Jharkhand: टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने मिनिस्टर आलमगीर आलम को किया अरेस्ट
टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ईडी ने बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को अरेस्ट कर लिया है।
- PS के नौकर के घर मिला था 32.20 करोड़ रुपये कैश
- गिरफ्तार आरोपितों और गवाहों ने मामले में किया था खुलासा
रांची। टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ईडी ने बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को अरेस्ट कर लिया है। दिनभर चली पूछताछ के बाद शाम लगभग साढ़े छह बजे ईडी ने उन्हें अरेस्ट किया है।
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अरेस्टिंग के बाद डॉक्टरों ने आलमगीर आलम की जांच की। डॉक्टरों आलम को पूरी तरह फिट बताया। डॉक्टरों कहा कि ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है, उसके लिए दवा दे दी गयी है। आलमगीर आलम से मिलने के लिए उनकी मां और बेटी ईडी ऑफिस पहुंचीं थीं।आलमगीर को उन्हें गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया जायेगा, जहां से ईडी उन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट से आग्रह करेगी। मंत्री आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के टेंडर में कमीशन वसूलने का आरोप है। ईडी ने जांच में उनके विरुद्ध भारी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पकड़ा, जिसके बाद उन्हें अरेस्ट किया।
नहीं मालूम था कि जहांगीर के पास इतने पैसे हैं: आलमगीर
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी से पहले उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर को गिरफ्तार किया गया था. उनके आवास से नोटों के ढेर मिले थे. इसके बाद आलमगीर आलम को ईडी की ओर से समन जारी किया गया था। 14 मई को तय समय पर सीनीयर कांग्रेस लीडर और झारखंड के मंत्री ईडी ऑफिस पहुंचे। कागजी कार्रवाई के बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई।
ईडी अफसरों ने जब मिनिस्टर से संजीव लाल और जहांगीर के बारे में पूछा, तो आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपए हैं. जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता। हालांकि निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में वह घिर गये। पूछताछ के दौरान अफसरों ने मिनिस्टर को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिये जाने वाले बयान और उसके कानूनी महत्व के बारे में उनको बताया। इसके बाद उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों के आय-व्यय का ब्योरा भी मांगा गया. मंत्री से उनके आप्त सचिव संजीव लाल और उसके कारनामों की भी जानकारी मांगी. लेकिन, मंत्री ने कहा कि उन्हें आप्त सचिव की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।
टेंडर कमीशन घोटाले में नौवीं आरोपी के रूप में आलमगीर की अरेस्टिंग
टेंडर कमीशन घोटाले में नौवीं आरोपी के रूप में मंत्री आलमगीर आलम गिरफ्तार हुए हैं। पूर्व में उनके निजी सचिव, पूर्व मुख्य अभियंता सहित आठ आरोपितों की अरेस्टिंग हो चुकी है। विगत छह मई को उनके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद से ही विभागीय मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ी हुई थी। संजीव लाल व जहांगीर आलम 18 मई तक ईडी की रिमांड पर हैं। नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित फ्लैट से कुल 32 करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किए गए थे।
वहीं, उनसे जुड़े ठिकानों से करीब छह करोड़ रुपयों की बरामदगी हुई थी। पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों व गवाहों ने पूछताछ में ईडी के सामने यह स्वीकारा था कि ग्रामीण विकास विभाग में नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों में टेंडर कमीशन का पैसा बंटता था। संजीव लाल व जहांगीर आलम के ठिकानों से बरामद रुपयों में अधिकतर रुपये मंत्री आलमगीर आलम के बताए गए हैं। पूछताछ में पुष्टि के बाद ईडी ने उन्हें अरेस्ट किया है।
संजीव लाल के सामने मंत्री से हुई थी पूछताछ
ईडी ने मंगलवार (14 मई) को मिनिस्आटरलमगीर आलम से करीब साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी ने पहले से रिमांड पर लिए गए उनके निजी सचिव संजीव लाल व नौकर जहांगीर आलम के सामने मंत्री आलमगीर आलम को भी बैठाया था और उनसे पूछताछ की थी। ईडी ने मंत्री को मंगलवार की रात साढ़े आठ बजे इस वादे के साथ छोड़ा था कि अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है, उनसे बुधवार को भी पूछताछ होगी।
ईडी कार्यालय के बाहर मंगलवार को मंत्री आलमगीर आलम ने कहा था कि वे कानून को मानने वाले हैं, इसलिए ईडी के बुलावे पर पूछताछ में शामिल होने पहुंचे हैं। बुधवार को दोबारा ईडी ने उन्हें बुलाया और पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया।
बड़हरवा टेंडर विवाद में भी आया था आलमगीर का नाम
साहिबगंज के बड़हरवा में टेंडर विवाद मामले में मारपीट का एक एफआइआर 22 जून 2020 को दर्ज हुआ था। इस केस में मुख्य आरोपित राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, रांजीव रंजन शर्मा, संजय रमाणी, टिंकू रज्जक अंसारी व अन्य अज्ञात थे।
इस एफआइआर के दर्ज होने के महज 24 घंटे के भीतर यानी 23 जून 2020 को बिना विधिवत अनुसंधान के तत्कालीन बड़हरवा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा ने मंत्री आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दिया था। इसी केस को आधार पर बनाकर ईडी ने एक ईसीआइआर दर्ज किया था, जिसमें छानबीन के बाद ईडी ने 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन का मामला पकड़ा था।
इस मामले में भी मंत्री आलमगीर आलम ईडी की रडार पर थे। इसी बीच टेंडर कमीशन घोटाले का दूसरा मामला सामने आया, जिसमें मंत्री की गिरफ्तारी हुई है।
अब तक टेंडर कमीशन घोटाले में ये हो चुके हैं अरेस्ट
ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया, तारा चंद, मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम व अब मंत्री आलमगीर आलम।
10 दिनों में ईडी की रेड में कहां से कितने रुपये बरामद
मिनिस्टर आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से 32.20 करोड़ रुपये। संजीव लाल के करीबी बिल्डर मुन्ना सिंह के घर से 2.93 करोड़ रुपये। सहयोगी ठेकेदार राजीव सिंह के सिंहमोड़ हटिया स्थित आवास से 2.14 करोड़ रुपये। संजीव लाल के एक अन्य ठिकाने से 10 लाख रुपये। संजीव लाल के प्रोजेक्ट भवन स्थित कार्यालय से 1.75 लाख रुपये नये नोट व 28 हजार रुपये के पुराने नोट बरामद।