झारखंड: डीजल चोर से TSPC का जोनल कमांडर बन गया भीखन गंझू, तीन जिले में दर्ज हैं 19 मामले
राजधानी रांची के पंडरा इलाके से पुलिस गिरफ्त में आये TSPC (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) का जोनल कमांडर व 10 लाख का इनामी भीखन गंझू कभी डीजल चोर था। पुलिस की पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वर्ष 2000 व उससे पहले डीजल चोरी करता था। इस संबंध में उसके खिलाफ चतरा के पिपरवार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुआ था।
- स्टेट गवर्नमेंट ने रखा 10 लाख का इनाम
रांची। राजधानी रांची के पंडरा इलाके से पुलिस गिरफ्त में आये TSPC (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) का जोनल कमांडर व 10 लाख का इनामी भीखन गंझू कभी डीजल चोर था। पुलिस की पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वर्ष 2000 व उससे पहले डीजल चोरी करता था। इस संबंध में उसके खिलाफ चतरा के पिपरवार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुआ था।
30 अप्रैल को लगेगा 2022 का पहला सूर्यग्रहण, इंडिया में नहीं दिखेगा
और टीएसपीसी संगठन से जुड़ गया
डीजल चोरी का मामला दर्ज होने के बाद भीखन गंझू भाकपा माओवादियों से जुड़ गया । जनवरी 2002 में उसने खलारी के एचएमटी कॉलोनी में लेवी के लिए एक पेटी कांट्रेक्टर की मर्डर कर दी। पुलिस ने उसे वर्ष 2003 में अरेस्ट कर जेल भेज दिया। वर्ष 2006 में जेल से बाहर निकलने के बाद भीखन गंझू टीएसपीसी संगठन से जुड़ गया। इसके बाद दिसंबर महीने में लेवी के लिए केडीएच साइडिंग में टीएसपीसी के अन्य तीन साथियों के साथ पहुंच सीसीएल अफसर व स्टाफ को धमकाकर काम बंद करवा दिया।
एरिया में देने लगा घटनाओं को अंजाम
भीखन ने दिसंबर 2007 में खलारी के टुंगरी पर भाकपा माओवादियों के सदस्य अमृत यादव से मारपीट की। इसके बाद चुरी कोलियरी में दस्ता के साथ जाकर सीसीएल स्टाफके साथ मारपीट कर वहां से विस्फोटक लूट लिया। भीखन गंझू ने अपने साथी इरफान खान के साथ जनवरी 2008 में मुरपा के रेवालाल यादव का किडनैप कर उसकी मर्डर कर दी। इसी वर्ष मार्च में मांडू हजारीबाग के पास कुजू के तोपा कोलियरी में लेवी के लिए मारपीट की। वहां खड़ी गाड़ी में आग लगाकर दशहत फैलाने के लिए फायरिंग की।
वर्ष 2009 में पतरातू में ओएनजीसी कैंप पर किया हमला किया
भीखन ने पुलिस पूछताछ में स्वीकारा है कि जुलाई 2009 में पतरातू के टोकीसूत स्थित ओएनजीसी के कैंप पर लेवी के हमला बोला था। वहां के कंट्रेक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट की। अशोका प्रोजेक्ट में लेवी के लिए तोड़फोड़ तथा गाली-गलौज कर काम बंद करवा दिया। भीखन गंझू के अनुसार वर्ष 2010 में बुढ़मू पुलिस स्टेशन एरिया के चैनगढ़ा गांव में संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा के दस्ता पर हमला किया था। इसमें दो-तीन लोग मारे गये थे। पुलिस ने वर्ष 2020 में अरेस्ट कर उसे जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद वह चतरा के टंडवा स्थित सीसीएल की मगध व आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट से लेवी उठाना शुरू किया था।
पिपरवार, रांची, हजारीबाग के जंगल में छिपते हैं उग्रवादी
भीखन गंझू ने पुलिस को बताया है कि उसके दस्ते के उग्रवादी पिपरवार, रांची व हजारीबाग क्षेत्र के जंगल में ही ठहरते व छिपते हैं। उग्रवादी पिपरवार के बेंती, बिजन व आसपास के जंगलों के अलावा रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के हरिणलेटा, चैनगढ़ा व पतरातू के सीमावर्ती जंगली इलाके में ठहरते व छिपते हैं। दस्ते के उग्रवादी केरेडारी के नीरी जंगल में नीरी गांव के आसपास के जंगली इलाके तथा झरना के पास छिपते व ठहरते हैं। उग्रवादी अपना रास्ता बदलकर आते-जाते हैं।
भीखन गंझू के खिलाफ तीन जिलो में दर्ज हैं 19 मामले
भीखन गंझू के खिलाफ चतरा के टंडवा में छह, पिपरवार में नौ व चतरा सदर में एक, रांची के खलारी में एक तथा रामगढ़ के कुजू पुलिस स्टेशन एरिया में दो मामले दर्ज है।
टीएसपीसी के उग्रावादियों के बारे में दी पुलिस को जानकारी
भीखन गंझू के सहयोगियों में टीएसपीसी के मुकेश गंझू (रिजनल कमांडर, कुटिल कुंदा, चतरा), मनीष गंझू उर्फ सुरेंद्र गंझू (जोनल कमांडर, खाखर, लावालौंग, चतरा), भीखन गंझू (जोनल कमांडर), राकेश गंझू (सब जोनल कमांडर, कारीमाड़म, कुंदा, चतरा), सुदेश गंझू उर्फ सुखदेव गंझू (सब जोनल कमांडर, डोकर, बालूमाथ, लातेहार), आजाद उर्फ मुकेश उर्फ बूढ़ा (कमांडर, लावालौंग, चतरा), जितेंद्र यादव उर्फ जितेंद्र (एरिया कमांडर, बघौता, कुंदा, चतरा), रौशन गंझू उर्फ रौशन उर्फ दशरथ उरांव (एरिया कमांडर, सुइयाटांड़, टंडवा, चतरा), विनोद महतो (मेरी, केरेडारी, हजारीबाग), किशुन गंझू उर्फ किशोर (हेडूम, लावालौंग, चतरा), शंकर गंझू (लावालौंग, चतरा), पहाड़ी गंझू (सौरु, नावाडीह, लावालौंग, चतरा), प्रकाश महतो (नगरूवा, पिपरवार, चतरा) व दुलाल गंझू उर्फ सागर (एरिया कमांडर, सलैया रोड, बुढ़मू, रांची) शामिल हैं।