मध्य प्रदेश : महिला कॉन्स्टेबल को जेंडर चेंज की परमिशन,अब पुरुष कॉन्स्टेबल कहलायेगी
मध्यप्रदेश गवर्नमेंट ने एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल को जेंडर चेंज कराने की इजाजत दी है। होम डिपार्टमेंट ने लिए परमिशन लेटर जारी किया। जेंडर चेंज कराने की प्रोसेस पूरी होने के बाद महिला की पहचान पुरुष कॉन्स्टेबल के रूप में होगी।
- कहा- बॉडी से मेल नहीं खाता था स्वभाव
भोपाल। मध्यप्रदेश गवर्नमेंट ने एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल को जेंडर चेंज कराने की इजाजत दी है। होम डिपार्टमेंट ने लिए परमिशन लेटर जारी किया। जेंडर चेंज कराने की प्रोसेस पूरी होने के बाद महिला की पहचान पुरुष कॉन्स्टेबल के रूप में होगी।
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होम डिपार्टमेंट के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश का यह पहला केस है, जिसमें गवर्नमेंट ने अपने किसी स्टाफ को जेंडर बदलने की अनुमति दी है। डॉ. राजौरा ने बताया कि महिला कॉन्स्टेबल अमिता (बदला हुआ नाम) प्रदेश के एक जिले में पोस्टेड है। उसे बचपन से ही ‘जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर’की प्रॉब्लम थी। इसकी पुष्टि नेशनल लेवल के साइकेटिक की तरफ से की गई थी। इस बीमारी से उसे बॉडी और लैंगिक स्वभाव मिसमैच लगता था।
महिला कॉन्स्टेबल ने जेंडर चेंज के लिए पुलिस हेडक्वार्टर को आवेदन दिया था। हेडक्व से इसके लिए होम डिपार्टमेंट अनुमति मांगी थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक दिसंबर को अनुमति दी गई। अब महिला कॉन्स्टेबल जेंडर चेंज करा सकेगी।
आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया
आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया होने पर एक लड़का, लड़की की तरह और एक लड़की, लड़के की तरह व्यवहार करती है। दोनों ही अपोजिट जेंडर के अनुसार अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं। दोनों ही अपोजिट बर्ताव में खुद को ज्यादा सहज महसूस करते हैं। मध्य प्रदेश की महिला कॉन्स्टेबल भी पुरुषों की तरह ही ड्यूटी करती है।
जब दिखने लगते हैं इसके लक्षण
आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया के लक्षण कुछ बच्चों में तो बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं। लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट में यह सामने आया है कि इन आदतों को 10-12 साल के बच्चों में आसानी से देखा जा सकता है। अगर वह आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया से ग्रस्त है, जैसे कोई पुरुष है तो वह महिलाओं की तरह कपड़े पहनना, मेकअप करना और इशारे करता है। वहीं महिला पुरुष की तरह आचरण करती है। जेंडर चेंज कराने के इस ऑपरेशन में लगभग पांच-छह घंटे का समय लगता है। इस दौरान ब्रेस्ट, जननांग और चेहरे की सर्जरी की जाती है।
ऑपरेशन के बाद आते हैं ये बदलाव
कुछ लोग इस सर्जरी के बाद सेक्स लाइफ को लेकर चिंता करते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे परेशानी हो। ऑपरेशन के बाद लोगों की सेक्स लाइफ भी पहले की तरह सामान्य होती है। पुरुष से महिला बनने वाले मां तो नहीं बन सकते, लेकिन सरोगेसी या बच्चा गोद ले सकते हैं। ऑपरेशन के बाद कम से कम एक साल तक हार्मोनल थेरेपी लेनी पड़ती है। कुछ केस में पूरी जिंदगी भी हार्मोनल थेरेपी लेने की जरूरत पड़ सकती है।