मधुबनी: घोघरडीहा थानाध्यक्ष ने डीएमसीएच में पुलिस को दिया बयान, एडीजे पर लगाये कई गंभीर आरोप
मधुबनी झंझारपुर कोर्ट में गुरुवार को एडीजे अविनाश कुमार से मारपीट के आरोपित घोघरडीहा थानाध्यक्ष गौतम कृष्ण एवं सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा को इलाज डीएमसीएच में एडमिट कराया गया है। इलाजरत थानाध्यक्ष ने शुक्रवार की सुबह बेंता पुलिस के समक्ष अपना फर्द बयान दिया है। इसमें थानाध्यक्ष ने एडीजे अविनाश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं।
- एडीजे ने पहले खुद जूता से मारे फिर इशारा कर भीड़ से पिटवाया
- मारपीट में जख्मी दोनों पुलिस अफसर हॉस्पीटल में एडमिट
मधुबनी। झंझारपुर कोर्ट में गुरुवार को एडीजे अविनाश कुमार से मारपीट के आरोपित घोघरडीहा थानाध्यक्ष गौतम कृष्ण एवं सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा को इलाज डीएमसीएच में एडमिट कराया गया है। इलाजरत थानाध्यक्ष ने शुक्रवार की सुबह बेंता पुलिस के समक्ष अपना फर्द बयान दिया है। इसमें थानाध्यक्ष ने एडीजे अविनाश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं।
Ind vs NZ T20: इंडिया ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराया, टी20 सीरीज पर किया कब्जा
थानाध्यक्ष ने कहा है कि 16 नवंबर को 3:34 बजे, 3:36 बजे एवं 3:42 बजे उनके मोबाइल नंबर 7991177571 पर न्यायालय कर्मी अवकाश मिश्र ने मोबाइल नंबंर 8709791359 से फोन कर 17 नवंबर को दिन के 11 बजे एडीजे कोर्ट में आने के लिए बोला और बताया कि आपके विरूद्ध दीपक राज ने विधिक सेवा प्राधिकार में पक्षपात करने का आरोप लगाया है।शराब को लेकर संयुक्त छापेमारी की बात कहने पर न्यायालय कर्मी ने 18 नवंबर को 11 बजे आने को कहा। शराब के विरूद्ध छापेमारी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसकी प्राथमिकी एवं अभियुक्तों के अग्रसारण की प्रक्रिया में समय लगने के कारण न्यायालय के उक्त कर्मी को फोन कर समय 11 बजे से बढ़ाने का अनुरोध किया गया। इसके बाद सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ लगभगदो बजे वहां पहुंचा। एसआइ अभिमन्यु कक्ष के बाहर ही रुके और मैं जज के कक्ष में गया। वहां पूर्व से शिकायतकर्ता दीपक राज उपस्थित थे जिनके विरूद्ध फुलपरास एवं अन्य पुलिस स्टेशनों में कई मामलें दर्ज हैं। एक अन्य स्टाफ भी मौजूद था जिसका नाम नहीं पता।
अधिवक्ता व कर्मी कक्ष में आकर फैट-मुक्का से मारपीट करने लगे
थानाध्यक्ष ने बयान में बताया कि अंदर प्रवेश करते ही जज ने मेरे जय हिंद बोलने पर कहा कि तुमको यहीं टांग देंगे। चेंबर में उपस्थित दीपक राज की ओर इशारा कर एडीजे बोले कि दीपक राज इंजीनियर है। तुमसे ज्यादा पढ़ा लिखा है। तुम इसको सर क्यों नहीं बोलता है। इस पर कोई जवाब नहीं देने पर एडीजे बोले कि तुम कल क्यों नहीं आया, तुम बहुत मगरूर लगते हो, तुम मुझसे डरते क्यों नहीं हो, गाली देते हुए कहा कि तुमको जूता से मारेंगे। गाली देने से मना करने पर एडीजे पैर से जूता निकाल कर आगे बढ़े और जूता से मारने लगे तो मैं आत्मरक्षा में जूता पकड़ कर नीचे रख दिया। इसके बाद चेंबर में उपस्थित दीपक राज व अवकाश मिश्रा के साथ मिलकर तीनों मारने लगे। आवाज सुनकर कोर्ट के कई कर्मी और वकील शंभू कुमार दास, शंकर कुमार दास, उदय शंकर तिवारी, आशुतोष कुमार यादव, मो. मुजफ्फर आलम, मितेश प्रशांत, शत्रुघ्न कुमार यादव, बसंत सिंह, राजकुमार चौधरी, बलराम साहु, अरुण कुमार झा एवं अन्य 15-20 अधिवक्ता व कर्मी कक्ष में आकर फैट-मुक्का से मारपीट करने लगे। मुझे पिटता देख सहकर्मी एसआइ अभिमन्यु कुमार शर्मा कक्ष में आए तो उसके साथ भी मारपीट की गई। कक्ष में एडीजे ने मेरी तरफ इशारा करते हुए लोगों को निर्देश दिया कि गला में रस्सी लगाकर जान से मारकर बाथरूम में रख दो। उनके निर्देश पर अवकाश मिश्रा, दीपक राज, अधिवक्ता बलराम साहु व लक्ष्मेश्वर ने गले में रस्सी लगाया। उसी समय उनको धक्का देकर किसी तरह भागकर शौचालय में चला गया और जान बचाने के लिए अंदर से कुंडी लगा ली।
उन्होंने कहा कि जब हम दोनों को मारा जा रहा था तो उपस्थित पुलिस कर्मी ने हमें बचाने का प्रयास किया था। इस दौरान अभिमन्यु का सर्विस रिवाल्वर भी भीड़ ने छीन ली। कुछ देर बाद जब स्थानीय थाना के पदाधिकारी पहुंचे तो मुझे शौचालय से बाहर निकाला। लोकल पुलिस स्टेशन की पुलिस के पहुंचने पर करीब 2:45 बजे अस्पताल ले जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन उस समय भी एडीजे ने हमें भीड़ के हवाले करने की बात कही। सीनीयर से बातचीत के बाद हमें करीब 10 बजे रात में स्थानीय थाना के सुपुर्द किया गया और गिरफ्तारी मेमो पर समय 10 बजे के स्थान पर 2:45 अंकित कराया गया। जब थानाध्यक्ष इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे तो एडीजे ने जोर देकर कहा कि समय मेरे अनुसार नहीं डालिएगा तो इसी केस में आप पर भी कार्रवाई की जायेगी।