हरियाणा: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को गुपचुप ढंग से दी गई एक दिन की पैरोल
हरियाणा गवर्नमेंट ने गुपचुप ढंग से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 24 घंटे की पैरोल दी थी। 52 साल का राम रहीम अभी अपनी दो शिष्याओं का रेप के मामले में रोहतक की हाइ सिक्युरिटी सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।
- स्टेट गवर्नमेंट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दी थी 24 घंटे की पैरोल
चंडीगढ़। हरियाणा गवर्नमेंट ने गुपचुप ढंग से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 24 घंटे की पैरोल दी थी। 52 साल का राम रहीम अभी अपनी दो शिष्याओं का रेप के मामले में रोहतक की हाइ सिक्युरिटी सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।
गुरमीत राम रहीम को गुरुग्राम के एक हॉस्पीटल में एडमिट अपनी बीमार मां से मिलने के लिए 24 अक्टूबर को एक दिन की पैरोल दी गई थी। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 24 अक्टूबर को पैरोल मिलने के बाद डेरा चीफ कड़ी सुरक्षा में सुनारिया जेल से गुरुग्राम के हॉस्पीटलल ले जाया गया था। राम रहीम शाम तक हॉस्पीटल में अपनी मां के साथ रहा था।
राम रहीम की सुरक्षा के लिए जेल से हॉस्पीटल तक हरियाणा पुलिस की तीन कंपनियां तैनात की गई थीं। र हर कंपनी में 80-100 जवान शामिल थे। उसे जेल से निकालकर बाहर ले जाने के लिए पर्दे लगी पुलिस की गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था। गुरुग्राम में पहुंचने पर पुलिस की गाड़ियों को हॉस्पीटल के बेसमेंट में पार्क किया गया था।और जहां राम रहीम की मां का इलाज चल रहे उस पूरी मंजिल को भी पहले ही खाली करा दिया गया था।
रोहतक के एसपी राहुल शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि जेल सुपरटेडेंट ने राम रहीम को गुरुग्राम ले जाने के लिए हमसे सुरक्षा मांगी थी। हमने 24 अक्टूबर को सुबह से शाम तक उनके यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान की थी। सोर्सेज का कहना है बीजेपी के सीनीयर लीडरों के निर्देश पर सीएम ने राम रहीम को पेरोल दी थी पैरोल की जानकारी केवल सीएम मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा गवर्नमेंट के चंद सीनीयर अफसरों को ही थी। राम रहीम की सुरक्षा में लगाए गए उन जवानों को भी उस व्यक्ति की पहचान के बारे में पता नहीं था, जिसे वो एस्कॉर्ट कर रहे थे।
20 साल की सजा काट रहा है राम रहीम
दो महिलाओं से रेप के आरोपी राम रहीम को पंचकूला की एक कोर्ट द्वारा वर्ष 2017 की मई में में 20 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। पंचकूला की स्पेशल सीबीआइ कोर्ट ने राम रहीम और तीन अन्य को एक पत्रकार की हत्या मामले में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी।