अफगानिस्तान के काबुल में फंसे बोकारो के बबलू की सकुशल वापसी,तालिबानियों के खौफ से एक कमरे में था बंद..
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे बोकारो (बेरमो) के बबलू कुमार की हुई रविवार को अपने देश में सकुशल वापसी हो गयी। काबुल से 168 भारतीयों को लेकर दिल्ली आए भारतीय विमान में बबलू भी सवार था।
- वतन लौटा तो आंखों से छलक पड़े खुशी के आंसू
रांची। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे बोकारो (बेरमो) के बबलू कुमार की हुई रविवार को अपने देश में सकुशल वापसी हो गयी। काबुल से 168 भारतीयों को लेकर दिल्ली आए भारतीय विमान में बबलू भी सवार था। उसने केन्द्र व राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर रविवार की शाम कदम रखते ही बबलू के चेहरे खुशी से खिल उठे। सबसे पहले धरती मां को प्रणाम करते हुए चूमा। पीएम मोदी और सीएम हेमंत सोरेन के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।वतन वापसी पर बबलू भावुक हो गये और कहा कि दूसरा जन्म हुआ है।
एयरपोर्ट के बाहर काफी संख्या में उपस्थित शुभचितंकों ने माला पहना कर स्वागत किया। बबलू ने कहा कि अमेरिका के हटने के बाद तालिबानी की गतिविधि अफगानिस्तान में शुरू हुई।जिस प्राइवेट कंपनी में वो कार्यरत था, उस कंपनी के मालिक ने उसे काफी सहयोग किया। एयरपोर्ट के अंदर तालिबानी सेना ने भी मदद किया।बबलू ने कहा कि अफगानिस्तानमें अंधाधुंध गोली चल रही थी। 15 अगस्त से देश आने का प्रयास कर रहे थे। 16 अगस्त को एयरपोर्ट के लिए निकले. लेकिन, इतनी गोली चल रही थी कि वापस फिर कंपनी के गेस्ट हाउस चले गये। इस गेस्ट हाउस में दो दिन से रुके हुए थे। इस दौरान काफी दिक्कतें भी हुई। इस बीच कंपनी के गेस्ट हाउस में तालिबानी घुस आये थे। उन्होंने कमांडों के नहीं आने तक गेस्ट हाउस में ही रुकने को कहा। तालिबानियों ने कोई भेदभाव नहीं किया। बबलू ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट से ढाई किमी की दूरी पर थे, लेकिन वहां पहुंचने में 20 घंटे लग गये।बबलू ने कहा कि खाने के लिए सिर्फ बिस्कुट, पानी, कोल्ड ड्रिक मिलता था। उन्होंने कहा कि किसी भारतीय का अपहरण तालिबानियों ने नहीं किया था। 160 भारतीय साथ में वतन लौटे हैं।उन्होंने कहा कि अगर यहीं रोजगार मिल जाये, तो लोग पलायन कभी ना करें।
घर से 30 जून को निकला था, पांच जुलाई को गया था काबुल
बबलू बैट्री-इन्वर्टर आदि निर्माण से जुड़ी अफगानाराना नामक कंपनी में बबलू आपरेटर पद पर था। वर्ष 2018 में बने वीजा के आधार पर वह दो बार पहले भी वहां जा चुका था। इस बार तीसरी बार वहां जाने के लिए पिछले 30 जून को बेरमो के गांधीनगर स्थित घर से निकला था। पांच जुलाई को दिल्ली से काबुल पहुंचा था। बोकारो जिले के बेरमो कोयलांचल स्थित गांधीनगर निवासी बबलू कुमार अफगानिस्तान के निजी कंपनी में रेडियो ऑपरेटर के तौर पर वर्ष 2018 से काम कर रहा था।






