Jharkhand: NRHM निधि घोटाले में ED का शिकंजा, धनबाद में कोल बिजनसमैन के ठिकानों पर रेड

झारखंड के धनबाद में पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) निधि के छह करोड़ 97 लाख 43 हजार 832 रुपये के गबन मामले के आरोपित प्रमोद कुमार सिंह व उनके सहयोगियों से जुड़े छह ठिकानों पर गुरुवार को ईडी ने रेड किया है। इस रेड में ईडी को गबन से संबंधित दस्तावेज व गबन की राशि से खरीदे गए वाहन मिले हैं। 

Jharkhand: NRHM निधि घोटाले में ED का शिकंजा, धनबाद में कोल बिजनसमैन के ठिकानों पर रेड
प्रमोद सिंह के ठिकानों पर ईडी की दबिश।
  • पीएचसी झरिया के तत्कालीन ब्लाक एकाउंट मैनेजर प्रमोद कुमार सिंह पर है आरोप
  • पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित उक्त फंड का किया गबन 
  • ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह व उससे जुड़े सभी छह ठिकानों किया रेड

रांची। झारखंड के धनबाद में पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) निधि के छह करोड़ 97 लाख 43 हजार 832 रुपये के गबन मामले के आरोपित प्रमोद कुमार सिंह व उनके सहयोगियों से जुड़े छह ठिकानों पर गुरुवार को ईडी ने रेड किया है। इस रेड में ईडी को गबन से संबंधित दस्तावेज व गबन की राशि से खरीदे गए वाहन मिले हैं। 
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प्रमोद कुमार पर लग रहे गंभीर आरोप
प्रमोद कुमार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) झरिया के तत्कालीन ब्लॉक अकाउंट मैनेजर थे, जिनपर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित उक्त फंड के गबन का आरोप है। इस मामले की ईडी मनी लांड्रिंग के बिंदु पर जांच कर रही है। ईडी प्रमोद कुमार सिंह पर एसीबी धनबाद व रांची में दर्ज दो अलग-अलग मामले के आधार पर पूरे मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी धनबाद ने प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध आठ जून 2016 को कांड संख्या 46/2016 दर्ज किया था। इस एफआइआर के अनुसार प्रमोद कुमार सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया में 17 हजार रुपये मासिक वेतन पर ब्लॉक अकाउंट मैनेजर के पद पर कार्यरत थे।
प्रमोद कुमार 2008 से मार्च 2016 तक रहे पोस्टेड
प्रमोद कुमार सिंह नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया चासनाला में पदस्थापित रहे। वर्ष 2008 से 2012 तक वह सिर्फ कैशबुक व रजिस्टर ही मेंटेन करते थे, लेकिन अप्रैल 2012 में उन्हें अकाउंट्स से जुड़ा हुआ काम दे दिया गया। ब्लॉक अकाउंट मैनेजर के रूप में उन्हें संविदा आधारित कर्मचारियों को वेतन देना था। उन्हें सीएमओ या जिला स्वास्थ्य सोसाइटी से प्राप्त निर्देशों के अनुसार लाभार्थियों को धन वितरित करना था।
प्रमोद कुमार ने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया
प्रमोद कुमार सिंह व एक अन्य कर्मी शशि भूषण प्रसाद (अब स्वर्गीय) के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न कार्यक्रमों पर एनआरएचएम निधि खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया था। इसके बावजूद इन लोगों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और एनआरएचएम निधि से 6.97 करोड़ रुपये का गबन कर लिया। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। आरोपितों ने एनआरएचएम निधि की इस राशि को अपने सहयोगियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया। उन खाता धारकों से नकद निकासी करवाकर रुपये ले लिया।

उक्त राशि से  प्रमोद ने अपने सहयोगयों के नाम पर वाहन खरीदा। वाहन इस्तेमाल स्वयं किया। वाहन को अपने कब्जे में रखा। बाद में उसका मालिकाना हक अपनी वाइफ प्रिया सिंह के नाम पर बदलवा दिया। एनआरएचएम फंड के दुरुपयोग और पीएचसी झरिया सह जोड़ा पोखर, सिविल सर्जन धनबाद व वहां तैनात कर्मचारियों की भूमिका के लिए प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध एसीबी रांची ने भी 26 अगस्त 2019 को कांड संख्या 15/2019 में एफआइआर दर्ज की थी।

कोल बिजनसमैन प्रमोद के पास करोड़ों की संपत्ति
स्वास्थ्य मिशन घोटाले के आरोपी और पूर्व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी प्रमोद सिंह अब कोल बिजनसमैन बन गया है। आरोप है कि वह लगभग तीन सालों से बड़े पैमाने पर इलिगल कोल बिजनस कर रहा है। इलिगल कोल बिजनस से उसे करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। ईडी की टीम ने गुरुवार को प्रमोद के सहयोगी नगर सेक्टर तीन स्थित आवास, उनके पिता अजीत सिंह के सरायढेला रघुनाथ नगर के आवास, कतरास के सोनारडीह के बिलबेड़ा के रहने वाले अश्वनी शर्मा,अशरफी इनसभी जगहों से रेड के दौरान ईडी को कोल बिजनस और स्वास्थ्य मिशन घोटाला से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। 

प्रमोद सिंह के खिलाफ पिछले साल जून माह में जिला माइनिंग डिपार्टमेंट ने इलिगल माइनिंग व ट्रांसपोर्टिंग के मामले को लेकर बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन में भी एफआइआर दर्ज कराई थी। पूर्व में एसीबी भी प्रमोद सिंह के घर मे रेड कर चुकी है।