बिहार: पुलिस जांच में खुलासा, 47 घंटे जेल से बाहर रहे बाहुबली आनंद मोहन, कोर्ट में बिताए सिर्फ तीन घंटे
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस में सजायाप्ता बिहार के बाहुबली एक्स एमपी आनंद मोहन के पटना आवास व खगड़िया सर्किट जाने की फोटो वायरल होने मामले की जांच में कई चौकाने वालें तथ्य सामने आये हैं। सहरसा डीएसपी (हेडक्वार्टर) द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ है कि आनंद मोहन न्यायिक अभिरक्षा में 47.5 घंटे जेल से बाहर रहे।
- सहरसा जेलर समेत तीन अफसर सस्पेंड
- एसआइ व चार कांस्टेबल भी हुए सस्पेंड
पटना। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस में सजायाप्ता बिहार के बाहुबली एक्स एमपी आनंद मोहन के पटना आवास व खगड़िया सर्किट जाने की फोटो वायरल होने मामले की जांच में कई चौकाने वालें तथ्य सामने आये हैं। सहरसा डीएसपी (हेडक्वार्टर) द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ है कि आनंद मोहन न्यायिक अभिरक्षा में 47.5 घंटे जेल से बाहर रहे।
11 अगस्त की शाम 5.45 बजे जेल से चले व 13 अगस्त की शाम 5.15 मिनट पर वापस जेल गये। पटना के कोर्ट में पेशी में मात्र तीन घंटे का समय लगा, बाकी समय उन्होंने आने-जाने या फिर अपनी मर्जी के अनुसार दूसरी जगहों पर बिताया। जांच की रिपोर्ट सहरसा एसपी लिपि सिंह को सौंप दी गई है। आनंद मोहन के साथ एसआई संतोष के अलावा सहरसा जिला बल के चार कांस्टेबल थे।
पटना जाने के लिए मंगवाई निजी एसयूवी
डीएसपी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, एक मामले में आनंद मोहन की पेशी 12 अगस्त को पटना के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम के समक्ष होनी थी। सहरसा मंडल कारा द्वारा इसके लिए पुलिस से कैदी वाहन और पुलिस बल उपलब्ध कराने का पत्र भेजा गया। सहरसा पुलिस लाइन से आर्म्स फोर्श और कैदी वाहन भेजे गये। लेकिन सहायक जेल अधीक्षक ने फोन पर कैदी की तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए छोटी गाड़ी उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद बोलेरो भेजी गई मगर आनंद मोहन उससे नहीं गये। जेल से 11 अगस्त की शाम 5.45 मिनट पर वह किसी निजी एसयूवी गाड़ी से निकले। उसी गाड़ी में पुलिस अफसर और जवान भी मौजूद थे। रात करीब 2 बजे वे पटना पहुंचे।
समस्तीपुर मुसरीघरारी में भी दो घंटे रुके
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद मोहन पटना पहुंचने के बाद स्वास्थ्य का हवाला देकर अपने पाटलिपुत्र स्थित आवास गये। अगले दिन यानी 12 अगस्त को दोपहर 12 बजे वह कोर्ट गये। कोर्ट में तीन बजे तक रहे। कोर्ट से निकलने के बाद वापस पाटलिपुत्र आवास पहुंचे। तबीयत ठीक नहीं होने की बात कहकर चांद मेमोरियल हॉस्पिटल दिखाने भी गये। शाम पांच बजे वहां से सहरसा के लिए चले।रास्ते में बीमारी का हवाला देकर वह समस्तीपुर के मुसरीघरारी में दो घंटे तक रुके। फिर बेगूसराय होते हुए खगड़िया सर्किट हाउस में रुकने को कहा। यहां भी उन्होंने तबीयत ठीक नहीं होने की बात पुलिसवालों से कहा। आनंद मोहन 13 अगस्त की सुबह खगड़िया स्थित आरजेडी ऑफिस गये। दोपहर दो बजे वहां से चले। गाड़ी में खराबी के चलते सोनवर्षा में लगभग एक घंटे रुकना पड़ा। इसके बाद शाम 5.15 बजे पुलिस टीम आनंद मोहन को लेकर सहरसा जेल पहुंची।
सहरसा जेलर समेत तीन अफसर सस्पेंड
आनंद मोहन के जेल से बाहर घूमने के मामले में सहरसा जेलर समेत तीन अफशरों कर दिया गया है। इनपर ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। सहरसा के डीएम आनंद शर्मा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर आईजी (जेल) से लापरवाही बरतने वाले तीन जेलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। मजिस्ट्रियल जांच में पाया गया कि सरकारी ड्यूटी के दौरान सस्पेंड हुए अफसरों ने लापरवाही की थी जेलर मृत्युंजय कुमार, मुख्य वार्डन दानी प्रसाद यादव और वार्डन हरिनंदन कुमार को सस्पेंड किया गया है। इनसे जवाब मांगा गया है कि जब पेशी के लिए निकले आनंद मोहन जेल में समय से वापस नहीं लौटे तो एक्शन क्यों नहीं लिया गया।
कोर्ट के लिए निकले आनंद घूमते रहे, सर्किट हाउस में रात बिताई
सहरसा जेल में बंद बाहुबली लीडरआनंद मोहन की पटना में 12 अगस्त को एक मामले में पेशी थी। 11 अगस्त शाम को वे पुलिसकर्मियों के साथ निजी वाहन में पटना के लिए निकले थे। इस दौरान वे पटना स्थित अपने घर पर चले गये। खगड़िया में सर्किट हाउस में भी रुके। इसके अलावा समस्तीपुर में भी वे अपने घर पर गये थे। आनंद मोहन की जेल से बाहर घूमते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद जो पुलिसकर्मी आनंद मोहन को लेकर गये थे उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। सहरसा डीएम के लेवल से मामले की जांच की गई।