Jharia Master Plan: आग्नि प्रभावित इलाके के रैयतों को बाजार दर पर मिलेगा जमीन का मुआवजा, जेआरडीए ने तैयार किया प्रोपोजल
- 16 सितंबर को झरिया पुनर्वास नीति को लेकर बनी हाई पावर कमेटी की बैठक
धनबाद। झरिया के फायर एरिया प्रभावित लगभग 32 हजार रैयतों को उनकी जमीन व घर का मुआवजा मार्केट रेट के तहत पेमेंट किया जायेगा। जेआरडीए में इससे संबंधित प्रोपोजल तैयार है। अब तक झरिया पुनर्वास योजना में मुआवजा का स्पष्ट प्रावधान न होने से रैयत जमीन छोडऩे को तैयार नहीं हैं। इसके बाद जेआरडीए ने प्रोपोजल तैयार किया है। मिनिमम 10 लाख मुआवजा राशि फिक्स हुई है। मैक्सिम रैयत की संपत्ति के आधार पर तय होगी।
एचपीसीसी की 16 सितंबर को बैठक
झरिया पुनर्वास नीति को लेकर बनी हाई पावर कमेटी की बैठक 16 सितंबर को वीडियो कांफ्रेसिंग से होगी। सेंट्रल गवर्नमेंट के अंडर सेक्रेटरी एच सिंह ने इस संबंध में लेटर भी जारी कर दिया है। बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी पीएम प्रसाद ने अपने कार्यकाल के दौरान ही रैयतों से संबंधित यह प्रोपोजल तैयार कर भेज दिया था।
शिफ्टिंग की राशि में होगी बढ़ोतरी
झरिया पुनर्वास योजना के तहत आग के बीच रह रहे लोगों को शिफ्ट होने पर 10 हजार की राशि शिफ्टिंग मद में दी जाती थी। अब इस राशि को 16 हजार तक करने का प्रोपोजल भी दिया गया है। मंजूरी मिलने तत्काल लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा बीसीसीएल के आठ हजार नये आवास को जेआरडीए को देने की तैयारी है। इस पर भी हाई पावर कमेटी की बैठक में विचार होगा। बताया जाता है कि इस पुनर्वास योजना में एक लाख परिवार प्रभावित हो रहे हैं। पुनर्वास के लिए दस साल पहले तैयार मास्टर प्लान के तहत इंडयिन गवर्नमेंट ने अग्नि प्रभावित एरिया के लोगों को नई जगह पर बसाने की अवधि 2021 निर्धारित की है। बावजूद योजना की रफ्तार काफी धीमी है।
प्रस्तावित प्रोपोजल
जमीन व घर का मूल्य मार्केट रेट के हिसाब से मिलेगा।
घर के बदले घर लेना चाहें तो जेआरडीए 50 स्क्वायर मीटर में घर बनाकर देगा।
जमीन व घर नहीं लेने की स्थिति में सौ परसेंट मार्केट रेट से पेमेंट मिलेगा।