पश्चिम बंगाल: एक रिक्शा चालक भी पहुंचा विधानसभा,टीएमसी की टिकट पर बालागढ़ से जीता है साहित्यकार
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हुगली जिले के बालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से एक रिक्शा चालक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचा है। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर रिक्शा चालक मनोरंजन व्यापारी ने बीजेपी कैंडिडेट सुभाष चंद्र हलदार को 5,784 वोटों से हराकार बालगढ़ से जीत दर्ज की है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हुगली जिले के बालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से एक रिक्शा चालक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचा है। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर रिक्शा चालक मनोरंजन व्यापारी ने बीजेपी कैंडिडेट सुभाष चंद्र हलदार को 5,784 वोटों से हराकार बालगढ़ से जीत दर्ज की है।
सीएम सह टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस बार बालागढ़ के एमएलए असीम कुमार मांझी का टिकट काटकर दलित समुदाय के नेता व साहित्यकर मनोरंजन व्यापारी को बालगढ़ से कैंडिडेट बनाया था। रिक्शा चालक मनोरंजन का कहना है कि अब वे कानून के मंदिर में जाकर गरीब एव असहाय लोगों की आवाज बनना चाहते हैं। गरीब और असहाय लोगों की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। वह बालागढ में पत्नी व बेटे के साथ रहते हैं। उनका कहना है कि हौसले बुलंद हो तो कोई भी लड़ाई जीती जा सकती हैं।
मनोरंजन रिक्शा चलाने के साथ-साथ यह दलित नेता अच्छे लेखक भी हैं।उन्होंने मशहूर साहित्यकर महाश्वेता देवी से प्रेरित होकर कई किताबे लिखी हैं। नक्सल आंदोलन के समय मनोरंजन जेल भी गये थे। मनोरंजन का कहना है कि गरीबी के कारण होटलों में बर्तन साफ करते थे। बचपन में गरीबी इतनी थी कि भूख से बहन को उन्होंने अपनी आंखो सामने मरते देखा है। वे तृणमूल कांग्रेस में इसलिए शामिल हुए क्योंकि इस दौर में गले में गमछा लगाकर रिक्शा चलाने वालों को समाज में और कोई नहीं पूछता हैं। गले में जहा टाई लगाने वालों की भरमार है, वहा गमछा वाले की सुध कौन लेगा। ममता बनर्जी ने उन्हें सम्मान दिया और इस सीट से चुनाव लड़ने को कहा था।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में हुगली से एमपी लॉकेट चटर्जी ने बालागढ विधानसभा सीट से लगभग 34 हजार वोटों की बढ़त बनाई थी। उस समय यहां तृणमूल का आपसी कलह चरम पर था। इन सब समस्याओं को अपने ढंग से समाधान करके मनोरंजन व्यापारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की है।