झारखंड: CMO का स्टाफ पुलिस स्टेशन को फोन कर जमाता है धौंस, बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को लिखा लेटर

झारंखड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आदिवासी जमीन को माफियाओं से मुक्त कराने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को लेटर लिखा है। बाबूलाल ने बड़गाई मौजा के एक आदिवासी परिवार की पैतृक जमीन को भूमि माफियाओं के कब्जा से मुक्त कराने को लेकर लिखे गये लेटर को ट्ववीट कर सार्वजनिक किया है।

झारखंड: CMO का स्टाफ पुलिस स्टेशन को फोन कर जमाता है धौंस, बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को लिखा लेटर
  • कंप्यूटर सहायक जमीन माफियाओं के लिए करता है फोन

रांची। झारंखड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आदिवासी जमीन को माफियाओं से मुक्त कराने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को लेटर लिखा है। बाबूलाल ने बड़गाई मौजा के एक आदिवासी परिवार की पैतृक जमीन को भूमि माफियाओं के कब्जा से मुक्त कराने को लेकर लिखे गये लेटर को ट्ववीट कर सार्वजनिक किया है।

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धोखाधड़ी कर जमीन कराया अपने नाम

बाबूलाल ने कहा कि बड़गाई मौजा में भुइंहरी पहनई खतियानी भूमि का जाली दस्तावेज बनाकर माफियाओं द्वारा आदिवासी जमीन को बलपूर्वक कब्जा एवं बिक्री करने का गंभीर मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पीड़िता चंचला मुंडा से जो प्राप्त आवेदन हैं, वह का फी गंभीर हैं। 1.78 एकड़ जमीन पैतृक सम्पत्ति है। यह जमीन भुइंहरी पहनई किस्म की है। इसमें दशकों से इनका शांतिपूर्वक दखल कब्जा रहा है। लेकिन जमीन मालिक को धोखा देकर जमीन माफियाओं जिसका नाम यासिन हामिद, यूसूफ अंसारी, मकसूद असलम, राजू मंडल एवं कई अन्य द्वारा उक्त प्रसंगत जमीन पर विकास कार्य कराने के नाम पर सादा कागज पर साइन करा लिया एवं इसके आधार पर जमीन का जाली दस्तावेज तैयार कर पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से कब्जा करने में लगे हैं।
सीएम से कार्रवाई की मांग
मरांडी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आदिवासी जमीन को हड़पने में जमीन माफिया को सीएम ऑफिस में कार्यरत कंप्यूटर सहायक शहनबाज अंसारी सहयोग कर रहे हैं। बार-बार सीएम आवास का हवाला देकर पुलिस स्टेशन को फोन करते हैं। जमीन मालिक पर भी धौंस जमाते हैं। बाबूलाल ने कहा कि आपके ही ऑफिस से पुलिस स्टेशन को फोन करके बलपूर्वक आदिवासी जमीन पर कब्जा करवाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां तक की केसर अहमद नामक व्यक्ति द्वारा पुराना घर को तोड़कर शोरूम एवं दुकाकान बना लिया गया है।आवेदन को पूरी तरह पढ़ने से ऐसा प्रतीत हो ता है कि एक सीधे - सादे आदिवासी परिवार की जमीन को षड्यंत्रपूर्वक जमीन माफियाओं द्वारा आपके ऑफिस में पोस्टेड स्टाफ के सहयोग से हड़पा गया है। मरांडी ने इस मामले में सीएम से आदिवासी परिवार की उक्त पैतृक जमीन को जमीन माफियाओं के कब्जा से मुक्त कराने एवं जालसाज जमीन दलालों पर कड़ी का कार्रवाई करने का आग्रह किया है। 
बाबूलाल ट्वीट कर शेयर किया लेटर
रांची में सत्ता के संरक्षण और सहभागि ता में गुजरे दो सालों में प्रशासन और पुलिस ने मिलकर बंदूक के बल पर ज़मीन क़ब्ज़ा करने-ने कराने का कीर्तिमान स्थापित किया है। इसकी पीड़ा से लोग उबल रहे हैं। ज़मीन के कई चर्चित मामलों में शिकायत और सीनीयर अफसरों की रिपोर्ट दबाकर रखी गयी है।