नई दिल्ली: सेल कोलियरी डिवीजन होगा बोकारो स्टील प्लांट के अधीन

देश की महारत्न कम्पनी सेल द्वारा अपने ईकाइयों की समुचित विकास और मानिटरिंग के उद्देश्य से कोलियरी डिवीजन को बोकारो स्टील प्लांट के साथ अटैच करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है।

नई दिल्ली: सेल कोलियरी डिवीजन होगा बोकारो स्टील प्लांट के अधीन

नई दिल्ली। देश की महारत्न कम्पनी सेल द्वारा अपने ईकाइयों की समुचित विकास और मानिटरिंग के उद्देश्य से कोलियरी डिवीजन को बोकारो स्टील प्लांट के साथ अटैच करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है।स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल के कोलकाता स्थित रॉ मैटेरियल्स डिविजन (आरएमडी) हेडक्वार्टर को अब बंद किया जायेगा। नई दिल्ली में सेल बोर्ड की बैठक में गुरुवार को इस प्रोपोजल को स्वीकृति दे दी गई है। 

आरएमडी हेडक्वार्टर के अधीन संचालित माइंस का कार्यभार सेल के बोकारो और राउरकेला स्कोटील मैनेजमेंट को सौंपा गया है।  इस निर्णय के बाद कंपनी को प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। इसका असर धनबाद और पश्चिम बंगाल स्थित सेल के कोल माइंस पर भी दिखेगा। कोल माइंस का मैेनेजमेंट बोकारो स्टील प्लांट के अधीन चला जायेगा। गुआ और मेगाहातुबुरू माइंस समेत सेल की सभी परिसंत्तियों का नियंत्रण बोकारो स्टील प्लांट के हाथ में होगा। चार कोलियरी डिवीजन चासनाला, जीतपुर एवं टासरा (झारखंड) तथा  रामनगर कोलियरी (पश्चिम बंगाल)बोकारो स्टील प्लांट के अधीन हो जायेगा।

स्टील एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया सेफी महासचिव विमल विशी ने सेंट्रल स्टील व पीएमओं को पत्र लिखकर आरएमडी का हेडक्वार्टर कोलकाता के बदले राउरकेला ट्रांसफर करने की मांग की थी। पत्र में विभिन्न पहलुओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया था कि इस निर्णय से जहां कंपनी कंपनी को करोड़ों रुपये की आर्थिक बचत होगी। वही आरएमडी के अफसर व स्टाफ अलग-अलग स्टील प्लांट में ट्रांसफर होने से मैनपावर की समस्या का समाधान हो सकेगा। इसके बाद सेल बोर्ड ने प्रोपोजल पर विचार-विमर्श करते हुए इस पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है।वर्तमान समय में आरएमडी इकाई के अलग-अलग माइंस में 2500 कर्मचारी-अधिकारी तथा दो हजार ठेका श्रमिक कार्यरत हैं, जो अब बीएसएल और राउरकेला प्रबंधन के अधीन काम करेंगे।

यह होगा बदलाव
आरएमडी के अधीन मेघातुबुरु, किरीबुरु, गुवा, मनोहरपुर, भवनाथपुर तथा कुटेश्वर माइंस का संचालन बीएसएल के निदेशक प्रभारी के जिम्मे होगा।
आरएमडी के बोलानी, वरसुवा, टेलडीही तथा कल्टा माइंस का संचालन राउरकेला इस्पात प्रबंधन के जिम्मे होगा।
आरएमडी कोलकाता मुख्यालय में कार्यरत 29 कर्मचारी व 69 अधिकारी का तबादला सेल के अलग-अलग स्टील प्लांट में किया जायेगा।
राउरकेला व बीएसएल में ईडी माइंस के पद सृजित किये जायेंगे। जो आरएमडी से ट्रांसफर होकर यहां अपनी सेवा देंगे।
किस मद में बचेंगे कितनी राशि

आरएमडी हेडक्वार्टर कोलकाता ऑफिस की बिल्डिंग का मंथली रेंट 17 लाख रुपये था, जो अब बचेगा।कंपनी अपने स्टाफ को एचआर के मद में प्रतिवर्ष 27 लाख का पेमेंट करती थी।प्लांट स्टाफ के टीए-डीए मद में प्रतिवर्ष 30 लाख रुपये खर्च होता था।ट्रांसपोर्ट पर 26 लाख का खर्च वहन करना पड़ता था। मेडिकल में तीन करोड़ रुपये खर्च होता था। औषधि पर 12 लाख रुपये खर्च होता था।गेस्ट हाउस का खर्च पांच लाख रुपये था।बिजली और पानी का खर्च 12 लाख रुपये का होता था।अन्य विविध खर्च पांच लाख रुपये का होता है।