नई दिल्ली: मोदी गवर्नमेंट ने दशहारा-दिवाली से पहले दिया तोहफा, कर्मचारियों को मिलेगा LTC कैश और 10000 रुपये का फेस्टिवल एडवांस
मोदी गवर्नमेंट ने दशहारा-दिवाली से ने गवर्नमेंट स्टाफ को तोहफा दिया है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि वैश्विक महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
नई दिल्ली। मोदी गवर्नमेंट ने दशहारा-दिवाली से ने गवर्नमेंट स्टाफ को तोहफा दिया है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि वैश्विक महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए दो प्रोपोजल पेश किये गये हैं। पहला 'एलटीसी कैश वाउचर स्कीम' और दूसरा 'स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम' है। स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत गवर्नमेंट स्टाफ को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस देगी। स्टाफ को एलटीसी में टिकट किराये का पेमेंट कैश में किया जायेगा।
एलटीए का कैश पेमेंट
फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि एलटीसी कैश वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जायेगी। मांग को प्रोत्साहन के लिए एलटीए खर्च के लिए एडवांस में राशि दी जायेगी। एलटीसी के लिए कैश पर गवर्नमेंट का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जायेंगे।
गवर्नमेंट स्टाफ को फेस्टिवल एडवांस
गवर्नमेंट स्टाफ को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जायेंगे। इससे त्योहारों के समय गवर्नमें स्टाफ के पास खरीदारी के लिए पैसा होगा।फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि कोविड-19 महामारी से इकोनॉमी पर विपरीत असर देखने को मिला है। आत्मनिर्भर पैकेज और उसके बाद के पैकेज में गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों का ख्याल रखा गया। उन्होंने कहा कि सप्लाई से जुड़ी दिक्कत में अब कमी आई है, लेकिन उपभोक्ता मांग अब भी प्रभावित है।कोविड-19 का असर पूरे वर्ल्ड में देखने को मिला, लेकिन सरकारी कर्मचारियों पर उस तरह का आर्थिक तनाव नहीं पड़ा। इस अवधि में सरकारी कर्मचारियों की बचत में वृद्धि हुई है। इसी कड़ी में उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए यात्रा अवकाश भत्ता का नकद वाउचर दिया जायेगा। इससे आम लोगों को भी मदद मिलेगी, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों द्वारा खर्च की गई राशि से इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी।
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सेंट्रल गवर्नमेंट ने 12,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के वास्ते राज्यों के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त लोन की घोषणा की। इसमें पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 1,600 करोड़ रुपये और उत्तराखंड एवं हिमाचल के लिए 9,00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस स्कीम के तहत 7,500 करोड़ रुपये का प्रावधान अन्य राज्यों के लिए किया गया है।इसका आधा हिस्सा शुरुआत में दे दिया जायेगा। बाकी हिस्सा पहली किस्त के इस्तेमाल के बाद दिया जायेगा। अगर कुछ राशि का इस्तेमाल नहीं हो पाता है, तो उसे फिर रि-एलोकेट किया जा सकेगा।