देश में लगातार 14वें दिन दैनिक कोरोना संक्रमण दर पांच परसेंट नीचे बनी रही, WHO ने कहा- इंडिया हो सकता है पाबंदियों से मुक्त
इंडिया के लिए वैश्विक कोरोना महामारी की सेकेंड के खिलाफ लड़ाई में सोमवार का दिन अहम रहा। लगातार 14वें दिन दैनिक संक्रमण दर पांच परसेंट से नीचे बनी रही। WHO के मापदंडों के अनुसार अब देश को पाबंदियों से मुक्त किया जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञ इसका एलान करने में सावधानी बरत रहे हैं।
कोरोना महामारी की सेकेंड वेव के खिलाफ लड़ाई में दिन इंडिया के लिए अहम सोमवार का दिन
WHO के मापदंडों के मुताबिक अब देश को पाबंदियों से मुक्त किया जा सकता है।
नई दिल्ली। इंडिया के लिए वैश्विक कोरोना महामारी की सेकेंड के खिलाफ लड़ाई में सोमवार का दिन अहम रहा। लगातार 14वें दिन दैनिक संक्रमण दर पांच परसेंट से नीचे बनी रही। WHO के मापदंडों के अनुसार अब देश को पाबंदियों से मुक्त किया जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञ इसका एलान करने में सावधानी बरत रहे हैं।
देश में दैनिक संक्रमण दर 3.83 परसेंट, स्पेशलिस्ट्स ने कहा- सावधान रहने की जरूरत
इंडिया में सोमवार को दैनिक संक्रमण दर 3.83 परसेंट दर्ज की गई। सात जून को दैनिक संक्रमण दर 4.6 परसेंट थी, उसके बाद से यह पांच परसेंट से नीचे बनी हुई है। स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि यह सकारात्मक पहलू है, लेकिन अभी बेहद सावधान रहने की जरूरत है। वायरस के नये-नये वैरिएंट सामने आ रहे हैं। दैनिक संक्रमण का मामला भी अभी 50 हजार से ऊपर बना हुआ है। देश के कई जिलों में अभी संक्रमण रेट पांच परसेंट से अधिक है।
सेकेंड वेव जितनी तेजी से ऊपर उठी थी, उतनी ही तेजी से गिर रही है कोरोना संक्रमण
स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड वेव जितनी तेजी से ऊपर उठी थी, उतनी ही तेजी से गिर रही है।गौतम बुद्ध नगर स्थित शिव नाडर यूनिवर्सिटी में स्कूल आफ नेचुरल साइंस में एसोसिएट प्रोफेसर नागा सुरेश वीरपू कहा कहना है कि 'मौजूदा पांच परसेंट से कम संक्रमण रेट के साथ इंडिया में कोरोना की दूसरी लहर जितनी तेजी से ऊपर उठी थी, उतनी ही तेजी से गिर रही है, लेकिन इसका अंत अभी बहुत दूर है, क्योंकि डेल्टा प्लस जैसे नये वैरिएंट सामने आ रहे हैं।
14 दिनों तक दैनिक संक्रमण रेंट पेंच परसेंट से नीचे रहती है तो हटायी जा सकती हैं पाबंदियां
WHO के अनुसार अगर किसी क्षेत्र या देश में लगातार 14 दिनों तक दैनिक संक्रमण रेट पांच परसेंट से नीचे रहती है तो उसे खोला जा सकता है। यानी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं। इस मापदंड के हिसाब से इंडिया में सेकेंड वेव का अंत माना जा सकता है।वीरपू ने कहा कि इस साल फरवरी में देश फस्ट वेवके अंत का जश्न मना रहा था। आसन्न दूसरी लहर को आसानी से नजरअंदाज कर दिया। दूसरी लहर ने तब धावा बोला, जब देश में राष्ट्रीय संक्रमण दर एक परसेंट थी।फरवरी के पहले हफ्ते में जब नये मामलों की संख्या 10 हजार से नीचे आई और संक्रमण दर एक फीसद से कम हुई तो लोगों ने बचाव के उपायों का त्याग कर दिया। न कोई मास्क लगा रहा था और न ही कोई दो गज की दूरी ही बरकरार रख रहा था। बाजारों में भीड़ तो ऐसे बढ़ी, मानों सबकुछ सामान्य हो गया। इसका खामियाजा जल्द ही भुगतना पड़ा। मार्च में डेल्टा वैरिएंट इतनी तेजी से फैला कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। देखते ही देखते पूरा देश भयावह दूसरी लहर की चपेट में आ गया। मई के पहले हफ्ते में नए मामले चार लाख को पार कर गये।
संक्रमण के मामले घट रहे हैं, लेकिन अभी भी ज्यादा
गवर्नमेंट की पॉलिसी पर नजर रखने वाले चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि कि संक्रमण के मामले घट जरूर रहे हैं, लेकिन अभी भी इनकी संख्या ज्यादा बनी हुई है। राष्ट्रीय संक्रमण दर पांच फीसद से नीचे आ गई है। परंतु कई जिलों में यह अभी भी पांच परसेंट से ज्यादा है।
केरल में दैनिक संक्रमण रेट पांच परसेंट से ज्यादा
हरियाणा स्थित अशोक यूनिवर्सिटी के भौतिक एवं जीव विभाग विभाग में प्रोफेसर गौतम मेनन कहते हैं कि केरल में दैनिक संक्रमण दर पांच परसेंट से ज्यादा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह ज्यादा जांच का परिणाम है या वहां वास्तव में स्थिति अभी खराब है। रविवार को केरल में संक्रमण दर 10.84 परसेंट थी।