जमशेदपुर:SSPके ड्राइवर ने ही किया था महिला कांस्टेबल सहित मां-बेटी की मर्डर, पुलिस ने किया अरेस्ट
पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने गोलमुरी पुलिस स्टेशन एरिया पुलिस लाइन के स्टाफ क्वार्टर में महिला पुलिस कांस्टेबल सविता रानी, उसकी मां लखिया मुर्मू और बेटी गीता की मर्डर का खुलासा कर लिया है। एसएसपी के पुलिस ड्राइंवर रामचंद्र सिंह जामुदा ने ही ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम दिया।
जमशेदपुर। पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने गोलमुरी पुलिस स्टेशन एरिया पुलिस लाइन के स्टाफ क्वार्टर में महिला पुलिस कांस्टेबल सविता रानी, उसकी मां लखिया मुर्मू और बेटी गीता की मर्डर का खुलासा कर लिया है। एसएसपी के पुलिस ड्राइंवर रामचंद्र सिंह जामुदा ने ही ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम दिया।
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गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से लूटा गया मोबाइल, 27000/- रुपया, खिलौना जैसा हथियार आदि बरामद किया गया। 2/2 @JharkhandPolice @Lathkar_IPS @DIGKOLHAN pic.twitter.com/DZSjf5K4Dz
— Jamshedpur Police (@Jsr_police) July 21, 2022
एसएसपी प्रभात कुमार ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि पुलिस ने आरोपी रामचंद्र सिंह जामुदा को अरेस्ट कर लिया है। उसकी निशानदेही पर मर्डर में प्रयुक्त- मोबाईल -दो, लोहे का रॉड एवं कपडा बरामद किया गया। आरोपी पास से लूटा गया मोबाइल, 27 हजार रुपया, खिलौना जैसा आर्म्स आदि बरामद किया गया। एसएसपी बताया कि सविता और रामचंद्र 2016 से परिचित थे। रामचंद्र को दो माह से यह लगता था कि सविता किसी और के साथ संबंध में है। इस कारण दोनों के बीच मनमुटाव था। आरोपी ने 19 जुलाई की रात 12 बजे से एक बजे के बीच वारदात को अंजाम दिया। कमरे में ताला लगाकर चलता बना।
यह है मामला
गुरुवार देर बाद रात पुलिस लाइन के क्वार्टर नंबर एलएसजी जे5 निवासी महिला पुलिस कांस्टेबल सविता रानी, उसकी मां लखिया मुर्मू और बेटी गीता की बॉडी बरामद किया गया था। कमरे से बदबू आने पर पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। गला घोंटने के बाद धारदार हथियार से वार कर तीनों का मर्डर किया गया था। महिला कांस्टेबल की बहन के संदेह पर पुलिस इस वारदात में मृतका के जेठ और देवर को संदिग्ध मान रही थी। दोनों संदिग्ध नेत्रहीन थे। इसके बाद पुलिस अन्य एंगल पर जांच तो मामला से पर्दा उठ गया।
नक्सलियों के सेंदरा के बाद महिला कांस्टेबल के हसबैंड की मर्डर
महिल पुलिस कांस्टेबल सविता के हसबैंड कैलाश हेम्ब्रम ने नक्सलियों के खिलाफ लोहा लिया था और नागरिक सुरक्षा समिति से जुड़े हुए थे। क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की ओर से चलाए जाने वाले अभियान में कैलाश की बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी रहती थी। इस दौरान 2007 में भीताराम्दा गांव में ग्रामीणों द्वारा सात नक्सलियों का सेंदरा किया गया था। इस सिलसिले में पीयूसीएल, मानव अधिकारी से जुड़े लोगों का एक एक 2008 में जांच को गांव भी आया था।पीयूसीएल के अधिकारियों को गांव में विरोध का सामना करना पड़ा था। उनके वाहन की हवा तक निकाल दी गई थी, ताकि वे लोग भीताराम्दा गांव तक नहीं जा सके। इसके बाद 4 फरवरी 2009 को डुमरिया के जादूगोड़ा गांव में आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट में पुरस्कार वितरण के दौरान कैलाश हेम्ब्रम को नक्सलियों ने भून डाला था। नक्सली हमले में मौत के बदले राज्य सरकार ने कैलाश की पत्नी सविता हेम्ब्रम को पुलिस विभाग में 2013 में कांस्टेबल की नौकरी मिली थी।