भागलपुर: पुलिसकर्मी की बेटी से छेड़खानी का केस दर्ज करने में देरी, आरोपित को मदद, ललमटिया थानाध्यक्ष सस्पेंड
भागलपुर जिले के ललमटिया थानाध्यक्ष ओमप्रकाश को युवती के साथ छेड़खानी के मामले में केस दर्ज करने में देरी करने और आरोपी पक्ष को फायदा पहुंचाना महंगा पड़ा गया। भागलपुर डीआइजी सुजीत कुमार ने ललमटिया थानाध्यक्ष ओमप्रकाश को सस्पेंड कर दिया।
भागलपुर।भागलपुर जिले के ललमटिया थानाध्यक्ष ओमप्रकाश को युवती के साथ छेड़खानी के मामले में केस दर्ज करने में देरी करने और आरोपी पक्ष को फायदा पहुंचाना महंगा पड़ा गया। भागलपुर डीआइजी सुजीत कुमार ने ललमटिया थानाध्यक्ष ओमप्रकाश को सस्पेंड कर दिया।
पीड़ित पक्ष ने डीआइजी को कंपलेन किया था कि ललमटिया थानाध्यक्ष छेड़खानी की केस दर्ज नहीं कर रहे हैं।आरोपी पक्ष को फायदा पहुंचा रहे हैं। आरोपी के आवेदन पर पीड़ित पक्ष पर फर्जी केस कर दिया गया है।कंपलेन मिलने पर डीआइजी ने एएसपी सिटी से मामले की जांच कराई थी। एएसपी ने जांच में ललमटिया थानाध्यक्ष पर लगे आरोप को सही पाते हुए और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसके बाद डीआईजी ने थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया।
क्या है मामला
पीड़ित लड़की के पिता सीटीएस नाथनगर में कांस्टेबल हैं। आरोपी लड़के विकास कुमार का पिता सीटीएस नाथनगर में ही हवलदार और उसका भाई एसएसपी ऑफिस टेक्नीकल सेल में पोस्टेड है। पीड़िता के पिता ने डीआईजी से कंपलेन कीया था आरोपी लड़के के भाई के दबाव में आरोपी पक्ष का झूठा केस दर्ज कर लिया गया। जांच में आरोप को सही पाये जाने के बाद डीआइजी नेललमटिया थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर एसएसपी को उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग शुरू करने का निर्देश दिया है।
आवेदन में ओवरराइटिंग कर डेट बदल दी
पीड़ित पक्ष ने तीन दिसंबर को डीआईजी से मिलकर बताया था कि लड़की से छेड़खानी का केस दर्ज करने के लिए उन्होंने 19 अक्टूबर को ललमटिया थानाध्यक्ष को आवेदन दिया था। थानाध्यक्ष ने आवेदन पर केस दर्ज नहीं किया गया। आरोपी पक्ष की तरफ से भी 26 अक्टूबर को आवेदन लेकर ललमटिया थानाध्यक्ष ने उसी दिन दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज कर दिया। पीड़ित पक्ष का कहना था कि थानाध्यक्ष ने सात दिन बाद उनके आवेदन पर केस दर्ज किया। उसी दिन आरोपी की तरफ से भी केस कर दिया। एएसपी सिटी ने जब जांच की तो पाया कि पीड़ित पक्ष के दिये आवेदन की डेट को ओवर राइटिंग कर बदल दिया गया था।