नई दिल्ली: ईडी ने ICICI बैंक की एक्स MD चंदा कोचर के हसबैंड दीपक कोचर को अरेस्ट किया

ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक और वोडाफोन केस में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को अरेस्ट कर लिया है। ईडी  ने जनवरी महीने में आईसीआईसीआई बैंक की एक्स एमडी और सीईओ चंदा कोचर व उनकी फैमिली की 78 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी को जब्त कर लिया था। इसमें मुंबई में एक फ्लैट और चंदा के पति के कंपनी की प्रापर्टी शामिल थी।

नई दिल्ली: ईडी ने ICICI बैंक की एक्स MD चंदा कोचर के हसबैंड दीपक कोचर को अरेस्ट किया

नई दिल्ली। ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक और वोडाफोन केस में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को अरेस्ट कर लिया है। ईडी  ने जनवरी महीने में आईसीआईसीआई बैंक की एक्स एमडी और सीईओ चंदा कोचर व उनकी फैमिली की 78 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी को जब्त कर लिया था। इसमें मुंबई में एक फ्लैट और चंदा के पति के कंपनी की प्रापर्टी शामिल थी।

ईडी ने पिछले साल चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी देने के मामले में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। सीबीआई की FIR के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की थी।सीबीआई ने इस मामले में इन तीनों तथा धूत की कंपनियों- वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई की एफआइआप में सुप्रीम एनर्जी और दीपक कोचर के नियंत्रण वाली न्यूपावर रीन्यूएबल्स का भी नाम है। सुप्रीम एनर्जी की स्थापना धूत ने की थी।
कुछ दिन पहले ही दूत समेत चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। चंदा कोचर के देवर से भी पूछताछ हुई थी।प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत जिन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थाई आदेश जारी किया गया था, उनमें कोचर का मुंबई आवास और उनसे जुड़ी एक कंपनी की संपत्तियां शामिल थीं। बैंक की कर्जदार कंपनी विडियोकॉन इंडस्ट्रीज द्वारा कोचर के पति की कंपनी में निवेश को लेकर गड़बड़ी के आरोपों के बाद चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में उन्होंने अपने खिलाफ बैंक से जारी बर्खास्तगी लेटर को बंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कोर्ट से उस लेटर को वैध घोषित करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने अक्टूबर 2018 में जल्दी रिटायरमेंट की घोषणा की थी और बैंक ने स्वीकार कर लिया था।

क्या है मामला
विडियोकॉन ग्रुप को वर्ष 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। आरोप है कि विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने वर्ष 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। आरोप है कि चंदा कोचर के हसबैंड  दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गये। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने केके छह महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को नौ लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।