Ratan Tata Heir: नोएल टाटा होंगे रतन टाटा के उत्तराधिकारी, Tata Trust की मीटिंग में हुआ निर्णय
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया। टाटा ट्रस्ट की शुक्रवार 11 अक्तूबर को हुई मीटिंग में नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने कै फैसला किया गया है। निधन से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे।
- रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा उनकी विरासत संभालेंगे
मुंबई। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया। टाटा ट्रस्ट की शुक्रवार 11 अक्तूबर को हुई मीटिंग में नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने कै फैसला किया गया है। निधन से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे।
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टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की लगभग 66 परसेंट हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के पास लगभग 165 बिलियन डॉलर का साम्राज्य है। यह टाटा ब्रांड के तहत विभिन्न फर्मों की होल्डिंग कंपनी है, जो 150 साल से अधिक पुरानी है। अभी टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है, लेकिन टाटा ट्रस्ट मैनेजमेंट के मामले में इससे भी ऊपर है।टाटा ट्रस्ट असल में टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। इसकी 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में सबसे अधिक 66 परसेंट की हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 परसेंट स्टेक है।
रतन टाटा ने किसी को नहीं बनाया था उत्तराधिकारी
पद्म विभूषण से सम्मानित दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात देहांत हो गया। उनका गुरुवार को अंतिम संस्कार हुआ। रतन टाटा ने देहांत से पहले किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। ऐसे में रतन टाटा के उत्तराधिकारी का फैसला टाटा ट्रस्ट की मीटिंग में हुआ। इसमें नोएल नवल टाटा को नया चेयरमैन बनाया गया।
रसोई से हवाई जहाज तक फैला हुआ टाटा का बिजनस
नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाने का फैसला काफी अहम है, क्योंकि इसमें एविएश से लेकर ऑटोमोबाइल तक के इंडस्ट्री में डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो शामिल है। नोएल टाटा के चेयरमैन नियुक्त होने से शेयरधारकों के बीच यह संदेश गया है कि संस्थापक परिवार का कोई सदस्य ही परोपकारी संगठन का नेतृत्व कर रहा है। इसने कारोबारी साल 2023 के दौरान लगभग 56 मिलियन डॉलर (470 करोड़ रुपये) का दान दिया है।
जानें नोएल नवल टाटा के बारे में
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 67 वर्षीय नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले छोटे भाई और नवल टाटा के छोटे बेटे हैं। नवल टाटा रतन टाटा के पिता थे। नोएल टाटा की मां का नाम सिमोन टाटा है, जो आयरिश नागरिक थीं। नोएल टाटा सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में पहले से ही शामिल थे। रतन टाटा के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में सबसे आगे थे।
रतन टाटा के छोटे भाई नोएल नवल टाटा का जन्म 1957 हुआ था। वे भारतीय मूल के आयरिश कारोबारी हैं। वे ट्रेंट और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष होने के साथ-साथ टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक, टाइटन और टाटा स्टील के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें रतन टाटा के निधन के बाद 11 अक्टूबर 2024 से टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। नोएल टाटा नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। वह टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा और जिमी टाटा के सौतेले भाई हैं। नोएल नवल टाटा ने ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। फ्रांस में इनसीड बिजनेस स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी कार्यक्रम में भाग लिया।
2016 में दिखा टाटा ट्रस्ट का प्रभाव
टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का असली प्रभाव पहली बार 2016 में दिखाई दिया, जब रतन टाटा ने पलोनजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटा दिया। इससे भारत की सबसे बड़ी कॉरपोरेट जंग शुरू हो गयी थी। टाटा ट्रस्ट की स्थापना नोएल और रतन के परदादा जमशेदजी टाटा ने 1892 में की थी। इससे पहले जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप की स्थापना की थी।
जब टाटा ग्रुप से जुड़े नोएल नवल टाटा फ्रांस से पढ़ाई पूरी करने के बाद नोएल नवल टाटा ने टाटा ग्रुप की विदेश में पेश किये जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की शाखा टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की। जून 1999 में वे टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट के प्रबंध निदेशक बने। इसकी स्थापना उनकी मां सिमोन टाटा ने की थी। इस समय तक ट्रेंट ने डिपार्टमेंट स्टोर लिटिलवुड्स इंटरनेशनल का अधिग्रहण कर लिया था। इसका नाम बदलकर वेस्टसाइड कर दिया था। नोएल नवल टाटा ने वेस्टसाइड को नई ऊंचाई तक पहुंचायी। इसे एक लाभदायक उद्यम में बदल दिया। वर्ष 2003 में उन्हें टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास का निदेशक नियुक्त किया गया।
2010-2011 में ही रतन टाटा के उत्तराधिकारी की होने लगी थी चर्चा
वर्ष 2010-2011 में यह घोषणा की गई कि नोएल नवल टाटा को टाटा इंटरनेशनल का एमडी बनाया जायेगा। उस समय यह टाटा ग्रुप की विदेशी कंपनियों में 70 बिलियन डॉलर की कंपनी थी। उस समय यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि नोएल नवल टाटा को टाटा ग्रुप के प्रमुख के तौर पर रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
2011 में साइरस मिस्त्री बने थे रतन टाटा के उत्तराधिकारी
2011 में नोएल नलव टाटा के साले साइरस मिस्त्री को रतन टाटा का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। नोएल नवल टाटा की शादी आलू मिस्त्री से हुई है। आलू मिस्त्री पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं। साइरस मिस्त्री पलोनजी मिस्त्री के बेटे थे। अक्टूबर 2016 में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। रतन टाटा ने फरवरी 2017 तक चार महीने के लिए ग्रुप के अध्यक्ष का पद संभाला। नोएल नवल टाटा को 2018 में टाइटन कंपनी का उपाध्यक्ष बनाया गया और फरवरी 2019 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हुए। 29 मार्च 2022 को उन्हें टाटा स्टील का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट दोनों के चेयरमैन रहे रतन
रतन टाटा ऐसे आखिरी शख्स रहे, जिन्होंने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट दोनों के चेयरमैन की भूमिका निभाई। लेकिन, टाटा ग्रुप के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में 2022 में संशोधन किया गया। नए संशोधन के मुताबिक, अब एक ही व्यक्ति के दोनों पद पर रहने पर रोक लगा दी गयी। इस नियम का मकसद गवर्नेंस के स्ट्रक्चर में बदलाव लाना है।
नटराजन चंद्रशेखरन हैं टाटा संस के चेयरमैन
टाटा ग्रुप की फिलहाल सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है। इसके चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं। लेकिन, टाटा ट्रस्ट इस कंपनी के भी ऊपर है। इसकी कमान टाटा परिवार के सदस्य ही संभालते रहे हैं। देहांत से पहले तक रतन ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे। अब उनकी जिम्मेदारी नोएल टाटा संभालेंगे।