नई दिल्ली: सेंट्रल गवर्नमेंट डेढ़ साल तक कानून रोकने के लिए तैयार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- सरकार किसानों की सभी शंकाओं के समाधान को तैयार
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 20 जनवरी बुधवार को 10वें दौर की वार्ता हुई है। 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। 10 वें दौर की बातचीत रही बेनतीजा, केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों पर अस्थाई रोक का प्रस्ताव दिया, जिस पर किसान नेता राजी नहीं हुए। सरकार ने आंदोलन खत्म करने की अपील की।
- किसान नेताओं ने प्रस्ताह ठुकराया, 22 को फिर होगी बैठक
- तोमर बोले- सकारात्मक रही आज की बैठक
नई दिल्ली। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 20 जनवरी बुधवार को 10वें दौर की वार्ता हुई है। 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। 10 वें दौर की बातचीत रही बेनतीजा, केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों पर अस्थाई रोक का प्रस्ताव दिया, जिस पर किसान नेता राजी नहीं हुए। सरकार ने आंदोलन खत्म करने की अपील की।
सोर्सेज के अनुसार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक कमेटी के गठन का प्रस्तााव दिया, जिसमें सरकार और किसान के सदस्य होंगे। समिति क्लासज वाइज कानूनों पर चर्चा करेगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट महीने के लिए खेत कानूनों पर रोक लगा दी है। अगर जरूरत हुई और परामर्श जारी रहा, तो सरकार कानून के कार्यान्वयन पर एक साल तक रोक लगा सकती है।
किसान 26 नवंबर से ही तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीनों कानूनों की वापसी के मांग पर अड़े हुए हैं। बैठक के बाद बाद बाहर निकल कर किसान नेता ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वह डेढ़ साल के लिए कानूनों को निलंबित करने के लिए तैयार है। किसानों ने कहा कि कानूनों को निलंबित करने का कोई मतलब नहीं है।यह स्पष्ट किया है कि हम कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कानून बनाना होगा। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा। हमारा विरोध सरकार और कॉर्पोरेट सिस्टम के खिलाफ है।