लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपित सेंट्रल मिनिस्टर अजय मिश्र का पुत्र आशीष बीमार,अब शनिवार को होगा पेश
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उपद्रव तथा हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में किसानों की ओर दर्ज कराई गई एफआइआर में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू बीमार हो गया है। अब वह शनिवार को लखीमपुर खीरी पुलिस लाइंस में क्राइम ब्रांच टीम के समक्ष पेश होगा।
- हिंसक वारदात की जांच की धीमी गति से यूपी गवर्नमेंट से सुप्रीम कोर्ट नाखुश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उपद्रव तथा हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में किसानों की ओर दर्ज कराई गई एफआइआर में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू बीमार हो गया है। अब वह शनिवार को लखीमपुर खीरी पुलिस लाइंस में क्राइम ब्रांच टीम के समक्ष पेश होगा।
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केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को शुक्रवार को ही क्राइम ब्रांच के समक्ष दस बजे पेश होना था, लेकिन आज तबीयत खराब होने के कारण वह पेश नहीं हो सका। लखीमपुर खीरी कांड में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 24 घंटे की और मोहलत मिली है। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा बीमार है। पुलिस से पेश होने के लिए समय मांगा है। लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने आशीष मिश्रा मोनू को शनिवार को दिन में 11:00 बजे तक पेश होने का निर्देश दिया है। लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उपद्रव तथा हिंसा के मामले में आरोपित मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा के घर पर शुक्रवार को समन का दूसरा पत्र चस्पा किया है। अब कल आशीष मिश्रा की लखीमपुर खीरी पुलिस लाइंस में पेशी होनी है। आशीष को दूसरी नोटिस में 24 घंटे की मोहलत दी गई। पुलिस आज सुबह 10 बजे पेश होने का इंतजार करती रही।पुलिस ने इस बीच साफ कह दिया है कि अगर आशीष मिश्रा मोनू शनिवार को भी किसी कारण से पेश नहीं हो सके तो फिर कानून अपना काम करेगा।
बेटे को कहीं छिपाया नहीं गया है, वह बेकसूर, जांच में सच्चाई आयेगी सामने
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का कहना है कि बेटे को कहीं छिपाया नहीं गया है। वह बड़ा है और अपने हिसाब से निर्णय लेता है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी शुक्रवार शाम को लखनऊ में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को कल नोटिस मिली थी। आज उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। वह कल पुलिस के सामने पेश होगा और अपना अभिकथन व साक्ष्य आदि प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। बीजेपी गवर्नमेंट निष्पक्ष तरीके से काम करती है। जांच में जो दोषी पाया जायेगा उस पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को कल नोटिस मिला पर कल उनका स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ था। उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं। 'मेरा बेटा कहीं नहीं गया, वो शहपुरा में अपनी कोठी में है। आपको विश्वास नहीं है तो लखीमपुर चलो। दूसरे राजनीतिक दल होते तो जितने बड़े पद पर मैं हूं उनके बेटे के ख़िलाफ FIR भी दर्ज नहीं होती।' गृह राज्य मंत्री ने कहा कि उनके पद से इस्तीाफा देने की मांग सिर्फ विपक्ष कर रहा है। विपक्ष का तो यही काम है। उन्हेंि कानून व्यीवस्थार पर पूरा भरोसा है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो निष्पंक्ष जांच करती है। जो भी जांच के दौरान दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।
भागने की कोई बात नहीं
आशीष मिश्रा के चचेरे भाई अमित मिश्रा ने कहा कि भागने की कोई बात नहीं है। आशीष एसआईटी के सामने पेश होंगे, छिपने की भी कोई बात नहीं है। अमित ने कहा कि यह कांग्रेस का फैलाया प्रोपेगेंडा है।आशीष उस वक्त (घटना के वक्त) बनवीरपुर में थे, मतलब मौका ए वारदात पर नहीं थे। अमित ने कहा कि आशीष के बाहर भागने की बातें सब मनगढ़ंत हैं। वह कोई क्रिमिनल नहीं जो भागे और वीडियो में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा हैं। थार चलाने वाला ड्राइवर था, जिसकी मौत हो गई है। अमित ने कहा कि आशीष को जो सबूत देने थे वह दे चुके हैं। पुलिस ने कल देर रात समन जारी किया है। उनसे हमारा संपर्क नहीं हैलेकिन आशीष एसआईटी के सामने पेश जरूर होंगे। लखीमपुर खीरी में उपद्रव तथा हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा की तरफ से क्रास एफआइआर के लिए तहरीर देने वाला आशीष का दोस्त सुमित जायसवाल भी फरार है। वह घटना के समय थार जीप से निकलकर भागा था। सुमित जायसवाल को आशीष मिश्रा का करीबी बताया जाता है।
योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच से संतुष्ट नहीं कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा मामले में यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को लेकर पूछा कि अगर किसी पर धारा 302 के तहत आरोप है क्या उसे नोटिस देकर बुलाया जाता है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। धारा 302 हत्या से जुड़ी धारा होती है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि वह जांच के लिए यूपी सरकार की तरफ से उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं है।सीजेआइ एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जिन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया और पूछा कि आखिर आप क्या संदेश दे रहे हैं। यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि आरोपी आशीष मिश्रा कल सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश होगा। इससे पहले गुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से आज यानी शुक्रवार तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस स्थिति रिपोर्ट में राज्य सरकार को प्राथमिकी में नामित आरोपियों के विवरण के साथ ही यह भी बताना था कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
कोर्ट ने कहा- आठ लोगों की नृशंस हत्या हुई है, सभी आरोपियों के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए कहा कि जब मामले में मृत्यु या बंदूक की गोली से घायल होने जैसे गंभीर आरोप लगे हों तब भी क्या आरोपियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आठ लोगों की नृशंस हत्या हुई है और कानून को सभी आरोपियों के खिलाफ अपना काम करना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि मामले की गंभीरता को समझते हुए हमें उम्मीद है कि यूपी सरकार इस मामले में आवश्यक कदम उठायेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक वैकल्पिक एजेंसी के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है, जो इस मामले की जांच कर सकती है। CJI ने उत्तर प्रदेश सरकार अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इस मामले को नहीं संभालती, तब तक केस के सबूत सुरक्षित रहे। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को उसका यह संदेश राज्य सरकार को देने को कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में सबूत नष्ट ना हों ।
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश की तरफ से सीनीयर एडवोकेट हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में कहा कि अजय मिश्र को निशाना बनाया जा रहा है। वो कल सुबह कोर्ट में पेश होंगे। उन्हें नोटिस भेज दिया गया है।इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने यूपी सरकार को आज मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि कितने लोगों पर एफआइआर हुई और किसे-किसे गिरफ्तार किया गया है।