झारखंड: ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बस परिचालन के लिए SOP जारी किया
झारखंड स्टेट के अंदर अनलॉक 4.0 में बसें भी चलाई जा सकती है। बस परिचालन के लिए एसओपी जारी कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
- मानक के तहत स्टेट के अंदर बसें भी चलेंगी
रांची। झारखंड स्टेट के अंदर अनलॉक 4.0 में बसें भी चलाई जा सकती है। बस परिचालन के लिए एसओपी जारी कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
बसों में किसी भी कोविड पॉजिटिव व्यक्ति को नहीं बैठना है।
कोविड-19 जांच करा चुके व्यक्ति को रिपोर्ट के पूर्व कहीं जाने की अनुमति नहीं है। बस संचालक भी ऐसे लोगों को सफर नहीं करायेंगे।
पहले से जारी परमिट वाले रूट पर ही बसों का संचालन होगा।
पैसेंजर्स के लिए मास्क, फेस कवर और ग्लव्स लगाना अनिवार्य होगा।
ड्राइवर और कंडक्टर के लिए मास्क के साथ फेस फील्ड भी आवश्यक।
बसों में सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा ख्याल रखा जायेगा। आधी पेसेंजर्स लेकर ही बसें चलेंगी।
बसों में स्प्रे सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा। प्रत्येक बार पैसेंजर्स के बैठने के पूर्व सीटों को सैनिटाइज करना होगा।
पैसेंजर्स के एक्जिट व इंट्री के समय यह ध्यान रखना होगा कि कोई किसी दूसरे के संपर्क में ना आयें।
पेसेंजर्स रजिस्टर में उन का पूरा डिटेल घर का पता और फोन नंबर भी उल्लेख रहेगा।
ड्राइवर के केबिन में पैसेंजर्स की इंट्री नहीं होगा। केविन नहीं होने की स्थिति में प्लास्टिक के पर्दे से इसे ढकना होगा।
बसों में ऐसे बैठेंगे पैसेंजर्स
52 सीट - 26 पैसेंजर
48 सीट - 24 पैसेंजर
32 सीट - 16 पैसेंजर
22 सीट - 11 पैसेंजर
12 सीट – छह पैसेंजर
25% बढ़ेगा बस किराया
झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन ने भाड़ा बढ़ाये जाने की बात कही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो डीजल की कीमत ₹62 के आसपास थी जो अब ₹80 के करीब हो गई है। उन्होंने कहा कि हम भाड़ा दोगुना तो नहीं करेंगे लेकिन इतना जरूर बढ़ाएंगे कि अब घर से नहीं लगाना पड़े।
उन्होंने कहा कि पांच महीने से अधिक समय से बसों के मेंटेनेंस और कर्मियों में बस ऑनर्स के लाखों खर्च हो चुके हैं। इसकी भरपाई तो किराये से नहीं हो सकती लेकिन आगे के लिए इतनी कमाई का प्रबंध होना चाहिए कि बस ऑपरेटर अपने स्टाफ का पेमेंट कर सके और घर से डीजल का खर्च ना लगाना पड़े।सभी जिलों में बस मालिकों से कह दिया गया है कि वे अपने स्तर से डीसी से मिलकर स्मार पत्र सौंप दें। भाड़ा बढ़ाने की सूचना देते हुए उनसे सहयोग का आग्रह करें। सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि कम से कम भाड़ा बढ़ाने की कोशिश की जाएगी और यह आंकड़ा फिलहाल 25% तक हो सकता है।