धनबाद: बाघमारा में 850 रुपये व झरिया एरिया में 650 रुपये प्रति टन कोल लोडिंग में देनी पड़ती है रंगदारी: बीएन सिंह
इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के प्रसिडेंट बीएन सिंह ने कहा है कि झारखंड में गवर्नमेंट बदल गयी लेकिन धनबाद जिले में कोयला लोडिंग में रंगदारी नहीं रूकी है। अब नये-नये चेहरे भी लोडिंग पर रंगदारी मांग रहे हैं। बाघमारा इलाके में बीसीसीएल के एरिया एक से चार में 850 रुपये प्रति टन व एरिया 5 से 12 में 400 से लेकर 650 रुपये प्रति टन लोडिंग में रंगदारी वसूली जा रही है
- स्टेट में गवर्नमेंट बदलने के बाद भी नहीं रुकी रंगदारी, अब नये लोग भी मांग रहे हैं रंगदारी
- इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 87 वां वार्षिक आम सभा में प्रसिडेंट बीएन सिंह ने कहा
धनबाद। इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के प्रसिडेंट बीएन सिंह ने कहा है कि झारखंड में गवर्नमेंट बदल गयी लेकिन धनबाद जिले में कोयला लोडिंग में रंगदारी नहीं रूकी है। अब नये-नये चेहरे भी लोडिंग पर रंगदारी मांग रहे हैं। बाघमारा इलाके में बीसीसीएल के एरिया एक से चार में 850 रुपये प्रति टन व एरिया 5 से 12 में 400 से लेकर 650 रुपये प्रति टन लोडिंग में रंगदारी वसूली जा रही है। वह बुधवार को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 87वीं वार्षिक आमसभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुछ लीडर के संरक्षण में हर लोडिंग प्वाइंट पर रंगदारी वसूली जा रही है। बीसीसीएल की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।कोल इंडिया की नीलामी की नयी नीति लागू होने के बाद कुछ फर्जी इकाइयां भी बन गयी है, जो अपने नाम पर कोयला का कोटा आवंटित करवा रही हैं। ये लोग लिंकेज ऑक्शन या ई ऑक्शन का भी लाभ उठा कर कोयले की ब्लक मार्केटिंग कर रहे हैं। बीएन ने कहा कि जब से कोयला को आवश्यक वस्तु अधिनियम (7 इसी) से हटाया गया है, तब से ऐसे तत्व इस धंधे में बढ़ गये हैं. सीआइएल से आग्रह है कि हार्डकोक ईकाइयों को एफएसए (फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट) के माध्यम से कोयला आवंटन कराया जाये।
कंट्रेक्ट पर चल रही है बीसीसीएल
बीएन सिंह ने कहा कि कोलियरियों के नेशनलाइजेशन का लाभ इंडस्ट्रीज को नहीं मिल रहा है। नेशनलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य साइंटिफिक माइनिंग कर कोकिंग कोल का प्रोडक्शन करना था। लेकिन अब सब कुछ उलटा हो रहा है। कंट्रेक्ट पर कोल का प्रोडक्शन हो रहा है। अगर कंट्रेक्ट पर ही सब कराना था, तो नेशनलाइजेशन की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल स्टफ को टाइम पर सैलरी नहीं मिलरही है। कोल प्रोडक्शन कंट्रेक्ट पर होरहा है। गवर्नमेंट कोलियरियों को फिर से प्राइवेटाइजेशन करें, ताकि कोयला अधारित इंडस्ट्रीज को लाभ मिल सके।
हार्डकोक इंडस्ट्रीज को एनुअल 40 लाख मीट्रिक टन कोल की जरुरत
उन्होंने कहा कि हार्डकोक इंडस्ट्रीज को एनुअल 40 मीट्रिक टन कोल की जरुरत है। कोल कंपनी हार्डकोक इंडस्ट्रीज को 10 से 20 परसेंट ही कोयला क्वालिटी का कोयला उपलब्ध कराया जाता है। हार्डकोक को चलाने के लिए स्पेशल क्वालिटी की कोल जरूरी है। पहले कोल की क्वालिटी व डिस्ट्रीब्युशन की देख-रेख कोल कंट्रोलर ऑफिस करता था। लेकिन वर्ष 2000 से इसे अप्रभावी कर दिया गया। इसके बाद कोल कंपनियां अपनी मनमानी करती है। हार्डकोक इंडस्ट्रीज को 9, 10,11, 12 सीम का कोकिंग कोल चाहिए या फिर एचबीएमवी कोल। लेकिन कोल कंपनियां हार्डकोक इंडस्ट्रीज को 5, 6, 7, 8, 9,10 आदि संयुक्त सीम का कोयला देती है।
डीवीसी को गवर्नमेंट पैसा नहीं दे रही है, इसमें कंज्यूमर की क्या गलती
उन्होंने कहा कि बिजली की लचर व्यवस्था से हार्डकोक इंडस्ट्रीज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रोडक्शन 50 परसेंट गिर गया है। स्टेट गवर्नमेंट अगर डीवीसी को पैसा नहीं दे रही है, तो इसमें कंज्यूमर की क्या गलती है। इंडस्ट्रीज की ओर से रेगुलर बिजली बिल दिया जा रहा है। इसके बावजूद 12 से 14 घंटे ही बिजली नहीं मिल रही हैष
इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 87वीं वार्षिक आमसभा बुधवार को इंडस्ट्रीज भवन, जोड़ाफाटक में हुई। इसमें हार्डकोक इंडस्ट्रीज की दशा व दिशा पर डिटेल चर्चा की गयी। आम सभा में अध्यक्ष बीएन सिंह, वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा, उपाध्यक्ष रतन लाल अग्रवावल, योगेंद्र नाथ नरूला, रतन लाल अग्रवाल, दीपक कुमार पोद्दार, राम कुमार अग्रवाल, सज्जन खरकिया, अमितेश सहाय, सचिदा नंद सिंह, इंदर मोहन मेनन, कैलाश प्रसाद अग्रवाल, केदार नाथ मित्तल, रामेश्वर दयाल अग्रवाल, अमित डोकानिया, नवीन कुमार सिन्हा सहित 31 मेंबर उपस्थित थे।
21 वीं बार इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के प्रसिडेंट बने बीएन सिंह
वार्षिक आम सभा के बाद एसोसिएशन की नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया। सर्वसम्मति से बीएन सिंह को अध्यक्ष, एसके सिन्हा को वरीय उपाध्यक्ष व रतन लाल अग्रवाल को उपाध्यक्ष चुना गया। बीएन सिंह वर्ष 1999 से लगातार इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स का प्रसिडेंटबन रहे हैं।एसोसिएशनकी कार्यकारिणी में योगेंद्र नाथ नरूला, रतन लाल अग्रवाल, दीपक कुमार पोद्दार, राम कुमार अग्रवाल, सज्जन खरकिया, अमितेश सहाय, सचिदा नंद सिंह, इंदर मोहन मेनन, कैलाश प्रसाद अग्रवाल, केदार नाथ मित्तल, रामेश्वर दयाल अग्रवाल, अमित डोकानिया, नवीन कुमार सिन्हा, सचिदा नंद सिंह, रमेश कुमार गुटगुटिया, अनिल सावंरिया, सज्जन कुमार अग्रवाल, सुनिल कुमार अग्रवाल को शामिल किया गया है।