Jharkhand: कौन बनेगा DGP! बैगर चीफ ही चल रहा स्टेट पुलिस, परमामेंट या प्रभारी पुलिस चीफ को लेकर जिच
झारखंड पुलिस के डीजीपी का पोस्ट कई दिनों से खाली है। डीजीपी नीरज सिन्हा के रिटार होने के बाद किसी को प्रभार भी नही दिया गया है। जबकि स्टेट में तीन-तीन डीजीपी रैंक के अफर हैं। UPSC की ओर से तीन आईपीएस अफसर का नाम डीजीपी के लिए चयन कर झारखंड गवर्नमेंट को भेज दिया गया है।
रांची। झारखंड पुलिस के डीजीपी का पोस्ट कई दिनों से खाली है। डीजीपी नीरज सिन्हा के रिटार होने के बाद किसी को प्रभार भी नही दिया गया है। जबकि स्टेट में तीन-तीन डीजीपी रैंक के अफर हैं। UPSC की ओर से तीन आईपीएस अफसर का नाम डीजीपी के लिए चयन कर झारखंड गवर्नमेंट को भेज दिया गया है।
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UPSC की लिस्ट में अजय भटनागर ,अजय सिंह व 1990 अनिल पाल्टा के नाम
UPSC से झारखंड डीजीपी के लिए 1989 बैच के IPSअजय भटनागर व अजय सिंह तथा 1990 बैच अनिल पाल्टा के नामों का सलेक्शन किया गया है। तीन अफसरों अजय भटनागर, अजय कुमार सिंह और अनिल पाल्टा का स्टेट गवर्नमेंट को भेजा गया है। नियमानुसार इन्ही तीन में से किसी आईपीएस को स्टेट गवर्नमेंट को डीजीपी नियुक्त करना है। आईपीएस अजय भटनागर सीबीआई में ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। आइपीएस अजय कुमार सिंह वर्तमान में झारखंड पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी हैं। श्री सिंह के पास झारखंड एसीबी के एडीशनल डीजी का एडीशनल चार्ज है। 1990 बैच के अनिल पाल्टा वर्तमान में डीजी रेल हैं। वैसे अगर सब ठीक रहा तो इन तीन नामों में से कोई डीजीपी बन सकता है।
प्रभारी डीजीपी के लिए अनुराग गुप्ता का नाम की चर्चा
स्टेट के राजनीतिक गलियारे व पुलिस महकमें में चर्चा है कि उक्त तीन नामों के अलावा एक और समीकरण बन सकता है। इस समीकरण में 1990 बैच के आइपीएस डीजी ट्रेनिंग अनुराग गुप्ता होने की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि अगले आदेश तक अनुराग गुप्ता को झारखंड का प्रभारी डीजी बनाया जा सकता है। झारखंड में यह फर्मूला पहले भी चल चुके है। डीजीपी कमल नयन चौबे को हटाकर एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। एमवी राव को हटाकर नीरज सिन्हा को डीजीपी की जिम्मेवारी दी गयी। हालांकि इस बार भी सरकार के लेवल से कोई गलत निर्णय लिया जाता है तो मामला कोर्ट तक भी पहुंच सकता है।
उत्तर प्रदेश व गुजरात में हैं प्रभारी डीजीपी
झारखंड में अटकलों का बाजार गर्म है। स्टेट के डीजीपी को लेकर पहली बार सरकार में उधेड़बुन की स्थिति बनी हुई है। एक तबका का कहना है कि गुजारत में 1989 बैच के आईपीएस अफसर विकास सहाय भी प्रभारी डीजीपी के रुप में काम कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में देवेंद्र सिंह चौहान प्रभारी डीजीपी के रुप में काम कर रहे हैं। हालांकि इन दोनों स्टेट में यूपीएसपी की ओर से तीन आइपीएस का नाम डीजीपी के लिए फाइनल होकर नहीं गया है। ऐसे में यह आधार तकनीकी रुप से झारखंड के लिए फिट नहीं बैठ रहा है। यूपीएसपी की लिस्टव सुप्रीम कोर्ट के जजमेट के दरनिकतार करना झारखंड गवर्नमेंट के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है।
डीजीपी को लेकर तरह-तरह के सवाल
झारखंड में पहली बार खाली रहने से तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। डीजीपी नीरज सिन्हा के 11 फरवरी 2023 को रिटायर होने के बाद से झारखंड स्टेट बिना पुलिस महानिदेशक के है। चार दिन बीतने के बाद भी न तो डीजीपी का पता है और न ही ये मालूम कि आखिर किस आइपीएस को यह कुर्सी मिलेगी।
झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर एक बड़ा और अहम मुद्दा रहा है। स्टेट में लॉ एंड ऑर्डर को पटरी पर लाने के प्रयास के लिए ठोस पहल की जाती रही है। लेकिन झारखंड पुलिस की सबसे महत्वपूर्ण कुर्सी चार दिन से बिना चीफ के है। डीजीपी की पोस्टिंग में हो रही देरी से सत्ता और पुलिस महकमे में अटकलों का बाजार गर्म है। जैसे-जैसे देर हो रही है झारखंड में डीजीपी की कुर्सी के लिए निर्णय स्टेट गवर्नमेंट के ही गले की फांस बनता नजर आ रहा है। गवर्नमेंट व पुलिस महकमे में असमंजस की स्थिति गहराती जा रही है। स्टेट पुलिस में पहली बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। डीजीपी का पद खाली होने के चलते पुलिस बल को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर महकमे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।