एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस: शूटर अमन को झारखंड की जेल में खतरा, कोर्ट से गुहार, UP भेज दिया जाए

कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर समेत चार लोगों की मर्डर मामले में एमपी एमएलए के लिए गठित स्पेशल कोर्ट में जज अखिलेश कुमार की अदालत में सोमवार को शूटर अमन सिंह का सफाई बयान दर्ज कराया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया से बात करते हुए शूटर अमन सिंह ने कहा कि वह झारखं के किसी भी जेल में नही रहना चाहता है। उसे अपनी जान को खतरा है। कोर्ट से आग्रह है कि मुझे यूपी के जेल में भिजवा दी जाए। 

एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस: शूटर अमन को झारखंड की जेल में  खतरा, कोर्ट से गुहार, UP भेज दिया जाए

धनबाद।कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर समेत चार लोगों की मर्डर मामले में एमपी एमएलए के लिए गठित स्पेशल कोर्ट में जज अखिलेश कुमार की अदालत में सोमवार को शूटर अमन सिंह का सफाई बयान दर्ज कराया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया से बात करते हुए शूटर अमन सिंह ने कहा कि वह झारखं के किसी भी जेल में नही रहना चाहता है। उसे अपनी जान को खतरा है। कोर्ट से आग्रह है कि मुझे यूपी के जेल में भिजवा दी जाए। 

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अमन ने कहा कि हमे झारखंड के जेलों में प्रताड़ित किया जा रहा है। मेरे परिवार के लोगों को भी पुलिस गलत तरीके से फंसा रही हैं। कोर्ट से भी आज हम यूपी जेल भेजने की मांग किए हैं।यह बयान पहले भी दे चुका हूं। झारखंड के जेल में मुझे जान का खतरा है। अमन सिंह को कड़ी सुरक्षा के साथ दुमका जेल से धनबाद लाकर बयान दर्जा कराया गया।अपने सफाई बयान में अमन सिंह ने कोर्ट में कहा कि मर्डर केस में उसे फंसाया जा रहा है। उससे पहले तो झारखंड हम कभी आये भी नहीं थे। धनबाद एसआईटी टीम यूपी पुलिस की मदद से मेरे घर से जबरन पकड़ कर मुझे सरायढेला पुलिस स्टेशन लाई।र सादे कागज पर साइन करा लिया।

फ्लैश बैक

सरायढेला में 21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज समेत चार की मर्डर
नीरज सिंह अपनी फारर्च्यूनर कार (जेएच10एआर-4500) से 21 मार्च 2017 की संध्या सात बजे सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। सरायढेला स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। कार पर गोलियों की बरसात कर दी थी। चारों और से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। सबसे पीछे बैठा अदित्य राज बच गया था। पुलिस ने मामले में संजीव सिंह, संजय सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, पंकज सिंह, विनोद सिंह, अमन सिंह, चंदन सिंह उर्फ रोहित सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, सागर सिंह उर्फ शिबू को जेल भेजा था। 26 जून, 2017 को केस के आइओ निरंजन तिवारी ने कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट समर्पित किया था। पांच जुलाई 2017 को अदालत ने उपरोक्त आरोपितों के खिलाफ भादंवि की धारा 302/120 (बी) एवं आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत संज्ञान लिया था।