झारखंड:एक्स सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार पर चलेगा पीसी एक्ट का केस
एक्स सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता (अभी सस्पेंड) और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट ( प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) का केस चलेगा। राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में पीसी एक्ट की सेक्शन भी जुड़ेंगी। सीएम हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है।
रांची। एक्स सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता (अभी सस्पेंड) और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट ( प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) का केस चलेगा। राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में पीसी एक्ट की सेक्शन भी जुड़ेंगी। सीएम हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है।
पुलिस की ओर से सरकार से मांगी गयी थी अनुमति
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में रांची पुलिस ने इसके लिए लीगल ओपिनियन भी लिया था। लीगल ओपिनियन मिलने के बाद अब रांची पुलिस इसके लिए स्टेट गवर्नमेंट से अनुमति मांगी थी।केस में एडीजी अनुराग गुप्ता और एक्स सीएम के सलाहकार अजय कुमार को एफआइआर एक्युज्ड माना गया है। केस में एक्स सीएम रघुवर दास को नन एफआइआर एक्युज्ड माना गया है।पीसी एक्ट किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं लगेगा, बल्कि उक्त केस में जुड़ेगा। अब पीसी एक्ट लगने के बाद जांच में अगर कोई दोषी मिलेगा तब ही उसके खिलाफ पीसी एक्ट में कार्रवाई होगी। अब तक उक्त केस में किसी के उपर आरोप फाइनल नहीं हो सका है।
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट के लिए लालच देने का आरोप
आरोप है कि स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और अजय कुमार ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोटिंग के लिए बड़कागांव के तत्कालीन कांग्रेस एमएलए निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव को रिश्वत देने की कोशिश की थी। उस वक्त वायरल एक वीडियो में रघुवर दास और अजय कुमार धुर्वा स्थित योगेंद्र साव के घर भी गये थे। वीडियो में रघुवर दास सब ठीक कर देने की बात कह रहे थे। जिस समय का यह वीडियो है, उस समय योगेंद्र साव पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे।
ऑडियो-वीडीओ वायरल होने के बाद बाबूलाल मरांडी ने किया था चुनाव आयोग को कंपलेन
ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद एक्स सीएम व जेवीएम के सुप्रीमो बाबुलाल मरांडी ( अब बीजेपी विधायक दल के नेता हैं ) ने चुनाव आयोग से इसकी कंपलेन की थी। चुनाव आयोग ने अपनी जांच कंपलेन को सही पाया। इसके बाद आयोग ने झारखंड गवर्नमेंट को मामले में एफआइआर दर्ज करने और अनुराग गुप्ता व अजय कुमार के खिलाफ डिपार्टमेंट प्रोसिडिंग शुरु करने का आदेश दिया था।
स्टेट गवर्नमेंट ने चुनाव आयोग से वर्ष 2018 की जनवरी में इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।आयोग ने और पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी। इसके बाद ही एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज हुई थी। आयोग ने यह भी निर्देश दिया था कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं भी लगाई जाय।अनुराग गुप्ता के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग भी शुरु की थी। लेकिन अजय कुमार के खिलाफ किसी तरह की डिपार्टमेंटल कार्यवाही नहीं शुरु की गयी। हलांकि घटना के समय अजय कुमार प्रिंसिपल सेक्रेटरी रैंक में सीएम के राजनीतिक सलाहकार थे।
15 माह से सस्पेंड चल रहे हैं एडीजी अनुराग गुप्ता
झारखंड में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम हेमंत सोरेन सीएम बनने पर एडीजी अनुराग गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया। एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 15 माह से सस्पेंड चल रहे हैं। सीएम हेमंत सोरेन ने वर्ष 2020 की 14 फरवरी 2020 को सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता को सस्पेंड कर दिया था। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी को लालच दने और उनके हसबैंड एक्स मिनिस्ट योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।
एमएलए ने अपने बयान में किया था खुलासा
राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग के मामले में तत्कालीन बड़कागांव एमएलए निर्मला देवी ने जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर की जांच के दौरान अपना बयान भी दर्ज कराया था। उन्होंने अपने बयान में तत्कालीन सीएम रघुवर दास, तत्कालीन एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार पर राज्यसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उक्त लोगों ने उनपर बीजेपी में शामिल होने का भी दबाव बनाया था।