झारखंड: सम्मेद शिखर पर चढ़ रहे छात्रों को जैन तीर्थ यात्रियों ने पीटा, विरोध में मधुबन बाजार बंद,प्रदर्शन
झारखंड में गिरिडीह जिला स्थित जैन धर्म के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन में बुधवार को विवाद हो गया। महाराष्ट्र के नागपुर से आये दो जैन यात्रियों ने पर्वत पर चढ़ाई करने जा रहे छात्रों को रोक दुर्व्यवहार किया। उनके साथ मारपीट भी किया।
- श्वेतांबर धर्मशाला के पास महाराष्ट्र के नागपुर के दो यात्रियों ने धर्म पूछ किया दुर्व्यवहार
- लोकल लोगों ने रोड जाम कर जैन समाज के खिलाफ किया नारेबाजी
- दो जैन तीर्थयात्री पुलिस कस्टडी
गिरिडीह। झारखंड में गिरिडीह जिला स्थित जैन धर्म के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन में बुधवार को विवाद हो गया। महाराष्ट्र के नागपुर से आये दो जैन यात्रियों ने पर्वत पर चढ़ाई करने जा रहे छात्रों को रोक दुर्व्यवहार किया। उनके साथ मारपीट भी किया।
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छात्रों के साथ मारपीट की घटना से आक्रोशित लोगो लोगों ने जैन समाज के खिलाफ प्रदर्शन किया। मधुबन बाजार को बंद करा दिया। अधिकांश दुकानें बुधवार की दोपहर बाद तक बंद रहीं। पुलिस ने छात्रों से मारपीट व दुर्व्यवहार करने तथा मधुबन का माहौल बिगाड़ने के आरोप में दोनों जैन तीर्थयात्रियों को कस्टडी में ले लिया है। दोनों से पूछताछ की गयी। डीएसपी संजय राणा ने बताया कि पुलिस सतर्कता बरत रही है। दो तीर्थयात्रियों को कस्टडी में लिया गया है। पुलिस उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी। तीर्थ स्थल पर मांस-मंदिरा पर रोक है। इस मामले में भी पुलिस सख्ती बरतेगी.
ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार अपराह्न लगभग तीन बजे कुछ छात्र मधुबन पहुंचे और पर्वत पर चढ़ाई करने जा रहे थे। इसी दौरान श्वेतांबर धर्मशाला के पास नागपुर से आये दो जैन तीर्थ यात्रियों ने छात्रों को रोक दिया। उनसे पूछा कि वे लोग जैन हैं या गैर जैन। जब बच्चों ने बताया कि वे जैन नहीं हैं, तो तीर्थ यात्रियों ने उन्हें पर्वत की ओर जाने से मना कर दिया। पास के एक दुकानदार ने विरोध किया। विवाद बढ़ने पर काफी संख्या में स्थानीय लोग जुट गये। लोकल लोगों का कहना था कि जैन समाज के लोग मनमानी पर उतर गये हैं। वे गैर जैनियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने मधुबन बाजार के अलावा बड़ी संख्या में पीरटांड़ प्रखंड के विभिन्न गांवों से लोग पहुंचे और रोड जाम कर दिया।
मधुबन पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन
मारपीट की घटना से ग्रामीण काफी गुस्से में थे। रोड जाम के बाद आक्रोशित लोगों ने मधुबन पुलिस स्टेशन के सामंने प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि पर्वत पर एकाधिकार जताना बंद हो। लोकल लोगों की भावना का कद्र किया जाये। लोगों का कहना था कि जब तक सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता और समझौता नहीं होगा। आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व अमर तुरी, झरीलाल महतो, सिकंदर हेंब्रम, सविता टुडू, महेंद्र महतो, युवराज महतो, हीरालाल महतो, लईका तुरी, अंबिका राय, महावीर मुर्मू, विद्या भूषण मिश्रा, मनोज अग्रवाल आदि कर रहे थे।
विवाद समाधान के लिए 11 जनवरी को बैठक
पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। मामले मेंअंतत: एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू को हस्तक्षेप करना पड़ा। लोगों ने उनसे कहा कि वे जैन धर्म की आस्था को मानते हुए उन्हें सम्मान देते हैं। बावजूद उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इस पर सोनू ने कहा कि अगर पारसनाथ पर्वत पर जाने से उनके बच्चों या लोकल लोगों को रोका गया, तो वे लोग भी जैन तीर्थ यात्रियों को पहाड़ पर जाने से रोकेंगे। लेकिन इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जायेगा। उन्होंने 10 जनवरी तक मामले में शांति बरतने और 11 जनवरी को सामूहिक बैठक कर समाधान निकालने की बात कही।