बिहार: मधुबनी में चैंबर में घुसकर जज पर थानाध्यक्ष ने तानी पिस्तौल, FIR,दोनों पुलिस अफसर अरेस्ट
मधुबनीके झंझारपुर अनुमंडल कोर्ट में गुरुवार को घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने अपने सहयोगी पुलिस अधिकारी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में घुसकर उन पर हमला कर दिया। थानाध्यक्ष ने एडीजे पर पिस्तौल तान ली और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। अनुमंडल कोर्ट के कर्मी व कई अधिवक्ताओं दोनों पुलिस अफसर को घेरकर जमकर पिटाई की।
- घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने मारपीट व अभद्र भाषा का भी किया प्रयोग
मधुबनी। झंझारपुर अनुमंडल कोर्ट में गुरुवार को घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने अपने सहयोगी पुलिस अधिकारी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में घुसकर उन पर हमला कर दिया। थानाध्यक्ष ने एडीजे पर पिस्तौल तान ली और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। अनुमंडल कोर्ट के कर्मी व कई अधिवक्ताओं दोनों पुलिस अफसर को घेरकर जमकर पिटाई की।
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सूचना मिलते ही एसपी सतया प्रकाश,एसडीएम शैलेश कुमार चौधरी, डीएसपी आशीष आनंद एवं झंझारपुर थानाध्यक्ष सह ट्रेनी डीएसपी नेहा कुमारी पुलिस के साथ कोर्ट पहुंचे। मामले की छानबीन की। सीनीयर पुलिस व प्रशासनिक अफसर काफी देर कर कोर्ट परिसर में कैंप कर रहे थे। कोर्ट परिसर के दोनों प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है। कोर्ट कैंपस पुलिस छावनी
झंझारपुर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज
मामले में जज अविनाश कुमार ने DSP नेहा कुमारी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। उन्होंने कहा है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनसे गालीगलौज के साथ ही मारपीट की। घोघरडीहा थानाध्यक्ष (SHO) गोपाल प्रसाद ने मुझपर अपनी सर्विस पिस्टल तानी और जान से मारने की धमकी दी। उसने ऐसा 'अपने बॉस SP साहब' के समर्थन से करने की बात कही। मामले में झंझारपुर पुलिस स्येशन में IPC और आर्म्स एक्ट में कांड संख्या 255/2021 तहत एफआइआर दर्ज की गयी है। दोनों पुलिस अफसरों को देर रात अरेस्ट कर लिया गया है।
पटना हाईकोर्ट ने DGP और SP को किया तलब
जज अविनाश कुमार के भेजे गये लेटर पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी, DGP, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी SP को नोटिस जारी किया है। DGP को सील्ड कवर में 29 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। इसी दिन मामले में हाईकोर्ट खुद सुनवाई करेगी।
दोषियों पर होगी कार्रवाई: एसपी
मधुबनी SP डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि झंझारपुर कोर्ट रके जज और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। किसी भी हाल में उन्हें बख्शा नहीं जायेगा।
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने की निष्पक्ष जांच की मांग
बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच पटना हाई कोर्ट के जज से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निष्पक्ष जांच की रिपोर्ट आने पर उसमें जो कोई भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। न्यायपालिका का हम सम्मान करते हैं। मगर, मजिस्ट्रेट को पुलिस वालों को गाली देने का हक किसी ने नहीं दिया है। उन्होंने देर से पहुंचने पर पुलिस वालों के साथ गाली-गलौज किया। उनकी बेइज्जती की। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद हुआ। इसके बाद ही मामला बढ़ गया। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात कह रहे हैं। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
यह है मामला
बताया जाता है कि घोघरडीहा पुलिस स्टेशन के एक गांव का मारपीट का मामला कोर्ट में चल रहा था। पीड़ित पक्ष के साथ फिर से मारपीट की गई। इसमें एक महिला ने अपना आवेदन अनुमंडल विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सह एडीजे प्रथम अविनाश कुमार को दिया था। उन्होंने उस आवेदन पर संज्ञान लेते हुए घोघरडीहा थानाध्यक्ष को नोटिस कर बुधवार को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। थानाध्यक्ष बुधवार को नहीं आकर अपने एक सहयोगी अफसर के साथ गुरुवार को लगभग दो बजे एडीजे के चैंबर में पहुंचे। आने का कारण बताने पर एडीजे ने कहा कि आपको तो कल ही आना था। इस पर थानाध्यक्ष आपा खो बैठे और अभद्र भाषा का उपयोग किया। विरोध करने पर एडीजे पर हमला कर दिया।उनके साथ मारपीट की। एडीजे पर पिस्टल तान दी। अनुमंडल न्यायालय में कार्यरत कर्मियों व अधिवक्ताओं ने बीच-बचाव कर दोनों पुलिस कर्मियों के कब्जे से एडीजे को मुक्त कराया।
अपने अनोखे फैसलों से सुर्खियों में रहे हैं जज अविनाश कुमार
जज अविनाश कुमार अपने अनोखे फैसलों से सुर्खियों में रहे हैं। इसी साल सितंबर में जज अविनाश कुमार ने छेड़छाड़ के आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने की शर्त पर बेल दी थी। यह सेवा आरोपी को लगातार छह महीने तक मुफ्त में देनी है। जज ने गांव के पंच-सरपंच को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा था। छह महीने पूरे होने पर दोषी को मुफ्त सेवा का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा करने का भी आदेश दिया गया था। पेशे से धोबी आरोपी 20 साल का है। एक अन्य मामले में शिक्षक को पहली क्लास से पांचवीं तक के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की शर्त पर बेल दी थी।
SP, DSP और थानाध्यक्ष व व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी पर खड़े किये थे सवाल
जज अविनाश कुमार की कोर्ट ने भैरव स्थान पुलिस स्टेशन में दर्ज एक FIR में पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाने पर सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट को 14 जुलाई 2021 को एक साथ पत्र जारी किया था। इसमें मधुबनी SP, झंझारपुर DSP और भैरव स्थान थाना के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी पर सवाल खड़े किए थे। उनको कानून की जानकारी नहीं होने की बात कही थी।उन्होंने एक कुत्ते को पालने और पांच कुत्तों को एक माह तक खाना देने की शर्त पर एक हत्यारोपित को बेल दी थी। इसी तरह रंगदारी व मारपीट के दो आरोपितों को अनुसूचित जाति के गरीब पांच बच्चों को छह माह तक आधा लीटर दूध मुफ्त में देने की शर्त पर जमानत दी थी। हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) अविनाश कुमार के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा दी थी।