झारखंड: प्रेम प्रकाश पर कसेगा कनूनी शिकंजा,अमेरिका से लाया रेडरे स्लाइडर कछुआ, दर्ज होगी FIR

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद आइएएस अफसर पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले की इन्विस्टीगेशन के दौरान ईडी प्रेम प्रकाश से लगातार पूछताछ कर रही है। प्रेम प्रकाश पर अमेरिका से लाये गये रेडरे स्लाइडर कछुआ लाने का आरोप है। अब प्रेम के खिलाफ कछुआ, तस्करी की FIR दर्ज होगी।

झारखंड: प्रेम प्रकाश पर कसेगा कनूनी शिकंजा,अमेरिका से लाया रेडरे स्लाइडर कछुआ, दर्ज होगी FIR

रांची। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद आइएएस अफसर पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले की इन्विस्टीगेशन के दौरान ईडी प्रेम प्रकाश से लगातार पूछताछ कर रही है। प्रेम प्रकाश पर अमेरिका से लाये गये रेडरे स्लाइडर कछुआ लाने का आरोप है। अब प्रेम के खिलाफ कछुआ, तस्करी की FIR दर्ज होगी।

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प्रेम प्रकाश झारखंड के पोलिटिकल लीडर व ब्यूरोक्राट्स का करीबी है। ईडी की टीम ने 25 मई को प्रेम प्रकाश के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस दौरान प्रेम प्रकाश के घर से एक विदेशी कछुआ मिला था। ईडी ने प्रेम प्रका श के ठि का ने से बरा मद कछुआ को वन वि भाग को सौंप दिया था। वन विभाग ने उक्त कछुए को रांची केओरमांझी स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान को सौंप दिया था ।

विशेषज्ञों की मा नें तो यह रेडरे स्ला इडर कछुआ है जो अमेरिका में पाया जाता है। इसका बिजनस नहीं हो सकता है। इससे स्पष्ट है कि  उक्त कछुए की तस्करी हुई है।अब इस मा मले में कौन से कानून केतहत उसके खिला एफआइआर की दर्ज होगी इसके लिए वन विभाग व कस्टम के अफसर लॉ की जानकारी हासिल करने में लगे हैं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वन विभाग व कस्टम अफसरों के पास लुप्तप्राय प्रजातियों की जो लिस्ट है, उसमें इस कछुए का जि क्र ही नहीं है। इस कारण अब तक इस मामले में अलग से मामला दर्ज नहीं किया जा सका है। दोनों ही विभाग ऊहापोह में है। इस मामले में सीनीयरअफसर व लॉ के जानकारों से सलाह ली जा रही है। ।

वन विभाग ने कस्टम को लिखा मामला तस्करी का

ईडी ने वन विभाग को विदेशी कछुआ सौंपा तो वन वि भाग ने पूरी जानकारी लेने के बाद कस्टम विभाग को इसकी सूचना दी। बताया कि पूरा मामला विदेश से कछुआ तस्करी का है, इसलिए तस्करी से संबंधित सेक्शन में एफआइआर दर्ज की जा सकती है। इसपर कस्टम विभाग ने वन विभाग को बताया कि उनके पास प्रतिबंधित जीवों की लिस्ट में उस कछुए का नाम ही नहीं है, इसलि ए उनके सामने एफआइआर दर्ज करने में समस्या है। इसपर वन विभाग ने भी उन्हें बताया है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में भी वह कछुआ लिस्टेड नहीं है।