धनबाद: IIT ISM के स्टूडेंट्स ने invented की नई टेकनीक, अब किसी भी मेटल पर लगा QR Code आसानी से होगा स्कैन
अब किसी मेटल के ऊपर लगा क्यूआर कोड अब आसानी से पढ़ा जा सकेगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन भी किया जा सकेगा। IIT ISM के स्टूडेंट्स ने नई टेकनी invented किया है।
धनबाद। अब किसी मेटल के ऊपर लगा क्यूआर कोड अब आसानी से पढ़ा जा सकेगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन भी किया जा सकेगा। IIT ISM के स्टूडेंट्स ने नई टेकनी invented किया है।
स्टेडेंट्स यह नई टेकनीक एक कंपीटीशन के दौरान invented की। टाटा क्रूसिबल हैकथॉन की ओर से कंपीटीशन आयोजित की गई थी। इस कंपीटीशन में पांच समस्या दिया गया था। जिसमें किसी एक समस्या का समाधान खोजना था।आइआइटी-आइएसएम की टीम ने उन पांच समस्याओं में से एक-मैटल पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करने की टेकनीक invented कर समस्या का समाधान निकाला। इस कंपीटीशन में आइआइटी आइएसएम धनबाद की टीम आइएसएमआइटस राष्ट्रीय विजेता बनी।
मेटल के ऊपर क्यूआर कोड स्कैनिंग में थी प्रोबलम
स्टूडेंट्स ने बताया कि आमतौर पर धातू पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने में काफी परेशानी होती है। खासतौर पर जब वह पुराना हो जाता है या उसमें स्क्रैच हो जाता है या जंग लग जाता है। कभी-कभी लाइट पड़ने से भी स्कैन नहीं हो पता है। यहां तक की अच्छे से अच्छा स्कैनर भी उसे स्कैन नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि हमलोगों ने मशीन लर्निंग आर्टिफिशयल टेकनीक का उपयोग कर एक ऐसा स्कैनर बनाया है जो मेटल के क्यूआर कोड को स्कैन कर लेगा। चाहें वह कैसा भी धातु हो। इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट के फार्म में बनाया गया है। ताकि इसका कोई भी आसानी से इस्तेमाल कर सके।
डेढ़ लाख रुपये कैश प्राइज
कंपीटीशन में आइएसएम आइटस ने इंडिया में तीन हजार टीमों पूरे नॉर्थ रीजन के विजेता के रूप में उभरे। जहां उन्हें 70 हजार रूपये का प्राइज मिला। वहीं नेशनल लेनव राउंड में राष्ट्रीय विजेता बनी। इसके लिए टीम को डेढ़ लाख का कैश प्राइज देकर सम्मानित किया गया।
टीम के मेंबर:अमन कुमार, अमन हर्ष, ज्ञानेंद्र दास, आस्था सिन्हा।