झारखंड: IAS पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल की जांच रिपोर्ट मिली, खुला कच्चा चिठ्ठा

भ्रष्टचार के आरोप में सस्पेंड की गयी IAS अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल की भ़ुईंहरी जमीन से संबंधित जांच रिपोर्ट की मिल गयी है। तत्कालीन एसी सत्येंद्र कुमार ने डीसी छवि रंजन को यह रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है।

झारखंड: IAS पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल की जांच रिपोर्ट मिली, खुला कच्चा चिठ्ठा

रांची। भ्रष्टचार के आरोप में सस्पेंड की गयी IAS अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल की भ़ुईंहरी जमीन से संबंधित जांच रिपोर्ट की मिल गयी है। तत्कालीन एसी सत्येंद्र कुमार ने डीसी छवि रंजन को यह रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है।

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वर्तमान एसी राजेश कुमार बरवार के ऑफिस से फाइल गायब हो जाने के बाद तत्कालीन एसी से जमीन से जुड़ी जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन, संबंधित जानकारी तत्कालीन एसी द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने पर डीसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें पत्र लिखा था, ताकि तत्काल इसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध करा दी जाए।

गलत है पल्स हॉस्पिटल का निर्माण

रिपोर्ट में कहा गया है कि पल्स हॉस्पिटल जिस जमीन में बनी है वह भुईहरी जमीन है, जमीन का कोई म्यूटेशन नहीं हुआ है। कहीं भी इसकी रसीद नहीं कटी है। इसलिए जमीन पर बनी और पल्स हॉस्पिटल का निर्माण ही गलत है। क्योंकि भ़ुईंहरी जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। न ही इसका नक्शा पास हो सकता है। इसके बावजूद हॉस्पिटल का निर्माण अवैध तरीके से किया गया।

सीओ पर बनाया गया दबाव

बताया जाता है कि सीओ पर भी उक्त जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए कई बार दबाव बनाया गया। इस दौरान बड़गाई सीओ के पद पर आये दोनो अफसरों पर दबाव बनाया गया था। जबकि दोनों ने इसे रिजेक्ट कर दिया था। अब रिपोर्ट के आधार पर एक बार फिर डीीस के लेवल  पर मामले की जांच की जायेगी। इस सिलसिले में वर्तमान एसी से डीसी चर्चा भी करेंगे इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा। हालांकि इसकी एक रिपोर्ट राजस्व विभाग को जरूर भेजी जायेगी।

जानबूझ कर फाइल करा दिया गया

उल्लेखनीय है कि पल्स हॉस्पिटल मामले में जानबूझ कर फाइल को एसी ऑफिस से गायब करा दिया गया है, ताकि रिपोर्ट का खुलासा नहीं हो सके। हॉस्पिटल का निर्माण भुईंहरी जमीन पर हुआ है। ऐसे में जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। उसके आसपास की भी जमीन भी भुईंहरी है। इसके बाद भी जालसाजी करके जमीन की खरीद की गई और पल्स हॉस्पिटल का निर्माण किया गया। मामला प्रकाश में आने के बाद सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही इसकी जांच कराई गई थी। मगर मामले पर लीपापोती कर दी गयी।

 पल्स हॉस्पिटल से जुड़े सवाल का पूजा सिंघल नहीं दे रही जवाब

आइएएस पूजा सिंघल पल्स हॉस्पिटल से जुड़े सवाल का ठीक से जवाब नहीं दे रही है। ईडी की टीम पूछते कुछ और पूजा सिंघल जवाब कुछ और देती है। पूछताछ में सहयोग नहीं करती है। बराबर तबियत खराब होने की शिकायत करती है। इस कारण पिछले नौ दिनों के रिमांड अवधि में भी ईडी को कई सवालों के जवाब नहीं मिले। इसलिए उनसे पूछताछ के लिए और समय चाहिए। यह बातें ईडी के विशेष अदालत में रिमांड पर बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कही।र्डडी की ओर से बहस करते हुए बीएमपी सिंह ने अदालत से छह दिनों के रिमांड की मांग की। हालांकि, अदालत ने पांच दिनों के रिमांड पर भेजने का निर्देश दिया। पूजा सिंघल की ओर से वरीय अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी ने अदालत से कहा कि भले वे किसी मामले में आरोपित हैं, लेकिन यह ध्यान रखा जाना चाहिए की वे महिला हैं। उनकी तबियत ठीक नहीं है। ईडी मामले के बेवजह तूल दे रहा है। अदालत से शिकायत किया कि जांच के नाम पर मीडिया ट्राइल चल रहा है। ईडी के पास पूछने और जानने के लिए कुछ भी नहीं है ऐसे में रिमांड अवधि बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। विश्वजीत मुखर्जी ने बताया कि ईडी के विशेष जज पीके शर्मा ने ईडी को निर्देश दिया है कि जब भी पूजा सिंघल से पूछताछ होगी उस दौरान चिकित्सक मौजूद रहेंगे। उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच का भी निर्देश दिया।