गिरिडीह:बाल गृह बालिका सील, लड़कियों पर जुल्म, नहीं देते थे भरपेट भोजन, प्रताड़ना,संचालिका व बेटा फरार
गिरिडीह जिला प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग द्वारा गिरिडीह के मोहनपुर में संचालित बलिकाओं के बाल सुधार गृह को सोमवार को सील कर दिया। इसका संचालन करनेवाली एजेंसी समन्वय संस्थान का रजिस्ट्रेशन कर दिया है। यहां रहने वाली लड़कियों को सुरक्षा के बीच सोमवार को धनबाद और दुमका बाल सुधार गृह शिफ्ट किया गया है। संचालिका व उसके पुत्र पर बालगृह में रहने वाली लड़कियों को प्रताड़ित करने समेत अन्य गंभीर आरोप लगे हैं।
- 11 लड़कियों में छह दुमका और पांच धनबाद शिफ्ट की गयीं
- मोहनपुर में जिला समाज कल्याण विभाग कर रहा था संचालित
- संचालन करनेवाली एजेंसी समन्वय संस्थान का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
गिरिडीह। जिला प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग द्वारा गिरिडीह के मोहनपुर में संचालित बलिकाओं के बाल सुधार गृह को सोमवार को सील कर दिया। इसका संचालन करनेवाली एजेंसी समन्वय संस्थान का रजिस्ट्रेशन कर दिया है। यहां रहने वाली लड़कियों को सुरक्षा के बीच सोमवार को धनबाद और दुमका बाल सुधार गृह शिफ्ट किया गया है। संचालिका व उसके पुत्र पर बालगृह में रहने वाली लड़कियों को प्रताड़ित करने समेत अन्य गंभीर आरोप लगे हैं।
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बाल गृह बालिका में ढाई साल से लड़कियों पर जुल्म हो रहा था। संस्था संचालिका व उसका बेटा लड़कियों को प्रताडि़त कर रहे थे। बाल गृह में रहनेवाली बच्चियों से वर्ष 2018 से ही लगातार कंपलेन मिल रही थीं। उनके द्वारा कई गंभीर आरोप लगाये जा रहे थे। जिला निरीक्षण समिति, बाल कल्याण समिति और जिला बाल संरक्षण इकाई ने जांच में इन आरोपों की पुष्टि की। जांच में कहा गया था कि बाल गृह की अधीक्षक शोभा कुमारी किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और झारखंड किशोर न्याय नियम, 2017 का उल्लंघन करते हुए मनमानी कर रही हैं।शोभा कुमारी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।
कंपलेन के बाद राहुल सिन्हा ने सरकार को मामले की जानकारी दी। बाल गृह संचालन कर रही कोडरमा की संस्था समन्वय को टर्मिनेट कर दिया गया है। यहां रह रही 11 लड़कियों को मेडिकल जांच कराने के बाद बाल संरक्षण समिति और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की देखरेख में सोमवार को धनबाद और दुमका शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद बाल गृह को सील कर दिया गया। संचालिका शोभा कुमारी और संस्था के नाइट गार्ड सह संचालिका के पुत्र अभय आनंद के खिलाफ एपआइआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
सुघार गृह से तीन-तीन बार भाग चुकी हैं बच्चियां
जिला निरीक्षण समिति, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और एसडीएम ने कई बार मामले की जांच की। जांच में कई गड़बड़िया मिली थी। बाल सुधार गृह की अधीक्षक शोभा कुमारी और नाइट गार्ड के रूप में कार्यरत उसका पुत्र अभय आनंद अपनी पहुंच के कारण हमेशा बचते रहे। जांच में पता चला कि बाल सुधार गृह से तीन-तीन बार बच्चियां प्रताड़ना के कारण भाग चुकी हैं। वर्ष 2020 की तीन अगस्त, 2020 को बच्चियों के भागने की तीसरी घटना घटी थी।
शोभा ने अपने बेटे को बना दिया नाइट गार्ड
बाल सुधार गृह कीसंचालिका शोभा कुमारी ने अपने पुत्र अभय आनंद को नाइट गार्ड के रूप में तैनात कर रखा था। यहां अभय के आने-जाने की बात से किसी को कोई एतराज नहीं था।आरोप है कि नाइट ड्यूटी के टाइम अभय आनंद बालगृह में लगे सीसीटीवी कैमरे को अपने मोबाइल और लैपटॉप से कनेक्ट कर लड़कियों की अश्लील फोटो सेव रखता था। इन बातों की जानकारी एक साल पहले ही बाल संरक्षण समिति और सीडब्ल्यूसी को हुई थी। दोनों ही समाज कल्याण विभाग को जांच रिपोर्ट दी थी। बावजूद समाज कल्याण विभाग ने कार्रवाई के लिए कोई ठोस पहल नहीं की।
यह है मामला
बाल गृह की संचालिका शोभा कुमारी कोडरमा की रहने वाली हैं। संचालिका और बेटे पर लड़कियों को प्रताडि़त करने के पहले भी आरोप लगे थे। तब तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह ने 2019 में पूर्व एसडीएम राजेश प्रजापति को जांच का निर्देश दिया था। उन्होंने जांच में मामला सही पाया था। बावजूद समाज कल्याण विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इधर मामला डीसी राहुल सिन्हा तक भी पहुंचा। दोबारा जांच का जिम्मा बाल संरक्षण समिति और सीडब्ल्यूसी को दिया गया। यह बाल गृह बालिका 2016 से चल रहा है। 2019 से इसके विरुद्ध जांच भी चल रही थी।