बिहार: पटना के फुलवारीशरीफ आतंकी माड्यूल की जांच करेगी NIA, होम मिनिस्टरी ने जारी किया आदेश

बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में देशविरोधी गतिविधियों के संचालन और भारत को 2047 तक इस्लामिक स्टेट बनाने के षड्यंत्र मामले की की जांच अब एनआइएकरेगी। होम मिनिस्टरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच एनआइए से कराने का निर्देश जारी कर दिया है।

बिहार: पटना के फुलवारीशरीफ आतंकी माड्यूल की जांच करेगी NIA, होम मिनिस्टरी ने जारी किया आदेश
  • भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की थी मुहिम

पटना। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में देशविरोधी गतिविधियों के संचालन और भारत को 2047 तक इस्लामिक स्टेट बनाने के षड्यंत्र मामले की की जांच अब एनआइएकरेगी। होम मिनिस्टरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच एनआइए से कराने का निर्देश जारी कर दिया है।

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जांच का जिम्मा मिलने के बाद सबसे पहले एनआइए इस मामले की नई एफआइआर दर्ज करेगी। सूत्रों के अनुसार, देर रात या शनिवार की सुबह तक एनआइए फुलवारी शरीफ मामले की एफआइआर दर्ज कर लेगी।वर्तमान में फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच पटना पुलिस की एसआइटी संभाल रही थी जबकि एटीएस समेत कई सुरक्षा एजेंसियां जांच में सहयोग कर रही थीं। मामले का खुलासा होने के बाद से ही एनआइए, रा और आइबी के अफसर लगातार पटना में कैंप कर रहे थे। अब एनआइए के पास जांच जाने के बाद दिल्ली से एनआइए के सीनीययर की टीम के भी पटना पहुंचने की संभावना है। यहां आकर एनआइए के अधिकारी पटना पुलिस से अब तक की कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट लेगी। इसके बाद नये सिरे से अपनी जांच शुरू करेगी।
भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की थी मुहिम
मोतिहारी के अली असगर उर्फ अब्दुल्लाह बिहारी की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता ने सबको चौंका दिया है। एनआईए द्वारा गिरफ्तार अली असगर बहुत ही कट्टर स्वभाव का है। और भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की मुहिम में वह आतंकी संगठन जेएमबी के साथ मिलकर काम कर रहा था।एनआईए ने 19 जुलाई को ढाका के सिसवनिया के मदरसा में रेड कर अली असगर को अरेस्ट किया थ। असगर लोगों को जेहाद के लिए भड़काता था। इसके लिए वह नफरत भरे पोस्ट तैयार कर ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उसे अलग-अलग ग्रुप में पोस्ट करता था। ऐसा करने के पीछे उसका मकसद लोगों के बीच नफरत फैलाना और जेहाद के लिए तैयार करना था।

जेएमबी से जुड़े हैं असगर के तार
गिरफ्तार असगर के तार बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) से जुड़े हैं। एनआईए के अनुसार भोपाल में इसी वर्ष अप्रैल में जेएमबी के लिए काम करनेवाले छह संदिग्धों को गिरफ्तार गया था, जिसमें तीन बांग्लादेशी नागरिक हैं। यह ग्रुप देश में जेएमबी का फैलाव करने और युवाओं को भारत के खिलाफ जेहाद के लिए उकसाने में लगा था। भोपाल में गिरफ्तार जेएमबी के आतंकियों से असगर की गहरी साठगांठ सामने आने के बाद उसके ठिकाने पर छापेमारी की गई। उसके संबंध बांग्लादेश और भारत में मौजूद कई अन्य संदिग्धों से हैं जिनके आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का शक है। उनतक संदेश भेजने के लिए असगर सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करता था ताकि जांच एजेंसियों को उसके मकसद की भनक न लग पाए।

पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क से जुड़ रहे तार

फुलवारीशरीफ मामले की जांच जैसे-जैसे बढ़ रही है, इसके तार पाकिस्तान, दोहा समेत कई इस्लामिक देशों से जुड़ रहे हैं। पीएफआइ और एसडीपीआइ के बाद कट्टरपंथी समूह गजवा-ए-हिंदऔर आइएसआइ से भी पकड़े गये सदस्यों के जुड़ाव की बात सामने आई है।

पीएम के आने से एक दिन पहले हुई थी अरेस्टिंग

बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में पीएम नरेन्द्र मोदी के पटना आगमन से एक दिन पूर्व 11 जुलाई को खुफिया विभाग की सूचना पर पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ में एसडीआइपी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के अ़फिस में रेड की थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि पीएम के पटना भ्रमण के दौरान गड़बड़ी करने के लिए कुछ लोग नया टोला इलाके अहमद पैलेस में इकट्ठा हुए हैं। पुलिस रेड में फुलवारीशरीफ में केरल सहित अन्य कई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित कर भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में झारखंड पुलिस के रिटायर्ड दरोगा व मकान मालिक मो. जलालुद्दीन और प्रशिक्षण देने वाले अतहर परवेज को अरेस्ट किया। इसके बाद फुलवारी शरीफ से ही संगठन के सदस्य अरमान मलिक और गजवा-ए-ङ्क्षहद गु्रप से जुड़े मरगूब उर्फ दानिश को पकड़ा गया। इस मामले में यूपी एटीएस की मदद से लखनऊ से नुरुद्दीन जंगी को अरेस्ट किया गया है।