झारखंड: SC-ST एक्ट में बड़ा बदलाव, अब दारोगा-इंस्पेक्टर भी कर सकेंगे एससी-एसटी में दर्ज FIR की जांच
झारखंड में भी एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज FIR का इन्विस्टीगेशन सब इंस्पेक्टर -इंस्पेक्टर रैंक के अफसर कर सकते हैं। इसकी अनुशंसा पुलिस हेडक्वार्टर ने स्टेट गवर्नमेंट से की है। इसके लिए बिहार व मध्य प्रदेश के कानून का भी हवाला दिया गया है। अब गवर्नमेंट लेवल पर पहल होनी है।
रांची। झारखंड में भी एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज FIR का इन्विस्टीगेशन सब इंस्पेक्टर -इंस्पेक्टर रैंक के अफसर कर सकते हैं। इसकी अनुशंसा पुलिस हेडक्वार्टर ने स्टेट गवर्नमेंट से की है। इसके लिए बिहार व मध्य प्रदेश के कानून का भी हवाला दिया गया है। अब गवर्नमेंट लेवल पर पहल होनी है।
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पुलिस हेडक्वार्टर की अनुशंसा में बताया गया है कि स्टेट गवर्नमेंट लेवल से जब तक गजट का प्रकाशन नहीं होगा, तब तक स्टेट में सब इंस्पेक्टर -इंस्पेक्टर को इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। झारखंड में वर्तमान में डीएसपी रैंक व इससे ऊपर के ही अफसरों को एससी-एसटी एक्ट में इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी है।
एससी-एसटी एक्ट से हजारों मामले पेंडिंग
पुलिस हेडक्वार्टर ने स्टेट गवर्नमेंट को भेजी गई अनुशंसा में बताया है कि राज्य में एससी-एसटी एक्ट से संबंधित लगभग 1182 मामले पेडिंग हैं। जबकि यहां सभी जिला व रेल जिला में डीएसपी लेवल के अफसरों की संख्या मात्र 106 है। यह अपेक्षाकृत बेहद कम है। इन डीएसपी को जिला में लॉ एंड ऑर्डर, नक्सल ऑपरेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का काम करना होता है। ऐसे में इन कांडों का इन्विस्टीगेशन त्वरित गति से संभव नहीं हो पाता है। इससे इन्विस्टीगेशन की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।
गवर्नमेंट जिस रैंक के अफसर से चाहे करवा सकती है इन्विस्टीगेशन
पुलिस हेडक्वार्टरने अपनी अनुशंसा में एससी-एसटी एक्ट की एक धारा का उल्लेख करते हुए बताया है कि राज्य सरकार को यह शक्ति प्राप्त है कि इन कांडों का इन्विस्टीगेशन के लिए किसी भी रैंक के अफसर को अधिकृत कर सकती है। यह नोटिफिकेशन तब ही मान्य होगी, जब अधिकारिक तौर पर राज्य सरकार के राजपत्र में इसका प्रकाशन होगा।
बिहार व मध्य प्रदेश के कानून का हवाला
पुलिस हेडक्वार्टर ने गवर्नमेंट को जानकारी दी है कि बिहार में पुलिस इंस्पेक्टर, पुलिस सब इंस्पेक्टर व असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर लेवल के अफसर को ऐसे कांडों के इन्विस्टीगेशन के लिए प्राधिकृत किया गया है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में वहां की सरकार ने पुलिस इंस्पेक्टर लेवल के अफसरों को इन्विस्टीगेशन के लिए प्राधिकृत किया है। इसलिए झारखंड में भी डीएसपी रैंक के अफसरों की कमी को देखते हुए कांडों के इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर या इंस्पेक्टर रैंक के अफसर को दी जा सकती है।