजादों के बलिदान की दास्तांर सुनायी गयी
बलिदानी दिवस के अवसर पर गुरुनानकपुरा गुरुद्वारा जोड़ाफाटक से लेकर मटकुरिया गुरुद्वारा तक लगभग एक हजार बच्चों ने केसरी दस्तार पहनकर रैली निकाली। माता गुजरी और चारों साहिबजादों के बलिदान के बारे में लोगों को बताया। रैली चार साहिबजादों और माता गुजरी को समर्पित की गई। गुरुनानकपुरा जोड़ाफाटक गुरुद्वारा से प्रारंभ होकर रैली पुराना बाजार, बैंक मोड़ बड़ा गुरुद्वारा होते हुए मटकुरिया श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचकर संपन्न हुई।
धर्म की रक्षा के लिए नहीं झुकाया मुगलों के आगे शीश
सिख धर्म की रक्षा के लिए खुद की जान तक कुर्बान कर दी, लेकिन बर्बर मुगलों के सामने शीश नहीं झुकाया। न अपना धर्म बदला और न ही अंतिम समय तक झुकने को तैयार हुए। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की याद में यह आयोजन किया गया। रास्ते भर कीर्तन कर संगतों को कीर्तन मंडली ने निहाल किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में बैंक मोड़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, गुरुनानकपुरा श्री गुरु सिंह सभा और मटकुरिया श्री गुरु सिंह सभा कमेटी के सदस्यों का विशेष योगदान रहा।