नई दिल्ली:सेंट्रल गनर्नमेंट ने रूस की कोविड-19 वैक्सीन Sputnik V को दी मंजूरी, अब इंडिया को मिलेगा तीसरा टीका

देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को भी हरी झंडी मिल गई है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने थर्ड फेज के ट्रायल में स्पुतनिक-वी के पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर पाये जाने के बाद इसे मंजूरी दी है।

नई दिल्ली:सेंट्रल गनर्नमेंट ने रूस की कोविड-19 वैक्सीन Sputnik V को दी मंजूरी, अब इंडिया को मिलेगा तीसरा टीका

नई दिल्ली। देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को भी हरी झंडी मिल गई है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने थर्ड फेज के ट्रायल में स्पुतनिक-वी के पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर पाये जाने के बाद इसे मंजूरी दी है। अब केवल दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) की स्वीकृति का इंतजार है। 

स्पुतनिक-वीको कोरोना संक्रमण को रोकने में 91.6 परसेंट तक कारगर पाया गया
स्पुतनिक-वी को मंजूरी मिलने से देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी। रूस के गेमालिया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित स्पुतनिक-वी का भारत में 1,600 लोगों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। इसके पहले रूस में 19,866 लोगों पर इसका थर्ड फेज का ट्रायल हुआ है। इंडिया में भी ट्रायल के नतीजे रूस जैसे ही मिले हैं। वैक्सीन को कोरोना संक्रमण को रोकने में 91.6 परसेंट तक कारगर पाया गया। इस रिजल्ट के साथ इसे वर्ल्ड में कोरोना के खिलाफ सबसे प्रभावी वैक्सीन माना जा रहा है। अभी तक दुनिया के कुल 59 देश इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे चुके हैं। रूस में पिछले साल अगस्त से ही इसका प्रयोग किया जा रहा है।
द रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीईएफ) ने भारत में इस वैक्सीन के प्रोडक्शन और उपयोग के लिए पिछले साल सितंबर में डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज से समझौता किया था। इसके अलावा आरडीईएफ ने यहां वीरशॉ बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा और पानासिया बायोटेक के साथ भी वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है। वीरशॉ बायोटेक 20 करोड़ डोज, स्टेलिस बायोफार्मा 20 करोड़ और पानासिया बायोटेक 25 करोड़ डोज सालाना का प्रोडक्शन करेंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मंजूरी मिलने के कितने दिन बाद स्पुतनिक-वी की सप्लाई शुरू हो जायेगी।
देश में दूर होगी वैक्सीन की कमी
स्पुतनिक-वी के इमरजेंसी इस्तेमाल से देश में वैक्सीन की कमी दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। अभी देश में भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से हर दिन 23 लाख डोज की सप्लाई हो रही है। देश में पर डे औसतन 35 लाख लोगों को टीका लग रहा है। इस हिसाब से हर दिन 12 लाख डोज की कमी है।इसे पहले से तैयार स्टॉक से पूरा किया जा रहा है। 
चार और वैक्सीन लाइन में

कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक-वी के अलावा अक्टूबर तक इंडिया में चार और वैक्सीन को इमरजेंसी इजाजत मिलने की उम्मीद है। इनमें जॉनसन एंड जॉनसन (बायोलॉजिकल ई), नोवावैक्सीन (सीरम इंस्टीट्यूट) और जायडस कैडिला की वैक्सीन शामिल हैं। इनके अलावा भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली वैक्सीन भी विकसित की है, जिसका ट्रायल चल रहा है।