Maharashtra Politics: अजीत पवार बने डिप्टी CM NCP के आठ एमएलए भी शिंदे कैबिनेट में मिनिस्टर बने
महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में बड़ा उलटफेर हुआ है। शरद पवार की लीडरशीप वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अजित पवार ने बगावत करने के बाद रविवार को शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली। NCP के आठ एमएलए भी शिंदे कैबिनेट में मिनिस्टर बनाये गये हैं।
- अजित पवार के समर्थन में 40 से अधिक एमएलए
- गवर्नर को सौंपे पत्र में किया गया दावा
- अजीत पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर एनसीपी को एनडीए के साथ बताया
- अजित पवार पांचवीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी CM बने
- 31 महीने में तीसरी बार शपथ ली
मुंबई। महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में बड़ा उलटफेर हुआ है। शरद पवार की लीडरशीप वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अजित पवार ने बगावत करने के बाद रविवार को शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली। NCP के आठ एमएलए भी शिंदे कैबिनेट में मिनिस्टर बनाये गये हैं।
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न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शिवसेना-बीजेपी गवर्नमेंट में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले राकांपा नेता अजीत पवार के पास 40 से ज्यादा एमएलए और छह से ज्यादा एमएलसी का समर्थन प्राप्त है। इन एमएलए का समर्थन पत्र राजभवन को दिया गया है।
एनसीपी का नहीं हुआ है कोई विभाजनः अजीत पवार
महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद एक प्रेस कांफ्रेस में अजित पवार ने कहा कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं हुआ है। पार्टी के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों ने सरकार में शामिल होने के उनके फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में सभी चुनाव एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर ही लड़ेंगे।
नौ एमएलए ने ली मिनिस्टर पोस्ट की शपथ
अजित पवार के साथ कुल नौ एमएलए ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसमें छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल शामिल हैं। अजित ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।
31 महीने में तीसरी बार ली डिप्टी सीएम की शपथ
एनसीपी लीडर अजित पवार ने दोपहर ढाई बजे शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी CM पद की शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद ट्विटर प्रोफाइल बदला और लिखा- डिप्टी सीएम ऑफ महाराष्ट्र। अजित पवार अपने आठ एमएलए छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर दो बजे राजभवन पहुंचे। तीन बजते-बजते CM शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
शरद पवार का राहुल को समर्थन देना नाराजगी का कारण
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अजित समेत बाकी एमएलएशरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे। महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके छह महीने पहले आम चुनाव होंगे। अजित के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 NCP एमएलए का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में अब महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को मिल सकता है। विपक्ष में सबसे ज्यादा 44 सीटें कांग्रेस के पास हैं।
उद्धव के साथ सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ आने में क्या गलत: अजीत
शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। पीएम मोदी देश के विकास के लिए पिछले नौ साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं NDA में शामिल हुआ। महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगे। नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गये सात एमएलए ने BJP के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।
शरद पवार ने कहा था मोदी सरकार फिर से आने वाली है: भुजवल
छगन भुजबल ने कहा कि शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए, लेकिन कई एमएलए हैं, जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।
पार्टी फिर से खड़ी करके दिखाऊंगा: शरद पवार
अजित और छगन भुजबल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शरद पवार मीडिया से बातचीत में कहा कि ये पार्टी मैंने बनाई थी। पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुझे पूरा विश्वास है। मैं महाराष्ट्र में घूमकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करूंगा। अजित ने पार्टी से बगावत की है। 2024 का चुनाव विपक्ष के साथ मिलकर लड़ा जायेगा।
पीएम मोदी ने जो आरोप लगाये थे वो गलत थे : शरद पवार
शरद पवार ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एनसीपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और सिंचाई घोटाले में शामिल हैं। आज ये साबित हो गया कि पीएम मोदी ने जो आरोप लगाए थे वो गलत थे। पवार ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि यह कार्रवाई जांच एजेंसियों का उपयोग करके की गई है क्योंकि छह-सात नेताओं के खिलाफ मामले हैं।
शरद पवार ने खुद को बताया NCP का विश्वसनीय चेहरा
जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार से पूछा गया कि पार्टी का विश्वसनीय चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने अपना हाथ उठाया और कहा "शरद पवार"। एनसीपी समर्थकों ने एनडीए सरकार में शामिल हुए पार्टी नेताओं के पोस्टरों पर काली स्याही पोती और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
राजभवन में चार साल में चार शपथ ग्रहण...
महाराष्ट्र में 2019 से अब तक चार बार शपथ ग्रहण हो चुका है। नवंबर 2019 में अजित पवार ने बीजेपी गवर्नमेंट में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। सरकार केवल 80 घंटे चली थी। इसके बाद 2019 में ही अजित ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। यह सरकार जून 2022 में गिर गई। इसके बाद 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की शपथ ली। चौथा शपथग्रहण एक बार फिर अजित पवार का हुआ। उन्होंने दो जुलाई 2023 को डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
अजित पवार के NDA में आने के मायने, तरह-तरह के चर्चे
पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में विपक्षी दलों के 20 लाख करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का जिक्र किया था। तब उन्होंने महाराष्ट्र में 70 हजार करोड़ रुपये के को-ऑपरेटिव और सिंचाई घोटाले का भी नाम लिया था। ये दोनों विभाग अजित पवार के पास ही थे। इसके अलावा महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान NCP और उद्धव गुट के दर्जनभर नेताओं पर CBI और ED ने कार्रवाई की थी।
अजित-भुजबल-मुश्रीफ के खिलाफ ED में केस
शिंदे सरकार में रविवार को शामिल हुए NCP नेताओं में डिप्टी CM अजित पवार समेत छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ के खिलाफ ED की जांच चल रही है। इनमें से कोई बेल पर है तो किसी को सजा मिल चुकी। किसी का केस अभी कोर्ट में पेंडिंग हैं।
अजित पवार: कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में जांच जारी
अजित पवार के खिलाफ महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक से दिए गए लोन में अनियमितताएं के आरोप हैं। एक जनहित याचिका के आधार पर इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) जांच कर रही है। इसी मामले में ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। सितंबर 2020 में EOW ने स्पेशल कोर्ट में कहा कि उन्हें अजित के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला और केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी। ED ने इसका विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने आपत्ति खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यदि EOW ने केस बंद कर दिया है तो ED भी आगे जांच नहीं कर सकती।तब राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार थी, लेकिन स्पेशल कोर्ट क्लोजर रिपोर्ट पर कोई फैसला करती, उसके पहले राज्य में सरकार बदल गई। इस पर EOW ने भी अपना स्टैंड बदला और अक्टूबर 2022 में कोर्ट से कहा कि वह जांच जारी रखना चाहती है। अभी EOW की जांच चल रही है। हालांकि अभी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। इस बीच, ED ने अप्रैल में अपनी जांच में आरोप पत्र दायर किया। बैंक से लोन लेने वाली चीनी सहकारी समितियों को खरीदने वाली कुछ कंपनियों में अजित की भूमिका का ED के आरोप पत्र में बड़े पैमाने पर उल्लेख किया गया था, लेकिन अजित को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है।हालांकि उनसे जुड़ी एक कंपनी को मामले के सिलसिले में अप्रैल में नामित किया गया था। यह पूछे जाने पर कि उनका नाम क्यों नहीं लिया गया, पवार ने कहा था कि जांच अभी भी जारी है और उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई है।
सिंचाई घोटाले में कोर्ट ने मंजूर नहीं की है क्लोजर रिपोर्ट
जब अजित पवार कांग्रेस-NCP सरकार में जल संसाधन मंत्री और विदर्भ इरिगेशन कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष थे, तब सिंचाई परियोजनाओं में घोटाले के आरोप लगे थे। जनहित याचिकाओं के आधार पर महाराष्ट्र ACB ने इन मामलों की कोर्ट की निगरानी में जांच शुरू की। हालांकि 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ तीन दिन की सरकार बनाने के एक दिन बाद, ACB ने उन्हें क्लीन चिट देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्हें क्लीनचिट दे दी गई। हालांकि रिपोर्ट को अभी कोर्ट ने मंजूर नहीं किया है। जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई तो कुछ बीजेपी नेताओं ने मामले की दोबारा जांच की मांग शुरू कर दी।
हसन मुश्रीफ: 11 जुलाई तक अंतरिम बेल पर हैं
हसन मुश्रीफ के खिलाफ सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मुंबई में ED की जांच चल रही है। मुंबई की विशेष कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी दलीलों में मुश्रीफ ने कहा था कि उनके खिलाफ केस एक साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें ED मामलों में शामिल करने की जानबूझकर कोशिश की गई और सभी जानते हैं कि हाल के दिनों में ED का उपयोग राजनीतिक बदला लेने और नुकसान पहुंचाने या राजनीतिक करियर को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए किया जाता है।मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका अप्रैल में विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत बढ़ा दी। पिछले हफ्ते इसे 11 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। इसी केस में ED उनके तीन बेटों के खिलाफ भी जांच कर रही है। इनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं स्पेशल कोर्ट में पेंडिंग हैं।
छगन भुजबल दो साल जेल में रहे, अभी बेल पर
2006 में तीन परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक के ठेके देने में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक PIL दायर हुई थी। इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने भुजबल और 16 अन्य के खिलाफ 2015 में मामला दर्ज किया था। तब भुजबल राज्य के PWD मंत्री थे। दिल्ली में महाराष्ट्र सदन, अंधेरी में नया RTO ऑफिस और मालाबार हिल में एक गेस्ट हाउस बनाने के लिए चमनकर डेवलपर्स को ठेके दिए गए थे। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग केस दर्ज किया था। एजेंसी ने मामले में भुजबल को गिरफ्तार किया। दो साल जेल में रहने के बाद 2017 में उन्हें बेल दे दी गई। सितंबर 2021 में, जब एमवीए सत्ता में थी, एक विशेष कोर्ट ने भुजबल और अन्य को बरी कर दिया। इस साल जनवरी में एक कार्यकर्ता ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर की, यह अभी पेंडिंग है।मुंबई यूनिवर्सिटी भ्रष्टाचार मामले के संबंध में ACB ने एक केस दर्ज किया। यह स्पेशल कोर्ट में पेंडिंग है। भुजबल ने डिस्चार्ज याचिका दायर की है, जिस पर फिलहाल सुनवाई चल रही है।