झरखंड: स्टेटमें बढ़ते साइबर क्राइम पर हाईकोर्ट सख्त, चीफ जस्टिस को भी आया था साइबर क्रिमिनल के फोन
हाई कोर्ट ने स्टेट में साइबर क्राइम की बढ़ती घटना और क्रिमिनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
रांची। हाई कोर्ट ने स्टेट में साइबर क्राइम की बढ़ती घटना और क्रिमिनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट ने ईडी और आईटी को भी प्रतिवादी बनाते हुए दोनों को 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दोनों एजेंसी को यह बताने को कहा गया है कि साइबर क्रिमिनलों द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में मनोज कुमार राय ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि स्टेट में बड़े पैमाने पर साइबर क्रिमिनल एक्टिव हैं। साइबर क्रिमिनल डेली स्टेट के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। एक माह में करोड़ों रुपये लोगों के बैंक अकाउंट से उड़ा लिए जा रहे हैं। साइबर क्राइम के स्पीड की तुलना में क्रिमिनल पकडे नहीं जा रहे हैं। साइबर क्रिमिनल नये-नये तरीके से लोगों को झांसे में लेकर पैसे उड़ा रहे हैं।
ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट प्रतिवादी
प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड के जामताड़ा, दुमका, पाकुड़ में साइबर क्रिमिनल सबसे अधिक एक्टिव हैं। साइबर क्रिमिनल लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा उनके बैंक अकाउंट से उड़ा कर अकूत संपत्ति अर्जित कर चुके हैं। कुछ क्रिमिनल पकड़े भी जाते हैं,लेकिन उन्हें सख्त सजा नहीं। जेल से बाहर आने पर दोबारा वह यह काम करते हैं। पुलिस ऐसे क्रिमिनलों के खिलाफ पूरी जांच नहीं करती। किसी भी साइबर क्रिमिनल की संपत्ति आज तक जब्त नहीं की गयी है। इनकम टैक्स ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। ईडी को चाहिए की इलिगल तरीके से अर्जित साईबर क्रिमिनलों की संपत्ति जब्त की जाए। हाई कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को प्रतिवादी बनाते हुए दोनों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह बताने को कहा कि साइबर क्रिमिनलों के खिलाफ दोनों ने अब तक क्या कार्रवाई की है। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
साइबर क्रिमिनलों ने चीफ जस्टिस को भी किया था फोन
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने भी ने कहा कि एक बार उन्हें भी फोन आया था। फोन करने वाले ने कहा कि वह नाप तौल से बोल रहा है। उनका नाम गिफ्ट देने के लिए सेलेक्ट हुआ है। सफारी कार मिल रही है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं ऐसा काम करता हूं जिसमें गिफ्ट नहीं ले सकता। तब फोन करने वाले ने कहा कि आप अपना बैंक एकाउंट ही बता दीजिए 13 लाख उसमें जमा कर दिया जायेगा। फिर कहा- कि जब गिफ्ट नहीं ले सकता तो पैसे कैसे ले सकता हूं। इसके बाद सख्ती के साथ पेश आया गया तो फोन रख दिया।