Bihar: शकील अहमद खां बने कांग्रेस विधायक दल के नेता, अजीत शर्मा हटाये गये
बिहार कांग्रेस में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा फेरबदल हुआ है। पार्टी विधायक दल का नेता बदल दिया गया है। अजीत शर्मा को हटाकर शकील अहमद खां को विधायक दल का नया नेता चुना गया है।
- ,19 में 11 MLA बैठक में नहीं आये
- पार्टी की कार्रवाई से नाराज हैं अजित शर्मा?
पटना। बिहार कांग्रेस में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा फेरबदल हुआ है। पार्टी विधायक दल का नेता बदल दिया गया है। अजीत शर्मा को हटाकर शकील अहमद खां को विधायक दल का नया नेता चुना गया है। सदाकत आश्रम मेंआयोजित बैठक में बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास के अलावे बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी तारिक अनवर व पर्यवेक्षक शक्ति सिंह गोहिल मौजूद थे।
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विधायक दल की बैठक में अजीत शर्मा शामिल नहीं हुए। पार्टी की ओर से इस पर कहा गया कि शॉट नोटिस के कारण वह नहीं आ सके। बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम मेंशनिवार को कांग्रेसी विधायक दल की बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक मेंपार्टी के 11 एमएलए अनुपस्थितरहे। केवल आठ एमएलए बैठक में शामिल हुए। बिहार में कांग्रेस के कुल 19 एमएलए हैं। अभी तक विधायक दल के नेता के पद पर आसीन अजीत शर्मा भी बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी के अन्य कई नेता इस बैठक में उपस्थित थे।
बैठक के बाद बताया गया कि आलाकमान के आदेश पर सर्वसम्मति से डॉ शकील अहमद खां को विधायक दल का नयानेता चुन लिया गया। डॉ शकील अहमद खां कटिहार के कदवा के एमएलए है। कहा जा रहा हैकि के वरिष्ठ नेता डॉ शकील अहमद का नाम मंत्रिमंडल में शामिल होनेवालों की सूची में था। किसी कारण सेवह मंत्री नहीं बन पाये तो संतुष्ट करनेके लिए विधायक दल की कमान सौंपी गई है। 2024 के लोकसभा 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए आलाकमान ने शकील अहमद को को यह जिम्मेदारी दी है।
एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि यह फैसला आलाकमान के स्तर पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर जातीय समीकरण को संतुलित करने की दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भूमिहार जाति से आते हैं। विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी भी उसी समाज से हैं। इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि बहुत दिनों से पेंडिंग था। पहले से ही विधायकों ने पार्टी हाईकमान को अपनी भावना से अवगत कराया था। सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखतेहुए यह फैसला लिया गया है।सभी विधायक और विधान पार्षदों की ओर से विधायक दल नेता के चयन के लिए अधिकृत किया गया था। उन्हीं के फैसले को इंप्लीमेंट किया गया है।